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पुजारी मौत मामला: सरकार से वार्ता के लिए गए डेलिगेशन में शामिल न करने पर ब्राह्मण संगठनों में नाराजगी

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Published : Apr 11, 2021, 8:02 PM IST

महुआ में पुजारी शंभू दयाल की मौत के मामले में जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के दौरान रविवार को सरकार से वार्ता के लिए गए प्रतिनिधिमंडल में ब्राह्मण समाज से जुड़े कुछ संगठनों के पदाधिकारियों को शामिल नहीं किया गया था. इस बात को लेकर उनमें नाराजगी है.

पुजारी शंभू दयाल मौत मामला,Officials of Brahmin society angry, Priest Shambhu Dayal death case
ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी नाराज

जयपुर. महुआ में पुजारी शंभू दयाल की मौत के मामले में जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के दौरान रविवार को सरकार से वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल को बुलाया गया लेकिन इस प्रतिनिधिमंडल में ब्राह्मण समाज से जुड़े कुछ संगठनों की अनदेखी पर इनके पदाधिकारी भाजपा व आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं से नाराज हैं.

ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी नाराज

दरअसल रविवार सुबह सचिवालय में आंदोलनकारियों को वार्ता के लिए बुलाया गया था. ऐसे में वार्ता के लिए प्रतिनिधिमंडल में सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भाजपा डॉ. अरुण चतुर्वेदी जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष राघव शर्मा, विधायक अशोक लाहोटी, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा नेत्री सुमन शर्मा, भाजपा मीडिया पैनलिस्ट लक्ष्मीकांत भारद्वाज के साथ ही विप्र फाउंडेशन के राजेश कर्नल को शामिल किया गया जबकि इस अनशन में परशुराम सेना, राजस्थान विप्र महासभा, अंतर्राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा और करणी सेना जैसे संगठनों का भी समर्थन था. अब इनसे जुड़े पदाधिकारी अपनी अनदेखी से नाराज हैं.

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श्री परशुराम सेना के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल चतुर्वेदी ने कहा कि सांसद किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में यह पूरा प्रदर्शन चल रहा था और शुक्रवार को वार्ता के लिए जो प्रतिनिधिमंडल तैयार किया गया उसमें ब्राह्मण संगठनों की अधिक भागीदारी थी लेकिन जब वार्ता के लिए बुलाया गया तो उनको मैसेज तक नहीं दिया गया. चतुर्वेदी ने कहा ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि हम सब चाहते हैं कि इस मामले में मृतक पुजारी के साथ न्याय हो सके.

वहीं राजस्थान विप्र महासभा के अध्यक्ष सुनील उदैया ने इसके लिए प्रतिनिधि मंडल की सूची तैयार करने वालों को जिम्मेदार ठहराया और यह भी कहा कि इस प्रकार की घटना के बाद भविष्य में यह देखा जाएगा कि भाजपा के साथ संयुक्त रूप से इसमें ब्राह्मण संगठनों को खड़ा रहना है या नहीं.

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