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Job Fraud in Jaipur: भाई की सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दे विवाहिता से 2.50 लाख रुपए की ठगी

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Published : Jul 15, 2022, 5:39 PM IST

जयपुर के करधनी थाना क्षेत्र में एक विवाहिता के भाई की सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया (Fraud in the name of government job) है. आरोपी ने महिला के भाई की सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर 2.50 लाख रुपए ऐंठ लिए. हालांकि इसके बाद ना तो आरोपी ने नौकरी लगवाई और ना ही पैसे वापस दिए. इस पर विवाहिता ने कोर्ट के जरिए मामला दर्ज करवाया है.

Fraud in the name of government job in Jaipur, married woman filed case
भाई की सरकारी नौकरी लगाने का झांसा दे विवाहिता से 2.50 लाख रुपए की ठगी

जयपुर. राजधानी के करधनी थाना इलाके में ठगों ने एक विवाहिता को उसके भाई की सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर 2.50 लाख रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया (Fraud in the name of government job) है. इस संबंध में मॉडल टाउन निवासी 32 वर्षीय रिंकी पांडे ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. प्रकरण की जांच कर रहे जांच अधिकारी मोतीलाल शर्मा ने बताया कि रिंकी पांडे वर्ष 2019 में अपने एक परिचित डॉ ओम प्रकाश चौधरी के संपर्क में आई. ओम प्रकाश ने केंद्रीय मंत्रालयों में अपनी अच्छी जान पहचान होने का हवाला देकर किसी भी व्यक्ति की सरकारी नौकरी लगाने के लिए संपर्क करने के लिए कहा. जिस पर रिंकी ने अपने भाई जय शंकर की सरकारी नौकरी लगाने के लिए ओम प्रकाश से बातचीत की.

कई मंत्रियों के साथ फोटो और वीडियो दिखा कर फंसाया जाल में: ओम प्रकाश ने रिंकी को रमेश सिंह नामक एक व्यक्ति का नंबर दिया और उससे मिलकर नौकरी के लिए बातचीत करने को कहा. जिस पर रिंकी ने रमेश से संपर्क किया और रमेश ने मुलाकात के दौरान बताया कि उसकी कई मंत्रियों से जानकारी है. वह राजस्थान सरकार के किसी भी मंत्रालय में सरकारी नौकरी लगवा सकता है. इसके बाद रमेश में रिंकी को कई मंत्रियों के साथ अपनी फोटो और वीडियो दिखाए, जिसके चलते रिंकी को रमेश पर पूरा विश्वास हो गया.

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इसके बाद रमेश ने रिंकी के भाई की सरकारी नौकरी लगाने की एवज में 5 लाख रुपए की डिमांड की. जिसमें ढाई लाख एडवांस और ढाई लाख नौकरी लगने के बाद देने की बात तय हुई. रमेश ने रिंकी का विश्वास जीतने के लिए यह भी कहा कि यदि नौकरी नहीं लगती है तो उससे लिए गए रुपए उसे ब्याज सहित लौटा दिए जाएंगे. इसके बाद रिंकी ने अपने कुछ रिश्तेदारों से रुपए उधार लेकर रमेश को दे दिए. उसके बाद काफी लंबा समय बीत गया लेकिन रमेश की ओर से नौकरी के संबंध में किसी भी तरह की कोई दस्तावेज नहीं दिए गए और जब उससे बात करने की कोशिश की तो वह कोई ना कोई बहाना बना कर टालता रहा. बाद में रमेश ने किसी कारणवश नौकरी नहीं लगा पाने की बात कही और साथ ही ढाई लाख रुपए की राशि भरकर 2 चैक रिंकी को दे दिए.

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जब अप्रैल 2020 में रिंकी ने दोनों चैक बैंक में लगाए तो बैंक द्वारा वह अनादरित कर दिए गए. इस पर रिंकी ने जब फिर से रमेश से संपर्क किया तो उसने कुछ समय में राशि वापस लौटने की बात कही. बाद में राशि देने इनकार कर दिया. इस पर जब रिंकी रमेश और ओम प्रकाश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने जुलाई 2021 में करधनी थाने पहुंची, तो पुलिस ने उसकी शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया. इस पर रिंकी ने पुलिस के कई आला अधिकारियों को डाक के जरिए अपनी शिकायत भेजी और उनसे मिलकर भी अपनी पीड़ा जाहिर की लेकिन कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हुई. अंत में थक हारकर रिंकी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट की दखलंदाजी के बाद गुरुवार शाम करधनी थाने में ठगी का मामला दर्ज किया (Fraud case filed in Jaipur) गया. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की तलाश करना शुरू किया है.

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