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जयपुर बम ब्लास्ट : छोटी चौपड़ पर हुए दो धमाकों का प्रत्यक्षदर्शियों ने बयां किया मंजर, दो सिपाही भी हुए थे शहीद

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Published : Dec 17, 2019, 10:34 PM IST

13 मई 2008 की शाम रोजाना की तरह परकोटे के बाजारों में रौनक थी. किसी भी शहर में आठ अलग-अलग जगहों पर बम ब्लास्ट हुआ. शुरुआत में किसी ने समझा कि कोई सिलेंडर फटा होगा, लेकिन ये सिलेंडर नहीं बल्कि बम थे. जिन्होंने कई जाने छीन ली, और सैकड़ों को घायल कर दिया. आज 11 साल बाद भी लोगों के जहन में उस भयावह मंजर तस्वीरें कैद हैं. जिनके सोचने मात्र से रूह कांप जाती है.

serial blast 2008, 13 मई 2008 जयपुर बम विस्फोट
Eyewitnesses of serial bomb blast Jaipur

जयपुर. 13 मई 2008, मंगलवार का दिन शाम 7:20 का समय जब हवा महल के सामने माणक चौक के खंदे में पहला बम धमाका हुआ. और फिर बैक टू बैक जयपुर का परकोटा धमाकों से गूंज उठा जयपुर में हुए 8 सीरियल बम ब्लास्ट हुए. वहीं अकेले छोटी चौपड़ पर दो बम ब्लास्ट हुए इनमें पहले फूलों के खंदे में उसके बाद कोतवाली थाने के बाहर हुए बम धमाकों में 9 लोगों की मौत हुई. जिनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल थे. जबकि 30 से ज्यादा लोग छोटी चौपड़ पर घायल हुए थे.

छोटी चौपड़ पर हुए दो धमाकों में दो सिपाही भी हुए थे शहीद, प्रत्यक्षदर्शियों ने बयां किया मंजर

11 साल पहले हुए इस भयावह मंजर के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले फूलों के खंदे में बम ब्लास्ट हुआ जिसमें 2 लोगों की मौत हुई, और करीब 15 लोग घायल हो गए थे. इसकी सूचना देने के लिए कोतवाली थाने पहुंचे, तभी वहां भी बम धमाका हुआ. जिसमें उस समय ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कांस्टेबल भारत भूषण शर्मा और दीपक यादव भी शहीद हुए. और उनके अलावा पांच अन्य की भी मौत हो गई. जबकि 17 लोग घायल हुए.

पढ़ेंः स्पेशल रिपोर्ट: जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट में अबतक हुई जांच पर एक नजर

इन प्रत्यक्षदर्शियों में आम जनता से लेकर पुलिस कॉन्स्टेबल भी शामिल थे. जिन्होंने बताया कि पूरे परकोटे में एक के बाद एक बम धमाकों की सूचना मिलने से पुलिस भी समझ नहीं पा रही थी कि आखिर क्या किया जाए. हालांकि 8 बम धमाकों के बाद एक जिंदा बम को बरामद कर डिफ्यूज किया गया. वहीं अब जब बम ब्लास्ट के आरोपियों को सजा मिलनी है तो शहरवासी कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं.

पढ़ेंः सीरियल बम ब्लास्ट के 11 साल बाद भी जयपुर ना जागरूक ना सतर्क, देखें ईटीवी भारत का Reality Check

कहने को तो इन बम धमाकों को 11 साल बीत गए. और अब तक जयपुर ब्लास्ट के गुनहगारों को सजा नहीं मिली थी. ऐसे में अब लोगों को भी बुधवार के उस लम्हे का इंतज़ार है जब आरोपियों को सजा सुनाई जायेगी.

Intro:जयपुर - 13 मई 2008 की शाम रोजाना की तरह परकोटे के बाजारों में रौनक थी। किसी भी शहर में आठ अलग-अलग जगहों पर बम ब्लास्ट हुआ। शुरुआत में किसी ने समझा कि कोई सिलेंडर फटा होगा, लेकिन ये सिलेंडर नहीं बल्कि बम थे। जिन्होंने कई जाने छीन ली, और सैकड़ों को घायल कर दिया। आज 11 साल बाद भी लोगों के जहन में उस भयावह मंजर तस्वीरें कैद हैं। जिनके सोचने मात्र से रूह कांप जाती है।


Body:मंगलवार का दिन शाम 7:20 का समय जब हवा महल के सामने माणक चौक के खंदे में पहला बम धमाका हुआ। और फिर बैक टू बैक जयपुर का परकोटा धमाकों से गूंज उठा जयपुर में हुए 8 सीरियल बम ब्लास्ट हुए। वहीं अकेले छोटी चौपड़ पर दो बम ब्लास्ट हुए इनमें पहले फूलों के खंदे में उसके बाद कोतवाली थाने के बाहर हुए बम धमाकों में 9 लोगों की मौत हुई। जिनमें 2 पुलिसकर्मी भी शामिल थे। जबकि 30 से ज्यादा लोग छोटी चौपड़ पर घायल हुए थे। 11 साल पहले हुए इस भयावह मंजर के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले फूलों के खंदे में बम ब्लास्ट हुआ जिसमें 2 लोगों की मौत हुई, और करीब 15 लोग घायल हो गए थे। इसकी सूचना देने के लिए कोतवाली थाने पहुंचे, तभी वहां भी बम धमाका हुआ। जिसमें ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कांस्टेबल भारत भूषण शर्मा और दीपक यादव भी शहीद हुए। और उनके अलावा पांच अन्य की भी मौत हो गई। जबकि 17 लोग घायल हुए। इन प्रत्यक्षदर्शियों में आम जनता से लेकर पुलिस कॉन्स्टेबल भी शामिल थे। जिन्होंने बताया कि पूरे परकोटे में एक के बाद एक बम धमाकों की सूचना मिलने से पुलिस भी समझ नहीं पा रही थी कि आखिर क्या किया जाए। हालांकि 8 बम धमाकों के बाद एक जिंदा बम को बरामद कर डिफ्यूज किया गया। वहीं अब जब बम ब्लास्ट के आरोपियों को सजा मिलनी है तो शहरवासी कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं।


Conclusion:कहने को तो इन बम धमाकों को 11 साल बीत गए। और अब तक जयपुर ब्लास्ट के गुनहगारों को सजा नहीं मिली थी। ऐसे में अब लोगों को भी बुधवार के उस लम्हे का इंतज़ार है जब आरोपियों को सजा सुनाई जायेगी।
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