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CM Gehlot VC with Police Officers : कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं, पीड़ित को न्याय दिलाना पुलिस का पहला कर्तव्य : मुख्यमंत्री

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Published : Mar 31, 2022, 7:38 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों को साथ गुरुवार को दूसरे दिन भी वीसी (CM Gehlot VC with police officers) की. इस दौरान सीएम ने कहा कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. पुलिस इसी भावना को ध्यान में रखकर हर मामले में निष्पक्षता के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करे.

CM Gehlot VC with police officers
सीएम गहलोत की पुलिस विभाग के साथ वीसी

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है. पुलिस इसी भावना को ध्यान में रखकर हर मामले में निष्पक्षता के साथ कार्रवाई सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा कि पीडि़त को न्याय दिलाना पुलिस का प्राथमिक कर्तव्य है. इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि थाने से लेकर पुलिस मुख्यालय स्तर तक फरियादियों की संवेदनशीलता के साथ सुनवाई कर उनकी पीड़ा को दूर किया जाए. हार्डकोर अपराधियों एवं संगठित अपराधों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.

वीसी का दूसरा दिन: गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिला पुलिस अधीक्षकों को साथ गुरुवार को दूसरे दिन भी वीसी की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस महकमे का प्रतिबद्धता के साथ सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण कर रही है. गहलोत ने कहा कि संसाधनों को लेकर किसी तरह की कमी नहीं रखी जा रही है. अब पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि प्रदेश में अपराधों पर अंकुश लगाने और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने के दायित्व का पूरे समर्पण के साथ निर्वहन (CM Gehlot directs police department to curb crime) करे.

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पुलिस हिरासत में मौतों पर चिन्ता: मुख्यमंत्री ने पुलिस हिरासत में मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा (CM Ashok Gehlot concerned over deaths in police custody) कि ऐसी घटनाओं को सख्ती से रोका जाए. पुलिस अधीक्षक यह सुनिश्चित करें कि पुलिस हिरासत में मौतें न हों. उन्होंने कहा कि न्याय में देरी भी न्याय नहीं मिलने के समान है. इसे ध्यान रखते हुए सभी जिलों के पुलिस अधिकारी तफ्तीश के समय को और कम करने का प्रयास करें तथा थानों में लम्बित मामलों को न्यूनतम स्तर पर लाएं. प्रदेश में शांति एवं कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए नवाचार अपनाएं और भ्रामक सूचनाओं को रोकने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग किया जाए. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गंभीर घटनाओं को लेकर समय-समय पर प्रेस ब्रीफिंग करें. उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी भी पुलिसकर्मी की अपराधियों के साथ मिलीभगत पाई जाए तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए. ऐसे पुलिसकर्मियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति और बर्खास्तगी तक की कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ऐसे कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के लिए गठित समितियों की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं.

पुलिस के साथ मारपीट से इकबाल खत्म होता है: गहलोत ने पुलिसकर्मियों पर बदमाशों की ओर से की जाने वाली मारपीट की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं से पुलिस का इकबाल कमजोर होता है. उन्होंने निर्देश दिए कि जिला पुलिस अधीक्षक ऐसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाएं. कोई घटना होने पर कार्रवाई या धरपकड़ के लिए पर्याप्त जाब्ता भेजें ताकि पुलिस के साथ मारपीट जैसी घटनाएं न हों. उन्होंने कहा कि देशभर में साम्प्रदायिकता, तनाव और हिंसा का माहौल बढ़ रहा है. ऐसे में पुलिस के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ऐसे मामलों में कानून के अनुरूप सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे चाहे इनमें लिप्त व्यक्ति किसी भी जाति अथवा धर्म का हो.

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सीआईडी सीबी को कैसे प्राथमिकता तय करके दें: मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीआईडी सीबी में केस स्थानान्तरण के लिए पुलिस महानिदेशक एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह एक प्रोटोकॉल तैयार करें ताकि उन्हीं केस को सीआईडी सीबी को सौंपा जाए जिनकी तफ्तीश वहां से होना आवश्यक है. इससे सीआईडी सीबी पर अनावश्यक केसों का दबाव कम होगा और जांच की गुणवत्ता भी बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मरक्षा कौशल का अधिकाधिक प्रशिक्षण दिया जाए. इससे उनका मनोबल मजबूत होगा और अपराधों को रोकने में मदद मिलेगी.

जनता और पुलिस में संवाद बना रहे: गहलोत ने शेखावाटी सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में गैंगवार की घटनाओं को रोकने, महिला उत्पीड़न, छुआछूत और दलित समाज के व्यक्तियों के साथ अत्याचार के मामलों को गंभीरता से लेने के साथ फरियादियों की उचित माहौल में सुनवाई करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पुलिस जनप्रतिनिधियों और जनता से निरन्तर संवाद भी कायम रखे. सुनवाई की व्यवस्था बेहतर होने से पुलिस को निष्पक्ष फीडबैक प्राप्त करने में आसानी होती है, जिससे कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलती है.

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आरोपियों के साथ पुलिस होली मानना गंभीर घटना: मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ जिले के पल्लू थाने में आरोपी की मौजूदगी में पुलिसकर्मियों के होली मनाए जाने की घटना को गंभीरता से लेते हुए उन सभी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए जिन्हें आरोपी के संबंध में जानकारी थी. उन्होंने मेवात और अन्य क्षेत्रों में टटलूबाजी, एटीएम लूट, नकली सामान बनाने, ठगी आदि की घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय लोगों को जागरूक करने एवं शिक्षा से जोड़ने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसमें एनजीओ आदि संगठनों का भी सहयोग लिया जा सकता है.

यह रहे मौजूद: बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह अभय कुमार, डीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा, एडीजी अपराध आरपी मेहरड़ा, एडीजी कानून व्यवस्था हवासिंह घुमरिया, एडीजी सिविल राइट्स स्मिता श्रीवास्तव, एडीजी एसओजी अशोक राठौड़ सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. इसके साथ जयपुर और जोधपुर पुलिस कमिश्नर, विभिन्न रेंज के पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय के अधिकारी, सभी जिलों के एसपी, एएसपी एवं अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी वीसी से जुडे़.

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