विधायक का रोष या राजनीति: सीवरेज की समस्या को लेकर सराफ ने दिया धरना, कहा- जंगल में मोर नाचा किसने देखा

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Published : Jul 27, 2021, 2:23 PM IST

Jaipur Greater Municipal Corporation,  protest of Kalicharan Saraf

भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने मंगलवार को मालवीय नगर में सीवरेज की समस्या को लेकर धरना दिया. लेकिन, इस धरने में जनप्रतिनिधियों का रोष कम और राजनीति चमकाने की कवायद ज्यादा नजर आ रही थी. कुछ ही देर में कार्यवाहक महापौर शील धाभाई अधिकारियों के साथ धरना स्थल पहुंची और 3 दिन में समस्या का समाधान करवाने की बात कह कर धरना समाप्त करवा दिया.

जयपुर. राजनीति में सब कुछ जायज है, बस जनता को लगना चाहिए कि उनके जनप्रतिनिधि उनके लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. फिर चाहे इसके लिए अपनी ही महापौर और शहरी सरकार के खिलाफ मोर्चा क्यों न खोलना पड़े. भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने भी मंगलवार को मालवीय नगर में सीवरेज की समस्या को लेकर धरना दिया. नगर निगम ग्रेटर में भाजपा का बोर्ड और कार्यवाहक महापौर होने के बावजूद दिए गए इस धरने में जनप्रतिनिधियों का रोष कम और राजनीति चमकाने की कवायद ज्यादा नजर आ रही थी.

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जंगल में मोर नाचा किसने देखा, इसलिए दिया धरना: सराफ

कालीचरण सराफ का आरोप था कि मालवीय नगर क्षेत्र के वार्डों में सीवरेज की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है और नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इसके चलते अपनी ही महापौर को जानकारी देने के बाद सुबह वे धरने पर बैठ गए. कुछ ही देर में कार्यवाहक महापौर शील धाभाई अधिकारियों के साथ धरना स्थल पहुंची और 3 दिन में समस्या का समाधान करवाने की बात कह कर धरना समाप्त करवा दिया.

विधायक का रोष या राजनीति

हालांकि, कार्यवाहक महापौर भाजपा की ही थी. लिहाजा धरना देने के बजाय फोन पर समस्या की जानकारी देकर भी इसका समाधान विधायक करवा सकते थे. यही सवाल ईटीवी भारत ने विधायक कालीचरण सराफ से भी पूछा, लेकिन इस पर उनका जवाब भी राजनीतिक ही था. सराफ ने बेबाक तरीके से कह दिया कि धरना नहीं देता तो फिर पता कैसे चलता. साथ ही यह कहावत भी कही कि 'जंगल में मोर नाचा किसने देखा'. मतलब साफ है कि धरना में जनाक्रोश कम और राजनीतिक चमकाने की कवायद ज्यादा थी.

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वहीं, विधायक कालीचरण सराफ ने माना कि कार्यवाहक महापौर बढ़िया काम कर रही है और नगर निगम के अधिकारी भी उनकी सुनते हैं. हालांकि, जब कालीचरण सराफ से पूछा गया कि आपको फिर धरना देने की जरूरत क्या आ गई तब उन्होंने जंगल में मोर नाचा किसने देखा की कहावत कही. सराफ ने यह भी कहा कि यदि कार्यवाहक महापौर की नहीं चलती तो उनके साथ अधिकारियों का लवाजमा धरना स्थल पर कैसे आता.

3 नहीं 5 दिन का अल्टीमेटम: सराफ

कालीचरण सराफ ने कहा कि कार्यवाहक महापौर ने अगले 3 दिन का समय मांगा है ताकि समस्या का समाधान करवा सके. लेकिन मैंने 2 दिन अतिरिक्त दे दिया है और कहा है कि यदि 5 दिन में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो फिर टोंक रोड को जाम किया जाएगा.

शील धाभाई का कार्यकाल बढ़ाने की मांग

धरने पर बैठे कालीचरण सराफ ने गहलोत सरकार से नगर निगम ग्रेटर कार्यवाहक महापौर शील धाभाई का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक बढ़ाने की मांग की है. दरअसल, तात्कालिक महापौर सौम्या गुर्जर निलंबन मामला कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार ने भाजपा की वरिष्ठ पार्षद शील धाभाई को ही कार्यवाहक महापौर 2 महीने के लिए बनाया था, जिसका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला है.

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ऐसे में भाजपा विधायकों ने अपनी मंशा सरकार के सामने रखी है. धरने के दौरान कार्यवाहक महापौर से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि ठेकेदार सीवरेज का काम सही से नहीं कर रहा और अब जब विधायक ने धरना दिया है तो उसका सबूत है, जिसके आधार पर ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

धरने में कालीचरण सराफ के साथ स्थानीय भाजपा पार्षद और मालवीय नगर से आने वाले कुछ अन्य पार्षदों के साथ ही भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुमन शर्मा भी मौजूद रही. हालांकि मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र से ही आने वाले उपमहापौर पुनीत कर्नावट धरने में शामिल नहीं हुए.

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