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राजस्थान में पीएम मोदी का चेहरा ही जीत के लिए काफी, तीसरे मोर्चे का राजस्थान में कोई भविष्य नहीं: कटारिया

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Published : Mar 20, 2022, 6:06 PM IST

Updated : Mar 20, 2022, 6:12 PM IST

राजस्थान विधानसभा चुनाव में अब दो साल से भी कम समय रह गया है. सभी दल तैयारी में जुट गए हैं. पंजाब में आप की जीत के बाद तीसरे मोर्चे या तीसरे विकल्प को लेकर चर्चा तेज हो गई है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि राजस्थान में तीसरे मोर्चे का कोई भविष्य नहीं है. यह भी कहा कि यहां भाजपा को किसी चेहरे की जरूरत नहीं, पीएम मोदी का चेहरा ही जीत दिलाने के लिए काफी है.

Gulab Chand Kataria statement
कटारिया का तीसरे मोर्चे पर बयान

जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव में करीब पौने दो साल का समय शेष है. राजनीतिक दल और नेता अभी से तैयारियों में जुट गए हैं. कोई दौरों और प्रवास के जरिए तो कुछ विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए अपनी क्षमता दिखाने में जुटा है. इस बीच 'आप' और आरएलपी भी तीसरी शक्ति का दंभ भर रहीं हैं. हालांकि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने इस बीच साफ कर दिया है कि राजस्थान में मोदी का चेहरा ही भाजपा की जीत के लिए काफी है और तीसरा दल या मोर्चे का यहां कोई वजूद नहीं है.

राजे-पूनिया चुनावी तैयारी में जुटे, समर्थक सीएम चेहरा घोषित करने की कर रहे मांग
राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे इन दिनों खासी सक्रिय नजर आ रही हैं. पिछले कुछ माह की बात की जाए तो वसुंधरा ने उदयपुर भरतपुर सहित कई संभागों में दौरे कर वहां की सियासी नब्ज टटोलना शुरू कर दिया है. हाल ही में कोटा संभाग में भी राजे ने दौरे कर समर्थकों को एकजुट किया. कहने को ये राजे के व्यक्तिगत दौरे हैं लेकिन सियासत के जानकार कहते हैं इन्हीं दौरों के जरिए वसुंधरा राजस्थान में विरोधियों को एक बार फिर अपनी ताकत का एहसास करवा रहीं हैं.

कटारिया का तीसरे मोर्चे पर बयान

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उधर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया लगातार अलग-अलग जिलों में संगठनात्मक दौरे कर रहे हैं. आलम यह है विधानसभा सत्र के दौरान भी पूनिया कई जिलों के दौरे कर आए हैं. मतलब वसुंधरा राजे संभाग में तो पूनिया संगठनात्मक मजबूती के लिए अलग-अलग जिलों में दौरे कर रहे हैं. इस बीच राजे समर्थक यह बयान देते आए हैं की राजस्थान में राजे से बड़ा कोई और चेहरा है ही नहीं. यही नहीं कार्यकर्ता अब मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा करने की भी मांग करने लगे हैं.

सियासी जानकार कहते हैं केवल राजे और पूनिया ही नहीं बल्कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर सहित कुछ और बड़े चेहरे हैं जो 'सीएम फेस' की कतार में शामिल हैं लेकिन अब तक खुलकर मैदान में नहीं उतरे हैं.

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राजस्थान में चेहरे की जरूरत नहीं, पीएम मोदी का चेहरा ही काफी- कटारिया
अगले चुनाव के लिए चल रही चेहरों की आंतरिक जंग के बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि राजस्थान में बीजेपी के चुनाव जीतने के लिए कोई चेहरा घोषित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चेहरा ही भाजपा की जीत के लिए काफी है. कटारिया ने कहा कि चार राज्यों के चुनाव परिणाम में भाजपा की जीत के बाद आम जनता ही नहीं बल्कि पार्टी से जुड़े तमाम नेता व कार्यकर्ता इस बात को समझते भी हैं और इससे सहमत भी हैं. कटारिया ने कहा कि यह अभिमान किसी को नहीं पालना चाहिए कि पार्टी के बिना वह खुद सब कुछ हो जाएगा. यदि गुलाब चंद कटारिया भी बिना पार्टी के चुनाव लड़ेंगे तो उनकी भी जमानत जब्त हो जाएगी.

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आम आदमी पार्टी नहीं आती नजर, कोई वजूद ही नहीं
पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत के बाद राजस्थान में आप नेताओं की ओर से किए जा रहे दावों को भी कटारिया ने सिरे से नकार दिया. कटारिया ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के आगे बढ़ने की स्थिति उसकी लीडरशिप के जरिए झलकती है और राजस्थान में ऐसा संभव नहीं कि कोई भी व्यक्ति बाहर से आकर आम आदमी पार्टी का चुनाव लड़े और जीत जाए. कटारिया ने कहा आप का राजस्थान में कोई वजूद नहीं और तीसरा मोर्चा भी यहां कुछ खास नहीं कर पाएगा.

भाजपा का साथ छूटा तो नागौर में जिला प्रमुख भी नहीं बना पाई आरएलपी -कटारिया
आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के राजस्थान में तीसरे दल की सरकार बनने के दावे को भी कटारिया ने सिरे से खारिज किया. कटारिया ने कहा कि पहले आरएलपी बीजेपी के समर्थन में थी लेकिन जब समर्थन हटाया तब नागौर में जिला प्रमुख का चुनाव तक नहीं जीत पाई. कटारिया ने कहा यदि आरएलपी में दम होता तो कम से कम अपने जिले में तो जिला प्रमुख का चुनाव जीत जाती.

Last Updated :Mar 20, 2022, 6:12 PM IST
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