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विद्युत विनियामक आयोग ने सप्लाई कोड के बाद उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए जारी किए नए 'स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस'

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Published : Feb 19, 2021, 10:17 PM IST

प्रदेश में बिजली कम्पनियों को अब अपने उपभोक्ताओं को तय समय में "सेवाएं" देनी होंगी. इसमें यदि देरी हुई तो इसे 'सेवादोष' माना जाएगा और उसके लिए डिस्कॉम को बकायदा उपभोक्ताओं को बतौर क्षतिपूर्ति हर्जाना भी देना होगा. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने सप्लाई कोड के बाद उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नए 'स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस' जारी किए हैं. डिस्कॉम के नए एसओपी और उपभोक्ताओं को अच्छी बिजली सेवाएं मिल सकेंगी.

electricity companies in rajasthan
विद्युत विनियामक आयोग

जयपुर. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने सप्लाई कोड के बाद उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए नए 'स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस' जारी किए हैं. इसके बाद चाहे बिजली गुल की शिकायत हो या नया कनेक्शन लेना हो, डिस्कॉम को अपने सिस्टम को इतना मजबूत करना होगा, ताकि उपभोक्ताओं को काफी कम समय से सेवाएं मिल जाए. राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने उपभोक्ताओं के लिए पूर्व में जारी 'स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस' को नया रूप दिया है.

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नए एसओपी में आयोग ने पूर्व की सेवा सुधार निर्धारित अवधि को जहां कम किया है. वहीं, पैनल्टी को सेवाओं के हिसाब से डेढ़ गुना तक बढ़ाया है. यानी डिस्कॉम को पहले के मुकाबले कम समय में अच्छी सेवा देनी होगी, वरना उपभोक्ता हर्जाना का हकदार होगा. एसओपी में आयोग ने नो करंट की शिकायत, मीटर के कारण बिजली आपूर्ति में व्यवधान और मीटर टेस्टिंग की सेवा को काफी अहम माना है. इन तीनों सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही पर उपभोक्ताओं को शिकायत की जरूरत नहीं होगी. डिस्कॉम को अपने सिस्टम के आधार पर इसे सेवादोष मानते हुए उपभोक्ता को अगले बिल में तय हर्जाना क्रेडिट करना होगा.

किस सेवा की कितनी टाइम लाइन, कितना मिलेगा हर्जाना, देखिए...

1. ओवर हेड लाइन टूटना :- बडे शहर में 4 घंटे, छोटे शहरों में 6 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 10 घंटे में किया जाए शिकायत का निवारण.
हर्जाना - सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 के हर्जाने का प्रावधान.

2. नो करंट शिकायत पर:- बडे शहर में दो घंटे, छोटे शहरों में छह घंटे और ग्रामीण इलाकों में आठ घंटे में किया जाए शिकायत का निवारण.
हर्जाना - सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 के हर्जाने का प्रावधान.

3. अंडरलाइन केबल टूटना :- बड़े शहर में 12 घंटे, छोटे शहरों में 12 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे में किया जाए शिकायत का निवारण.

हर्जाना - सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 के हर्जाने का प्रावधान.

4. शिड्यूल शटडाउन :- 24 घंटे का नहीं दिया गया नोटिस या फिर 7 घंटे से अधिक अवधि तक चलाया शटडाउन तो माना जाएगा सेवादोष.
हर्जाना - फीडर से जुड़े उपभोक्ताओं को 75 रुपए का मिलेगा हर्जाना.

5. डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर का फेल होना :- बडे शहर में 8 घंटे, छोटे शहरों में 8 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 24 घंटे में किया जाए शिकायत का निवारण.
हर्जाना - सेवादोष होने पर एलटी उपभोक्ताओं को 75 रुपए और एचटी उपभोक्ताओं को 150 के हर्जाने का प्रावधान.

इसी तरह आयोग ने हाईवोल्टेज से बिजली उपकरणों के जलने की घटनाओं को भी गंभीर सेवादोष माना है. नए एसओपी में आयोग ने उपकरणों के हिसाब से पूर्व में निर्धारित हर्जाने की राशि को दोगुना तक बढ़ाया है. नए आदेशों के तहत आपूर्ति की खामी की वजह से अब पंखा, ब्लैक एंड व्हाईट टीवी, मिक्सी जलने पर उपभोक्ता को 500 के बजाय 1000 रुपए हर्जाना मिलेगा. इसके अलावा रंगीन टीवी, सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन, फ्रिज के लिए 2000 रुपए और ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन, एसी और कम्प्यूटर जलने पर उपभोक्ताओं को 4000 रुपए का हर्जाना देने के निर्देश दिए हैं. एक फीडर पर पांच अधिक उपभोक्ताओं के यहां क्षति होने पर ही ये सेवादोष माना जाएगा. आयोग ने मीटर, सर्विस लाइन, नए कनेक्शन, बिजली बिल समेत सभी तरह की सेवाओं के लिए भी टाइम लाइन तय किया है, साथ ही डिस्कॉम पर सेवादोष होने पर हर्जाना भी प्रावधान भी किया है.

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