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अब राजस्थान में 2200 रुपए में होगी कोरोना जांच, अधिक वसूली पर होगी कार्रवाईः गहलोत

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Published : Jun 20, 2020, 8:10 AM IST

Updated : Jun 20, 2020, 11:01 AM IST

मुख्यमंत्री गहलोत ने निजी अस्पतालों के लिए कोरोना की जांच और इलाज के लिए बेड की दरें तय कर दी है. उन्होंने कहा कि निर्धारित दर से ज्यादा वसूलने पर कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रुपए प्रति जांच और अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रुपए प्रतिदिन और वेन्टीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रुपए प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे.

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सीएम की बैठक में निजी अस्पतालों के लिए जांच और बेड की दरें तय

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना महामारी से लड़ने के क्रम में प्रदेशवासियों को राहत देने के लिए राजस्थान के निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के बिल को नियत्रिंत करने का संवेदनशील निर्णय लिया है. प्रदेश में निजी लैब कोरोना टेस्ट के लिए 2200 रुपए प्रति जांच और अस्पताल कोरोना के इलाज के लिए भर्ती मरीजों के लिए सामान्य बेड का किराया 2000 रुपए प्रतिदिन और वेन्टीलेटर सहित आईसीयू बेड का 4000 रुपए प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकेंगे.

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सीएम गहलोत ने कोरोना संक्रमण की स्थिति पर शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर दो घंटे से ज्यादा समय तक हुई समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया है. उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है कि निजी अस्पतालों में कोरोना के मरीजों से अधिक बिल की वसूली ना हो. इसके लिए महामारी अधिनियम सहित अन्य प्रावधानों के तहत आदेश जारी किए जाएं और उनकी सख्ती से पालना हो. उन्होंने कहा कि मरीजों से अधिक पैसा वसूलने वाले अस्पताल या लैब के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के जरिए पंचायत तक जागरूकता अभियान

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए 21 जून से शुरू हो रहे प्रदेशव्यापी जागरूकता अभियान को सही रूप में जनता का अभियान बनाया जाएगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर प्रदेशवासी अपनी और अपनों की सेहत के प्रति सर्तक रहे. 22 जून को अभियान का डिजिटल लॉन्च होगा, जिसमें प्रदेश भर के पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों और प्राधिकारियों सहित लगभग 1 लाख लोग वर्चुअल कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़ेंगे. जिलों के प्रभारी मंत्री और सचिव भी जिला मुख्यालयों पर मौजूद रहकर अभियान में शामिल होंगे.

हेल्थ प्रोटोकॉल में लापरवाही पड़ सकती है महंगी

गहलोत ने कहा कि अभियान का उद्देश्य आमजन को यह संदेश देना है कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के लिए जांच, मरीजों के इलाज, सदिंग्ध संक्रमितों के क्वॉरेंटाइन की पुख्ता व्यवस्था कर ली है, लेकिन इस महामारी से बचाव के लिए जनता को खुद अपना ध्यान रखना होगा. लॉकडाउन समाप्त होने के बाद भी कोरोना संक्रमण का खतरा टला नहीं है. इसलिए सार्वजनिक जगहों पर मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाने, साबुन से हाथ धोने जैसे हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना में बरती गई लापरवाही महंगी पड़ सकती है.

प्रभारी मंत्री जिला स्तर पर करेंगे समीक्षा बैठकें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान के लिए जिलों के दौरे के दौरान प्रभारी मंत्री जिला कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों के साथ कोरोना के संक्रमण की स्थिति के साथ-साथ गैर-कोविड बीमारियों की स्थिति, पेयजल आपूर्ति, मनरेगा कार्योें, टिड्डी नियंत्रण अभियान आदि की समीक्षा करेंगे. उन्होंने निर्देश दिए है कि मंत्रियों के जिलों के भ्रमण के समय स्थानीय स्तर पर भीड़ नहीं जुटाने, सोशल डिस्टेसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यता की सख्ती से पालना की जाए. उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के दौरान कोविड-19 के लिए हेल्थ प्रोटोकॉल का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.

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बैठक में चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अति. मुख्य सचिव गृह राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक भूपेन्द्र सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा रोहित कुमार सिंह, प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी अभय कुमार, शासन सचिव सार्वजनिक वितरण सिद्धार्थ महाजन और सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे.

Last Updated : Jun 20, 2020, 11:01 AM IST
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