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विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने से सकते में विपक्ष, नेता प्रतिपक्ष बोले सत्र तो बुलाना बेहद जरूरी

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Published : Sep 16, 2021, 12:50 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 2:18 PM IST

Gulabchand Kataria
गुलाबचंद कटारिया बोले सत्र है जरूरी

विधानसभा में (Vidhansabha Proceedings) ने सबने स्पीकर सीपी जोशी (Speaker CP Joshi) की नाराजगी देखी. इस अप्रत्याशित व्यवहार से सब सकते में हैं. जोशी ने विधायकों, मंत्रियों के व्यवहार से खफा होकर 15 सितम्बर (बुधवार) की कार्यवाही स्थगित कर दी. अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) का कहना है कि गहलोत सरकार (Gehlot Government) के लिए ये सत्र बेहद जरूरी है नहीं तो उसके कई काम अटक जायेंगे.

जयपुर: राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) का सत्र अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी ने नाराज होकर अनिश्चितकाल (Adjourned For Indefinite Period) के लिए स्थगित कर दिया. वजह जगजाहिर है. दरअसल, सत्ता पक्ष के विधायकों का व्यवहार स्पीकर को रास नहीं आया और उन्होंने अपनी राय जाहिर कर दी. अब इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अपनी राय दी है. उनका कहना है ऐसा मुमकिन ही नहीं.

विधानसभा कार्यवाही स्थगित : स्पीकर सीपी जोशी ने नाराज होकर कहा-'अध्यक्ष पद से मुझे हटा दीजिये'..और सदन कर दिया अनिश्चित काल के लिए स्थगित

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के अनुसार राजस्थान राज्य वित्तीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन संशोधन विधायक 2021 और एप्रोसिएशन बिल भी पास करवाना जरूरी है वरना सरकार को आगे खर्चा करने में दिक्कत आएगी. कटारिया के अनुसार न केवल सरकार बल्कि आमजन के लिए भी जरूरी है कि बचे हुए बिल सदन में पारित हों और उसके लिए सत्र को बुलाना ही पड़ेगा. हालांकि यह विधानसभा अध्यक्ष को तय करना है कि वह कब बुलाते हैं. कटारिया ने कहा भाजपा के विधायक आज यहां पर ही इस बात का इंतजार कर रहे हैं और संभवत इस पर निर्णय हो जाएगा.

सत्र तो बुलाना बेहद जरूरी
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में 18 सितंबर तक 9 बिल पारित होने थे लेकिन बुधवार को ही विधानसभा अध्यक्ष ने सत्तापक्ष के विधायकों के रवैए से नाराज होकर अनिश्चितकाल के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी. बचे हुए बिल पारित नहीं होने से राज्य सरकार से लेकर आम जनता तक के लिए कुछ दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं. इनमें गांव और शहर में होने वाले पट्टा वितरण, रिजर्व बैंक से लोन लेने का अनुमोदन और योजनाओं पर तय बजट से अधिक खर्च होने से जुड़ी अतिरिक्त 3163 करोड़ की सप्लीमेंट्री डिमांड से जुड़ी वित्तीय मंजूरी के मुद्दे भी शामिल हैं. वहीं मिलावट से जुड़े अपराध पर भी कड़े प्रावधान के लिए बिल पारित होने हैं.
Last Updated :Sep 16, 2021, 2:18 PM IST
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