जयपुर. राजधानी में संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की ओर से राष्ट्रीय रोजगार सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसका नाम रोजगार संसद रखा गया. इस मौके पर प्रदेश भर के संगठन एकत्रित हुए और मंच के माध्यम से सभी संगठनों ने देश में रोजगार नीति बनाने की मांग को मजबूती से उठाया. देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति ने बीते दिनों दिल्ली में भी एक सम्मेलन किया था, जिसके बाद अब राजस्थान में इसकी शुरुआत की गई है. आने वाले समय में एक बड़ा आंदोलन देशभर में किया (Nationwide agitation for employment policy) जाएगा.
देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले सम्मेलन का आयोजन हुआ. इसमें सेंटर कोऑर्डिनेटर राजेंद्र शर्मा, गिर्राज मीणा, कमलेश, अजीत हनुमान सेन, महमूद अली, अभिषेक शर्मा, सुमन शर्मा आदि ने इस सम्मेलन में अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि आज आजादी के 75 वर्ष बाद भी देश में रोजगार नीति नहीं बनाई गई. देश में कई बड़ी पार्टियों ने सरकारें चलाई परंतु बेरोजगारों के लिए किसी भी सरकार ने रोजगार नीति बनाने को लेकर विचार नहीं किया. लेकिन अब संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति के बैनर तले देशभर में युवाओं को एकत्रित कर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा.
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मंच पर मौजूद पूर्व विधायक रणवीर सिंह गुड्डा ने कहा कि आज गरीब का हाल पूछने वाला कोई नहीं है. देश में गरीब और गरीब होता जा रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण है कि देश के युवाओं को गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार के मुद्दों से भटका कर धर्म के नाम पर गुमराह किया जा रहा है. इससे आज देश का बेरोजगार युवा दिशाहीन हो गया है. अब अपने अधिकारों की लड़ाई लड़नी होगी. इसके लिए सभी को संगठित होकर आगे बढ़ना होगा.
गौरतलब है कि देश में बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन देखने को मिल रहे हैं. वहीं, अब राजस्थान में भी इसकी शुरुआत संयुक्त रोजगार आंदोलन समिति की ओर से की गई है. इसका मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को एकजुट कर देश में रोजगार नीति लागू करने की मांग को पूरी ताकत के साथ उठाना है. समिति कोऑर्डिनेटर राजेंद्र शर्मा ने बताया कि देशभर में हमारा संगठन काम करेगा. युवाओं, बेरोजगारों की मांग पर देश में रोजगार नीति लागू कराने के लिए हर स्तर की लड़ाई लड़ी जाएगी.