जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पुलिस उप निरीक्षक भर्ती 2016 के बुधवार से शुरू होने वाले साक्षात्कार में याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को शामिल करने के आदेश दिए हैं. हालांकि अदालत ने इनके परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखने के आदेश देते हुए बिना अदालत की अनुमति के जारी नहीं करने को कहा है. न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुमित कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता राम प्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी की ओर से आयोजित लिखित परीक्षा के बाद पुलिस विभाग ने सफल अभ्यर्थियों की शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित की थी. दक्षता परीक्षा के बाद याचिकाकर्ताओं को कम अंक लाना बताकर साक्षात्कार से वंचित कर दिया गया. जबकि याचिकाकर्ताओं के लिखित और शारीरिक दक्षता परीक्षा के कुल अंक कट ऑफ से अधिक हैं.
पढ़ें: राजस्थान में भी हो सकता है गैंगस्टर विकास दुबे, राजस्थान पुलिस के संपर्क में यूपी ATS
इसके अलावा शारीरिक दक्षता परीक्षा होने के बाद मौके पर याचिकाकर्ताओं को उत्तीर्ण होना बताया गया था, लेकिन विभाग की ओर से बाद में जारी परिणाम में याचिकाकर्ताओं को कुछ अंकों से असफल बता दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि उन्होंने तय समय में शारीरिक दक्षता परीक्षा पूरी की थी. ऐसे में दक्षता परीक्षा की वीडियो रिकॉर्डिंग अदालत में पेश की जाए. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से दिए जवाब से एकलपीठ संतुष्ट नहीं हुई. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है.