Drones for Spraying Pesticides : कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 1000 ड्रोन करेंगे किसानों की मदद, 40 करोड़ की आएगी लागत

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Published : Jul 20, 2022, 4:59 PM IST

Drones for Spraying Pesticides

राजस्थान राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक में प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि कीटनाशकों के ​प्रभावी और सुरक्षि​त छिड़काव के लिए 1000 ड्रोन खरीदे (1000 drones for spraying pesticides) जाएंगे. इनकी लागत करीब 40 करोड़ रुपए आएगी. ये ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाएंगे.

जयपुर. प्रदेश के किसानों के लिए अच्छी खबर है. प्रभावी और सुरक्षित तरीके से कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार 40 करोड़ रुपए की लागत से 1000 ड्रोन (government to buy 1000 drones) खरीदेगी. जिससे फसल की रक्षा हो सकेगी और कम लागत से उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी.

1000 हजार ड्रोन खरीदे जाएंगे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएम निवास पर राजस्थान राज्य कृषि बजट की समीक्षा बैठक (State agriculture budget review meeting) की. बैठक में बताया गया कि 40 करोड़ रुपए की लागत से 1000 ड्रोन ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को उपलब्ध करवाए जाने का कार्य किया जा रहा है. इससे किसान प्रभावी एवं सुरक्षित तरीके से कम समय में कीटनाशकों का छिड़काव कर सकेंगे, जिससे फसल की रक्षा हो सकेगी एवं कम लागत से उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी.

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किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध: गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में किसानों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने पहली बार अलग से कृषि बजट प्रस्तुत किया. हमारी पूरी कोशिश है कि कृषि बजट में की गई घोषणाओं की क्रियान्विति सुनिश्चित कर इन्हें धरातल पर उतारा जाए. उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे कृषि प्रावधान किए जाने चाहिए जिससे कृषि संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लघु और सीमांत किसानों को मिल सके.

ड्रिप इरिगेशन ही राज्य में सिंचाई का भविष्य: मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि ड्रिप इरिगेशन से उत्पादन में बढ़ोतरी होती (Drip irrigation in Rajasthan) है. राजस्थान जैसे मरूस्थलीय प्रदेश में ड्रिप इरिगेशन ही सिंचाई के लिए एक दीर्घकालिक समाधान है. सरकार की ओर से बजट में 4 लाख किसानों को ड्रिप इरिगेशन से लाभांवित करने के लिए 1705 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में ड्रिप इरिगेशन के लिए राजस्थान सूक्ष्म सिंचाई मिशन के अंतर्गत 1.60 लाख कृषकों को सिंचाई संयंत्र उपलब्ध कराने के लिए स्वीकृति जारी कर दी गई है. इसी क्रम में बजट में घोषित 825 करोड़ की सब्सिडी के अंतर्गत अब तक 9,738 फार्मपौण्ड व 1,892 डिग्गियों के निर्माण के लिए स्वीकृति जारी की जा चुकी है. वहीं, किसानों को सोलर पंप की स्थापना के लिए 22,807 कार्य आदेश जारी किए जा चुके हैं. इन सोलर पंपों पर सरकार की ओर से 61.58 करोड़ का अनुदान किया जा रहा है.

राज्य में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता: मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खरीफ की फसल के लिए खाद-बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. लघु एवं सीमांत किसानों को 10 लाख बाजरा मिनीकिट्स एवं 2 लाख सूक्ष्मतत्व व जैव कीटनाशक किट का वितरण शुरू किया जा चुका है. राज्य में 0.49 लाख मीट्रिक टन यूरिया एवं 0.37 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक भंडारित किया जा चुका है. इस वर्ष अभी तक मानसून सामान्य रहने से 11 जिलों में सामान्य वर्षा एवं 22 जिलों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई है. राज्य में 76 प्रतिशत बुवाई का कार्य किया जा चुका है.

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प्रदेश में खोले जाएंगे 29 कृषि महाविद्यालय: बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 29 कृषि महाविद्यालयों के अस्थायी भवन की व्यवस्था एवं भूमि आवंटन की कार्यवाही जारी है. ये कृषि महाविद्यालय उच्च शिक्षा विभाग के अधीन संचालित होंगे. वहीं देवली, टोंक में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

सभी संभागों में लैब: बैठक में बताया गया कि सरकार की ओर से जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को देखते हुए राजस्थान संरक्षित खेती मिशन के तहत ग्रीन हाउस, शेडनेट, लॉटनल, प्लास्टिक मल्चिंग आदि तकनीकों के उपयोग के लिए किसानों को सब्सिडी दी जा रही है. 12,500 किसान इस योजना से लाभांवित हो चुके हैं. जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए सभी संभागों में 15 करोड़ की लागत से लैब बनाने के लिए डीपीआर करवाई जा रही है. वहीं ऑर्गेनिक कमोडिटी बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. सभी संभाग मुख्यालयों पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर माइक्रो इरिगेशन की स्थापना का कार्य प्रगति पर है.

सरकार लघु व सीमांत किसानों के उत्थान के लिए संकल्पित: गहलोत ने कहा कि राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन के अंतर्गत 12 लाख लघु व सीमांत किसानों को 78 करोड़ की लागत से बीज मिनीकिट्स के वितरण का कार्य किया जा रहा है. राजस्थान कृषि बीज स्वाम्बलन योजना से राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के अंतर्गत महंगे यंत्रों और उपकरणों की खरीद पर 108.80 करोड़ रुपए अनुदान दिया जा रहा है. वर्तमान में संचालित 371 कस्टम हायरिंग केन्द्रों से सस्ती दरों पर किसानों को ट्रेक्टर, थ्रेशर, रोटोवेटर आदि कृषि यंत्र व उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे है. उन्होंने कहा कि राजस्थान फसल सुरक्षा योजना के अंतर्गत तारबंदी के लिए किसानों को 125 करोड़ रुपए के अनुदान दिया जा रहा है.

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फलों और मसालों की खेती को मिल रहा प्रोत्साहन: मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान उद्यानिकी विकास मिशन के तहत फलों और मसालों की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए 15000 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों की खेती के साथ ही 1500 हेक्टेयर क्षेत्र में मसालों की खेती का लक्ष्य निर्धारण कर कार्य किया जा रहा है. फल बगीचों की स्थापना के लिए अनुदान सीमा 50 से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी गई है. योजना अंतर्गत आवेदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान करने का कार्य जारी है. साथ ही खजूर की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की ओर से खजूर बगीचा स्थापित करने के साथ टिश्यू कल्चर पौध आपूर्ति के लिए अनुदान दिया जा रहा है.

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