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कृषि कानूनों के खिलाफ राजस्थान से भी दिल्ली कूच करेंगे किसान

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Published : Nov 28, 2020, 2:19 PM IST

राजस्थान के किसान, किसान महापंचायत के बैनर तले शनिवार को दिल्ली कूच करेंगे. सभी किसान उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संपूर्ण खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग कर रहे हैं. यह सभी किसान जयपुर के सेंट्रल पार्क से वाहनों के जरिए दोपहर 1 बजे दिल्ली रवाना होंगे और उनके साथ रास्ते में अन्य किसान भी जुड़ते जाएंगे.

armers movement, किसानों का आंदोलन
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट

जयपुर. उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर संपूर्ण खरीद की गारंटी के लिए कानून बनाने की मांग को लेकर राजस्थान के किसान, किसान महापंचायत के बैनर तले शनिवार को दिल्ली कूच करेंगे. यह सभी किसान जयपुर के सेंट्रल पार्क से वाहनों के जरिए दोपहर 1 बजे दिल्ली रवाना होंगे और उनके साथ रास्ते में अन्य किसान भी जुड़ते जाएंगे.

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किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट के नेतृत्व में सभी किसान जयपुर के सेंट्रल पार्क में 12 बजे जुटेंगे और यहीं से दिल्ली के लिए 1 बजे रवाना होंगे. रामपाल जाट ने कहा कि देश के किसान खेती छोड़कर सड़कों पर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं. केंद्र सरकार विदेशी निवेशकों को रिझाने के चक्कर में किसानों का अहित कर रही है. इसीलिए देश के किसान अपने हक के लिए सड़कों पर है.

रामपाल जाट ने बताया कि अन्य किसान जिला एवं तहसील मुख्यालय पर ज्ञापन देंगे और धरना - प्रदर्शन कर अपना रोष प्रकट करेंगे. फिर भी सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानूनी प्रावधान नहीं किया तो किसान दिल्ली के सत्ता को घेरने से नहीं चूकेंगे.

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट केंद्र सरकार को कृषि कानूनों के संबंध में पहले भी पत्र लिख चुके हैं और उन्हें अवगत करा चुके हैं कि ये कानून किसानों के हित में नहीं है. रामपाल जाट ने 14 जून को प्रधानमंत्री को पहला पत्र लिखा. पत्र में उल्लेख किया कि इन कानूनों के कारण कृषि उपजों के व्यापार पर बड़े पूंजी वालों का एकाधिकार हो जायेगा. जिससे वे कृषि उत्पादों के कम से कम दाम चुकायेंगे और उपभोक्ता की जेब से उन्हीं उत्पादों को बेचकर अधिक से अधिक दाम वसूलेंगे.

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इसी प्रकार संविदा खेती से किसान अपने खेत पर मालिक से मजदूर बनकर रह जाएगा. जाट ने दूसरी चेतावनी पत्र में 21 जुलाई को लिखा जिसमें इन कानूनों को वापिस नहीं लेने पर देशभर में किसानों की ओर से आंदोलन करने की चेतावनी दी गई थी.

जाट ने बताया कि देश के किसानों में यह रोष है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी के लिए केन्द्र सरकार ने कानून नहीं बनाया जबकि "किसानों की सुनिश्चित आय एवं मूल्य का अधिकार विधेयक-2012" के प्रारूप के आधार पर निजी विधेयक को लोकसभा ने 8 अगस्त 2014 को बहस के लिए सर्वसम्मति से स्वीकार किया था. यह स्थिति तो तब है जब पिछले 10 सालों से किसान निरतंर संघर्ष कर रहा है. बता दें कि राजस्थान से पहले हरियाणा और पंजाब के किसान भी दिल्ली कूच कर चुके हैं और रास्ते में उनकी पुलिस से झड़प भी हो चुकी है.

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