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Gehlot Cabinet Reorganization: Pilot Camp से 5 और गहलोत खेमे से 10 पर बन गई बात, कांग्रेस ने दलित वोट बैंक पर भी दिया ध्यान

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Published : Nov 21, 2021, 8:19 AM IST

Updated : Nov 21, 2021, 8:40 AM IST

Gehlot Cabinet Reorganization
आज 11 कैबिनेट मंत्री लेंगे शपथ

राजस्थान मंत्रिमण्डल पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reorganization) की तस्वीर साफ हो गई है. इसमें गोटियां कुछ इस तरह सेट की गई हैं कि मैसेज साफ जाए कि न पायलट हारे हैं और न गहलोत की जीत हुई है. संतुलन बनाने का जुगाड़ कुछ यूं निकाला गया है कि Pilot Camp से 5 तो CM Gehlot Camp से 10 को शामिल किया गया है. कांग्रेस ने दलित वोट बैंक का खास ख्याल रखा है.

जयपुर: जिस गहलोत कैबिनेट पुनर्गठन (Gehlot Cabinet Reorganization) का इंतजार पिछले 6 महीनों से हो रहा था आज उस पर मुहर लग जाएगी. शाम 4 बजे Governor House में मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी (Oath Taking Ceremony ). इसके साथ ही कैबिनेट पुनर्गठन को लेकर जारी रस्साकशी पर भी विराम लग जाएगा. देर शाम राज्य सरकार की ओर से एक सूची जारी की गई जिसमें 11 कैबिनेट और चार राज्य मंत्री बनाए जाने का जिक्र था.

3 का प्रमोशन

11 कैबिनेट मंत्रियों (Cabinet Ministers) में से गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet) में पहले से राज्य मंत्री के तौर पर शामिल ममता भूपेश (Mamta Bhupesh), भजन लाल जाटव (Bhajan Lal Jatav) और टीकाराम जूली (Tikaram Juli) को प्रमोट करते हुए कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. वहीं पिछले साल राजनीतिक उठापटक के समय सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ बर्खास्त किए गए दोनों मंत्रियों रमेश मीणा (Ramesh Meena) और विश्वेंद्र सिंह (Vishvendra Singh) को फिर से गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet) में शामिल कर लिया गया है. इसके साथ ही गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में 3 महिलाओं को भी मंत्री बनाया गया है.

पायलट कैंप के वो 5!

हर किसी की नजर थी कि कैबिनेट पुनर्गठन (Cabinet Reorganization) में सचिन पायलट कैंप (Pilot Camp) से जुड़े कितने विधायकों को जगह मिलती है, तो आपको बता दें कि सचिन पायलट कैंप के पांच मंत्री बनाए गए हैं. इनमें से सचिन पायलट (Sachin Pilot) के साथ बर्खास्त किए गए विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को वापस कैबिनेट मंत्री बनाया गया है तो वही हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. इसी तरीके से पायलट कैम्प के बृजेंद्र सिंह ओला और मुरारी लाल मीणा को राज्य मंत्री बनाया गया है। वैसे भी सचिन पायलट कैंप के अधिकतम 6 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता था. इनमें से 5 विधायकों को मंत्री बना दिया गया है केवल एक दीपेंद्र सिंह शेखावत का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं है जिन्हें कहा जा रहा है कि कहीं और एडजस्ट कर दिया जाएगा.

पढ़ें-गहलोत की टीम में ये चेहरे होंगे शामिल..11 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री के रूप में लेंगे शपथ

CM ने नहीं मांगा इस्तीफा

तीन मंत्रियों गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (PCC Chief) ,रघु शर्मा (Raghu Sharma) के गुजरात प्रभारी और हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) के पंजाब प्रभारी बनाए जाने के चलते 1 व्यक्ति, 1 पद का सिद्धांत लागू हुआ और इन तीनों मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया. इन 3 के अलावा गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet) के वर्तमान सदस्यों में से किसी मंत्री को हटाया नहीं गया है.

यहां तक की गहलोत ने अपने कैम्प (Gehlot Camp) के 8 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री बनाने का फैसला लिया. इन 8 कैबिनेट मंत्रियों में महेंद्रजीत सिंह मालवीय (Mahendra Jeet Singh Malviya), रामलाल जाट (Ramlal Jat), महेश जोशी (Mahesh Joshi), ममता भूपेश, भजन लाल जाटव, टीकाराम जूली, गोविंद राम मेघवाल (Govind Ram Meghwal) और शकुंतला रावत (Shakuntala Rawat) शामिल हैं. वहीं जाहिदा (Zahida) और राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को राज्य मंत्री बनाया जाना तय है.

