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सोशल मीडिया पर राष्ट्रपिता के अपमान को हाईकोर्ट में चुनौती

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Published : Nov 11, 2019, 10:17 PM IST

सोशल मीडिया पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है. पीआईएल में राजस्थान के मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी को पक्षकार बनाया गया है.

Jaipur High Court News, जयपुर न्यूज

जयपुर. सोशल मीडिया पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है. पीआईएल में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी को पक्षकार बनाया है. अधिवक्ता विवेक कुशवाहा की ओर से दायर पीआईएल पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी.

पीआईएल में कहा कि सोशल मीडिया फेसबुक सहित अन्य पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट डाली जा रही हैं. इस तरह से कुछ लोगों द्वारा गांधीजी की छवि को धूमिल किया जा रहा है. जबकि गांधी जी राष्ट्रपिता हैं और सदैव रहेंगे. किसी को भी उनकी इस उपाधि को छीनने का अधिकार नहीं है.

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गांधीजी का अपमान किसी भी संस्था के अपमान से बड़ा है. लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. संविधान में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित किया गया है. इसलिए सोशल मीडिया पर गांधीजी के अपमानजनक पोस्ट डालने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ ऐसी पोस्ट को रोका जाए.

Intro:जयपुर। सोश्यल मीडिया पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अपमान को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है। पीआईएल में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव व डीजीपी को पक्षकार बनाया है।Body:अधिवक्ता विवेेक कुशवाहा की ओर से दायर पीआईएल पर 15 नवंबर को सुनवाई होगी। पीआईएल में कहा कि सोश्यल मीडिया फेसबुक सहित अन्य पर कुछ असामाजिक लोगों व तत्वों द्वारा महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट डाली जा रही हैं। इस तरह से कुछ लोगों द्वारा गांधीजी की छवि को धूमिल किया जा रहा है। जबकि गांधी जी राष्ट्रपिता हैं और सदैव रहेंगे और किसी को भी उनकी इस उपाधि को छीनने का अधिकार नहीं है। गांधीजी का अपमान किसी भी संस्था के अपमान से बढ़ा है। लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार ने ऐसा करने वालों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। संविधान में भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को सीमित किया गया है। इसलिए सोश्यल मीडिया पर गांधीजी के अपमान डालने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए और उनके खिलाफ ऐसी पोस्ट को रोका जाए।Conclusion:
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