महंगाई का करंट: बिजली उपभोक्ताओं से Discom वसूलेगा 550 करोड़, भाजपा बोली- ये कांग्रेस की मंहगाई का बूस्टर डोज

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Published : Nov 15, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Nov 15, 2021, 10:57 PM IST

Fuel surcharge in power bills
Fuel surcharge in power bills ()

एक बार फिर प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को डिस्कॉम ने झटका दिया है. ये झटका फ्यूल सरचार्ज के रूप में दिया गया है. प्रदेश में उपभोक्ताओं से प्रति यूनिट 25 पैसे सरचार्ज वसूला जाएगा. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड ने इस मामले में सरकार को आड़े हाथों लिया है.

जयपुर. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर डिस्कॉम ने बढ़ती महंगाई के बीच झटक दिया है. जयपुर डिस्कॉम ने फ्यूल सरचार्ज के रूप में अप्रैल से जून 2021 की तिमाही के लिए प्रति यूनिट 25 पैसे सरचार्ज वसूली का आदेश जारी किया है. यह वसूली दिसंबर से फरवरी माह के बिजली के बिलों के जरिए की जाएगी. उधर, भाजपा ने इस आदेश को गहलोत सरकार की ओर से जनता को दिया महंगाई का बूस्टर डोज करार दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस सरकार को घेरा है.

डिस्कॉम के आरइआरसी विनियमन 2019 के खंड 88 के तहत जारी किए गए इस आदेश में इस साल अप्रैल से जून तक 3 महीने के लिए 33 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज की वसूली के निर्देश दिए गए हैं. इसकी वसूली आगामी 3 माह के बिजली के बिलों में की जाएगी. इसके जरिए जयपुर डिस्कॉम करीब 550 करोड़ रुपए बिजली उपभोक्ताओं से जुटाएगा. हालांकि कृषि कनेक्शन जिस पर सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है, उन पर गणना के बाद इसका पुनर्भरण सरकार की ओर से किया जाएगा. इसके पहले डिस्कॉम ने जनवरी से मार्च माह के बिलों में 16 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज लगाया था.

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वैट कम किया नहीं, जनता को फिर दिया महंगी बिजली का करंट- पूनिया

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने सोमवार रात एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस सरकार के 3 वर्ष के शासनकाल में लगातार महंगाई बढ़ रही है. बार-बार बिजली बिलों पर फ्यूल सरचार्ज बढ़ाने से प्रदेश के लगभग 1.52 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं की जेब पर भारी मार पड़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री गहलोत से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की लगातार मांग कर रही है, जिस पर ध्यान नहीं देने की बजाए उन्होंने बिजली की दरें बढ़ाकर एक और जनविरोधी फैसला किया है.

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पूनिया ने कहा कि अशोक गहलोत ने बिजली दरें नहीं बढ़ाने का वादा किया था, लेकिन फ्यूल सरचार्ज, स्थाई शुल्क व स्मार्ट मीटर के नाम पर बिजली दरें बढ़ाकर प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ लूट की जा रही है. इसका सबसे ज्यादा बोझ किसान, व्यापारी और आमजन पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी पेट्रोल-डीजल पर वैट बढ़ाकर प्रदेश की जनता के साथ कुठाराघात किया था और इसी दौरान 3 महीने के बिजली बिल माफ करने के बजाए पैनल्टी लगाकर वसूली की गई, जिससे आमजन पीड़ित है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि जनहित में बढ़ी बिजली दरें वापस हों और पेट्रोल-डीजल पर वैट कम कर प्रदेश की जनता को महंगाई के बोझ से निजात दिलाई जाए.

कांग्रेस ने जन जागरण अभियान में दिया महंगाई का बूस्टर डोज-राठौड़

खास बात यह है कि आदेश तब निकला जब प्रदेश कांग्रेस ने 14 नवंबर से ही महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ जन जागरण अभियान की शुरुआत की थी. यही कारण है कि प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अब बढ़ती महंगाई के लिए गहलोत सरकार की गलत नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है. राठौड़ ने ट्वीट कर लिखा पेट्रोल-डीजल पर वैट की कमी नहीं करना और बार-बार फ्यूल सरचार्ज के जरिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार डालना. कुल मिलाकर गहलोत सरकार की मंशा आमजन की लड़खडाई अर्थव्यवस्था को सुधारने के बजाय और कमजोर करने की है.

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राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के जन जागरण अभियान ने प्रदेश की जनता को महंगाई का बूस्टर डोज देकर अच्छी तरह से जागरूक कर दिया है. क्योंकि राजस्थान में एक बार फिर 33 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के माध्यम से विद्युत उपभोक्ताओं से करीब 550 करोड़ रुपए का झटका दिया जाएगा.

Last Updated :Nov 15, 2021, 10:57 PM IST
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