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त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री हैं, इसलिए कभी-कभी मुख्यमंत्री के लिए नाम उठ जाता है : जिष्णु देव बर्मन

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Published : Sep 14, 2021, 9:16 PM IST

त्रिपुरा सरकार में बीजेपी और सहयोगी पार्टी आईपीएफटी के बीच अंदरूनी खींचतान चल रही है. इस बीच जयपुर में आयोजित होने वाली भारतीय युवा संसद में भाग लेने पहुंचे त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव बर्मन ने सरकार को पूरी तरह स्थिर बताया. वहीं, मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल होने के सवाल पर मुस्कुराते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री हैं, इसलिए कभी-कभी मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम भी उठ जाता है.

Deputy Chief Minister of Tripura
जिष्णु देव बर्मन

जयपुर. विश्व लोकतंत्र दिवस के मौके पर जयपुर में भारतीय युवा संसद 2021 का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें भाग लेने के लिए मंगलवार को त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जयपुर पहुंचे. उप मुख्यमंत्री जिष्णु देव बर्मन ने हिंदी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि लोकतंत्र में युवाओं की भागीदारी को लेकर वो चर्चा करेंगे.

लोकतंत्र कैसा हो, इसे लेकर युवाओं में जागरूकता आए, क्योंकि युवा शक्तिशाली होगा तो लोकतंत्र भी शक्तिशाली होगा. उन्होंने कहा कि हिंदी और इंग्लिश ऐसी भाषा है, जिससे देश के युवा जुड़े हुए हैं. ऐसे में उनकी बात युवाओं तक पहुंचाने में भाषा की दीवार बीच में नहीं आएगी.

त्रिपुरा के उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव बर्मन का क्या है इशारा

इस दौरान उन्होंने त्रिपुरा की राजनीतिक उठापटक के सवाल पर कहा कि 60 में से उनके 44 विधायक हैं और चूकि वो उपमुख्यमंत्री हैं, ऐसे में कभी-कभी मुख्यमंत्री के लिए उनका नाम भी उठ जाता है. खासाकोठी में ठहरे जिष्णु देव बर्मन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से भी शिष्टाचार मुलाकात करने विधानसभा पहुंचे.

उधर जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में होने वाले भारतीय युवा संसद आयोजन को लेकर शुक्रवार को तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया. यूथ पार्लियामेंट के आयोजकों ने बताया कि देशभर के तकरीबन 15 से अधिक राज्यों के युवा/छात्र-छात्राएं और शोधार्थी इसमें सहभागिता करेंगे. यहां संसदीय लोकतंत्र के प्रश्नकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव शून्यकाल के अलावा व्हिप सहित विधायिका की कार्यप्रणाली और दूसरे पहलूओं से रूबरू होंगे.

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राजनीति में नए लोगों का प्रवेश, चुनावी राजनीति, कोविड काल में संसदीय कार्य, छात्र राजनीतिक चुनाव और संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की भूमिका के साथ-साथ असम, नागालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल के विषयों पर विशेष चर्चा के सत्र होंगे. जिनमें नई शिक्षा नीति, एनआरसी, उत्तरपूर्व की राजनीति, धारा 370, कृषि बिल, चुनावी मुद्दे, चुनावी घोषणा पत्र सहित भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के संदर्भ में विशेष चर्चा होगी.

भारतीय युवा संसद 2021 में अनेक कार्यशालाओं का आयोजन होगा. जिसमें प्रतिभागी, संसदीय कार्यप्रणाली, प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया की संरचना-कार्यशैली, सोशल मीडिया के विभिन्न आयामों, उत्कृष्ट भाषण शैली और लेखन के तरीके सीखेंगे. मीडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित भारतीय युवा संसद 2021 के अकादमिक सहयोगी मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, राजस्थान विश्वविद्यालय, गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय (बांसवाड़ा), माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय (भोपाल), आकाशवाणी, ईटीवी भारत और जयपुर ग्रेटर नगर निगम हैं.

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