Jaipur: 8 साल बाद भी मूक बधिर कॉलेज को नहीं मिला स्थाई कैंपस, अब स्कूल में अलॉट किए जा रहे 8 कमरे

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Published : Aug 4, 2022, 12:08 PM IST

Deaf and Dumb College Jaipur

गांधी सर्किल स्थित राजकीय पोद्दार स्कूल में संचालित राजकीय कॉलेज (Deaf and Dumb College Jaipur) ही राजस्थान का एकमात्र ऐसा महाविद्यालय है जहां पर मूक बधिर विद्यार्थियों के एडमिशन होते हैं. पिछले 8 सालों से यह कॉलेज उधार के कमरों में चल रहा है. 8 साल गुजर जाने के बाद भी मूक बधिर कॉलेज के विद्यार्थियों को स्थाई कैंपस नहीं मिल पाया है.

जयपुर. मूकबधिर कॉलेज (Deaf and Dumb College Jaipur) में पढ़ रहे छात्रों को अपनी शिक्षा के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है. 8 साल में भी इन छात्रों को कोई स्थाई ठोर नहीं मिल पाया है. 2014 में गांधी सर्किल स्थित पोद्दार सरकारी स्कूल में 2 कक्ष में छात्रों के लिए कक्षा संचालन शुरू हुआ. बाद में छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ कक्षा कक्ष बढ़ाए गए और अब एक बार फिर इन छात्रों का परिसर बदला जा रहा है. लेकिन इस बार भी इन्हें कोई स्थाई इमारत में शिफ्ट नहीं किया जा रहा बल्कि त्रिमूर्ति सर्किल स्थित मूक बधिर स्कूल में आठ कमरे दिए जाने के आदेश जारी किए गए हैं.

प्रदेश में 8 साल पहले सरकारी मूकबधिर कॉलेज खोलकर एक प्रेरणादायी पहल की गई. लेकिन यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए स्थाई कॉलेज की व्यवस्था नहीं हुई है. पहले पोद्दार स्कूल जहां सरकारी कॉलेज भी संचालित है, इसी में करीब 8 कमरे इनके लिए अलॉट किए गए. अब यहां से इन छात्रों को शिफ्ट करते हुए पोद्दार मूक बधिर उच्च माध्यमिक विद्यालय में 8 कमरों में कॉलेज संचालन करने के लिए जिला कलेक्टर की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी किए गए हैं. इन आदेशों से ये स्पष्ट है कि ये व्यवस्था अस्थाई तौर पर है यानी कि अभी भी इन छात्रों के लिए स्थाई व्यवस्था नहीं की गई है. ये वो छात्र हैं जो अपनी बात किसी को जुबानी कह नहीं सकते लेकिन अपनी शिक्षा के लिए पीड़ा इन्हें भी होती है. ऐसे में इन्होंने अपनी बात अभिभावकों के जरिए इनके इंटरप्रेटर तक पहुंचाई.

8 साल बाद भी मूक बधिर कॉलेज के छात्रों नहीं मिला स्थाई कैंपस,

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इंटरप्रेटर कमलेश शर्मा ने बताया कि 12वीं के बाद की एजुकेशन के लिए मूक बधिर छात्रों के लिए ये कॉलेज शुरू किया गया था. पोद्दार सरकारी स्कूल में पहले दो और फिर 8 कमरों में इन छात्रों की कक्षाएं चली और कभी इन्हें रूम नहीं मिलते थे. ऐसे में इन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ रही है और अब इनका कॉलेज फिर शिफ्ट किया जा रहा है. जबकि सरकार के पास और भी कई स्थान हैं, जहां इन छात्रों की कक्षाएं लगाई जा सकती थी. इन्हें कैंपस अलॉट किया जा सकता था क्योंकि जिस स्कूल में इस कॉलेज को शिफ्ट किया जा रहा है, वहां पहले ही 600 से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं और 285 छात्र इसी कैंपस में बने हॉस्टल में रहते हैं. जिनमें छात्राएं भी शामिल हैं.

ऐसे में अभिभावकों ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से बजट घोषणा सत्र 2021-22 में उच्च शिक्षा क्षेत्र में मूक-बधिर विद्यार्थियों को समुचित अवसर प्रदान करने के लिए नवीन महाविद्यालय खोलने की घोषणा की गई है. बताया जा रहा है कि इस पर तकरीबन 25 करोड़ खर्च होंगे और पोद्दार उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर में ही ये महाविद्यालय निर्मित किया जाएगा. उधर, मूक बधिर स्कूल के प्राचार्य भरत जोशी ने कहा कि कैंपस में कुल 42 छोटे- बड़े कमरे हैं, जिसमें से 30 में कक्षाएं संचालित होती हैं. जबकि कुछ स्टोर, स्टाफ रूम, प्रिंसिपल रूम और टॉयलेट हैं. वहीं स्कूल कैंपस में ही बॉयज और गर्ल्स के हॉस्टल हैं जिसमें तकरीबन 165 छात्र और 120 छात्राएं रहती हैं. इसी परिसर में इंटरनेशनल डॉल म्यूजियम, व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत तीन ट्रेड संचालित हैं और छात्रों के लिए एक खेल मैदान है. अब यहां कॉलेज संचालित किए जाने के आदेश आए हैं.

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जानकारी के अनुसार पोद्दार सरकारी स्कूल के पीछे की तरफ ही महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज को बीते दिनों शिफ्ट किया जा चुका है. जिसके कमरे खाली है. बावजूद इसके इस कॉलेज को सरकारी कॉलेज के साथ चलाने के बजाय 600 से ज्यादा छात्रों वाले मूक बधिर स्कूल में शिफ्ट करने के आदेश किए गए, जिस पर अब सवाल उठ रहे हैं.

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