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जलशक्ति मंत्री के गृह राज्य में ही फेल हुई मोदी सरकार की 'हर घर नल, घर घर जल' योजना

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Published : Jun 10, 2020, 4:26 PM IST

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री के गृह राज्य में ही मोदी सरकार की 'हर घर नल, घर घर जल' योजना फेल होती नजर आ रही है. राजस्थान में सियासी विवाद को लेकर केंद्र सरकार की यह योजना अटकी हुई है. प्रदेश सरकार ने खजाना खाली है कहकर अपने हाथ खड़े कर लिए हैं.

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जलदाय मंत्री बीडी कल्ला

जयपुर. केंद्र की सबसे महत्वाकांक्षी योजना 'हर घर नल, घर घर जल' केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के गृह राज्य राजस्थान में ही फेल होती नजर आ रही है. इसका कारण साफ है कि केंद्र और राज्य सरकार में समन्वय का अभाव. प्रदेश सरकार अपनी खराब माली हालत का हवाला देकर योजना में केंद्र के अनुदान 90 फीसदी तक करने की मांग कर रही है. वहीं भाजपा से जुड़े नेता गहलोत सरकार पर जानबूझकर केंद्र की योजनाओं को हटाने का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच ईटीवी भारत ने जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला से खास बातचीत की.

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला से ईटीवी भारत की खास बातचीत-1

मंत्री बीडी कल्ला के अनुसार करीब डेढ़ लाख करोड़ की इस महत्वाकांक्षी योजना में आगामी 4 साल में सरकार को 50 फीसदी खर्चा वहन करना है जो 75 हजार करोड़ होता है. लेकिन कोरोना के संकट काल में प्रदेश सरकार के मौजूदा आर्थिक हालात ऐसे नहीं है कि वह इस खर्चे को वहन कर सकें. ऐसे में केंद्र सरकार को इस नाते राजस्थान को योजना का अनुदान बढ़ा कर देना होगा.

जलदाय मंत्री बीडी कल्ला से ईटीवी भारत की खास बातचीत-2

'2013 तक 90 प्रतिशत अनुदान देती थी केंद्र सरकार'

ईटीवी भारत से खास बातचीत में जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि इस मसले पर हमारा केंद्र की मोदी सरकार के साथ सैद्धांतिक मतभेद है. उनके अनुसार साल 2013 तक केंद्र सरकार इस तरह की योजनाओं में 90 फीसदी तक अनुदान राज्यों को देती थी, लेकिन मोदी सरकार ने सत्ता में आते ही अनुदान की राशि 50 फीसदी कर दी.

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कल्ला ने कहा कि हर राज्य की अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियां होती है. पेयजल के लिए राजस्थान की स्थिति किसी से भी छुपी हुई नहीं है, वहीं यूपी और बिहार की तरह राजस्थान में सरफेस वाटर भी नहीं है. साथ ही भूजल की स्थिति लगातार खराब हो रही है. ऐसे में यदि इस योजना के लिए ढांचागत व्यवस्था करनी है तो काफी संख्या में रुपए खर्च होंगे और मौजूदा स्थिति में सरकार चाह कर भी ये खर्चा नहीं कर सकती. इसलिए राजस्थान में यह योजना 4 साल तो क्या कई सालों तक पूरा होना मुश्किल है.

जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत केंद्र के मोदी सरकार में जल शक्ति संसाधन मंत्री है. कल्ला ने कहा कि इसलिए राजस्थान में पेयजल से जुड़ी इस योजना पर तेजी से काम होना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने अपने आर्थिक हालातों के बारे में शेखावत को भी जानकारी दे दी है.

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कल्ला ने कहा कि वे खुद दो बार केंद्रीय मंत्री शेखावत से इस योजना में केंद्र का अनुदान बढ़ाने का आग्रह किया, लेकिन अब तक प्रदेश सरकार को इसका कोई फायदा नहीं मिला. उन्होंने बताया कि गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के हैं और राजस्थान की भौगोलिक और आर्थिक स्थिति उन से छुपी हुई नहीं है, ऐसे में उन्हें प्रयास करके राजस्थान को फायदा दिलाना ही चाहिए.

'केंद्रीय योजनाओं के अटके 5073 करोड़... मिले तो हो कुछ काम'

जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला के अनुसार केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय योजनाओं से राजस्थान को मिलने वाली करोड़ों रुपए की राशि भी अटका रखी है. उन्होंने बताया कि 5,073 करोड़ की राशि केंद्र से राजस्थान सरकार को केंद्रीय योजनाओं की हिस्से के रूप में लेनी है, यदि यह भी राशि केंद्र सरकार, प्रदेश को दे दे तो विकास की योजनाओं को कुछ और गति मिल सकती है.

कल्ला ने कहा कि हाल ही में प्रदेश सरकार ने 395 करोड़ रुपए की योजनाएं स्वीकृत करके केंद्र सरकार को भेजी है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से मिलने वाली मदद की अब तक दरकार है.

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