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गहलोत सरकार की धमकी! NPS में निकाली गई राशि वापस जमा कराएं कर्मचारी, नहीं तो...

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Published : Sep 7, 2022, 9:59 AM IST

Updated : Sep 7, 2022, 10:16 AM IST

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एनपीएस पर राजस्थान सरकार ने मंगलवार 6 सितम्बर को नया फरमान जारी किया. वित्त विभाग के नए आदेश के अनुसार 2004 के बाद लगे कर्मचारियों की ओर से एनपीएस में निकाली गई राशि 31 दिसंबर से पहले वापस जमा करानी होगी, नहीं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

जयपुर. न्यू पेंशन स्कीम के तहत 1 अप्रैल से 28 अगस्त के बीच में निकाली गई राशि को कर्मचारियों को वापस से जमा कराना होगा. वित्त विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी किए हैं. आदेश के अनुसार कर्मचारी की ओर से निकाली गई आंशिक राशि को चार किस्तों में जमा कराना होगा, नहीं तो उसके खिलाफ 28 अगस्त के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी.

क्या है आदेश?: वित्त विभाग की ओर से निकाले गए आदेश में कहा गया है कि NPS से निकाली राशि को सरकारी कर्मियों को वापस जमा करानी होगी. इसके लिए कर्मचारियों को 31 दिसम्बर तक का समय दिया गया है (NPS Vs OPS). कर्मचारी 4 किश्तों में राशि वापस जमा कर सकते हैं. आदेश में कहा गया है कि कर्मचारी को 1 अप्रैल से 28 अगस्त 2022 तक निकाली गई राशि को वापस जमा कराना होगा, चेतावनी दी है कि अगर 28 अगस्त के बाद भी एनपीएस के तहत राशि निकाली गई तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी.

Gehlot Government warns Employee
सरकारी आदेश की कॉपी

28 अगस्त का आदेश: बता दें कि 28 को वित्त विभाग की ओर से जारी परिपत्र में कहा गया था कि प्रदेश में 19 मई 2022 से एक बार फिर 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए भी ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया गया है. इस स्कीम के लागू होने के साथ ही न्यू पेंशन स्कीम का राजस्थान में अब कर्मचारियों के लिए कोई अस्तित्व नहीं रहता है , लेकिन बावजूद इसके देखने में आ रहा है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी एनपीएस की अंशदान राशि को निकलवाने के लिए आवेदन कर रहे हैं. ये 19 मई 2022 के आदेश का पूरी तरीके से उल्लंघन है. आदेश में कहा गया है कि कोई भी कर्मचारी अगर एनपीएस के अंशदान राशि के लिए आवेदन करता है या राशि निकलवा ता है तो यह माना जाएगा कि वो ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं लेना चाहता. सरकारी कर्मचारी को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं देगी और उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है.

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आदेश की वजह ये!: राजस्थान में गहलोत सरकार ने विधानसभा सत्र में घोषणा करते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम को पुनः लागू किया था , लेकिन बावजूद इसके प्रदेश के कई कर्मचारी एनपीएस के तहत अंशदान निकालने की योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर रहे थे. इस तरह के आवेदन की लगातार सरकार के पास शिकायत आ रही थी . लगातार बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सरकार ने इसके लिए चेतावनी पत्र जारी किया है. इस परिपत्र से अब ये स्पष्ट है कि कोई भी कर्मचारी जो 2004 के बाद नियुक्त हुआ था अगर वो एनपीएस के किसी भी लाभ के लिए आवेदन करता है तो वो सरकार के आदेश की अवहेलना के रूप में माना जाएगा.

एनपीएस का प्रावधान: बता दें कि 2004 के बाद नियुक्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को केंद्र सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम में शामिल किया था , जिसमें एक अनुदान कर्मचारी के हिस्से का तो दूसरा हिस्सा सरकार की ओर से शामिल किया जाता था. एनपीएस के तहत जमा हुई राशि में कर्मचारियों के लिए प्रावधान था कि वो आवश्यकता के अनुसार अंशदान की कुछ राशि को निकलवा सकता था.

Last Updated :Sep 7, 2022, 10:16 AM IST
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