तीन उपाध्यक्षों को छोड़ना पड़ेगा पद

एक तरफ तो कांग्रेस पार्टी (Congress) ने 1 व्यक्ति, 1 पद के सिद्धांत के तहत गोविंद डोटासरा (Govind Singh Dotasra), रघु शर्मा (Raghu Sharma) और हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) को कैबिनेट से हटा दिया वहीं, दूसरी ओर मंत्रिमण्डल लिस्ट में कुछ ऐसे नाम शामिल हैं जो इस सिद्धांत को कटघरे में खड़े करते हैं. इन मंत्रियों में महेंद्रजीत सिंह मालवीय ,रामलाल जाट और गोविंद राम मेघवाल शामिल हैं. ये तीनों राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के उपाध्यक्ष भी हैं ऐसे में इन उपाध्यक्षों को अब कांग्रेस उपाध्यक्ष पद छोड़ना पड़ेगा.

12 जिलों के हाथ खाली

राजस्थान में कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) को लेकर कहा जा रहा था कि इस बार कैबिनेट में क्षेत्रीय संतुलन साधते हुए मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार में ऐसा दिखा नहीं. संगठन में गए तीन मंत्रियों के हटने के बाद 16 जिले ऐसे थे जिनमें कोई प्रतिनिधित्व नहीं था. हालांकि मंत्रिमंडल पुनर्गठन के बाद भी 12 जिले ऐसे हैं जिनके हाथ खाली रह गए हैं. इनमें उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, सिरोही, धौलपुर, टोंक, सवाई माधोपुर ,हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर ,चूरू ,अजमेर और सीकर हैं. जयपुर भरतपुर दौसा और बीकानेर ऐसे जिले हैं जहां मंत्रियों की संख्या सबसे ज्यादा है.

गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet) में अब मुख्यमंत्री समेत 30 मंत्रियों में से जयपुर से 4 मंत्री लालचंद कटारिया ,प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ,महेश जोशी और राजेंद्र यादव, भरतपुर से 4 मंत्री भजन लाल जाटव, विश्वेंद्र सिंह ,सुभाष गर्ग और जाहिदा, दौसा से 3 मंत्री परसादी लाल मीणा, ममता भूपेश और मुरारी लाल मीणा ओर बीकानेर से 3 मंत्री बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी और गोविंद मेघवाल हैं. ऐसे में 30 में से 14 मंत्री तो 4 जिलों से हैं. इसके अलावा झुंझुनू से दो मंत्री बृजेंद्र ओला और राजेंद्र गुड्डा, बांसवाड़ा से दो मंत्री अर्जुन बामणिया और महेंद्रजीत सिंह मालवीय, अलवर से दो मंत्री शकुंतला रावत और टीकाराम जूली, कोटा से 2 मंत्री प्रमोद जैन भाया और शांति धारीवाल ,भीलवाड़ा से रामलाल जाट ,बाड़मेर से हेमाराम चौधरी , करौली से रमेश मीणा, सुखराम बिश्नोई जालौर से अशोक चांदना बूंदी से ,सालेह मोहम्मद जैसलमेर से,जोधपुर से अशोक गहलोत मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) है.

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15 में से 4 कैबिनेट मंत्री SC

आज भी कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) में कांग्रेस पार्टी ने अपने दलित वोट बैंक (Dalit Vote Bank) को साधने का पूरा प्रयास किया है .जहां मास्टर भंवरलाल के निधन के बाद एक भी एससी (SC) का कैबिनेट मंत्री नहीं था ,तो अब 4 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं .जिनमें ममता भूपेश, भजन लाल जाटव, टीकाराम जूली और गोविंद राम मेघवाल शामिल है. एसटी (ST) से भी 3 मंत्री शामिल किए गए है जिनमें रमेश मीणा, मुरारी लाल मीणा और महेंद्रजीत सिंह मालवीय शामिल है. अब गहलोत कैबिनेट की तस्वीर देखी जाए तो 30 में से चार मंत्री एससी केटेगरी है जो चारों कैबिनेट मंत्री है. तो इसी तरीके से पांच मंत्री एसटी कैटेगरी के हैं जिनमें से 3 कैबिनेट और 2 राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री है.

राजेंद्र गुढ़ा को मौका

गहलोत कैबिनेट में एक भी निर्दलीय विधायक (Independent) को मंत्री पद नहीं दिया गया है ,जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को 13 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है. तो वहीं बसपा से कांग्रेस में (BSP To Congress) शामिल हुए 6 विधायकों में से केवल एक राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को मंत्री बनाया गया है. इसके अलावा सभी पांच विधायक खाली हाथ रह गए हैं. अब निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों में से कुछ विधायकों को संसदीय सचिव और मुख्यमंत्री के सलाहकार के पदों पर एडजस्ट किया जा सकता है.

15 संसदीय सचिव और 7 बनेंगे CM के सलाहकार

राजस्थान में कैबिनेट विस्तार के बाद जहां मंत्रियों के पूरे 30 पद भर दिए जायेंगे. साफ है कि मंत्री बनाने की गुंजाइश अब गहलोत कैबिनेट (Gehlot Cabinet) में नहीं है. ऐसे में गहलोत सरकार (Gehlot Sirkar) 15 विधायकों को संसदीय सचिव बनाएगी, तो वहीं सात विधायकों को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के सलाहकार के पद दिए जाएंगे.

Last Updated :Nov 21, 2021, 8:40 AM IST
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