जयपुर. हैरिटेज नगर निगम में उपचुनाव को लेकर मतदान (jaipur heritage nagar nigam latest news) मंगलवार को समाप्त हुआ. दोनों प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के साथ-साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी जनता का साथ मिलने और अपनी जीत का दावा करते दिखे. हालांकि, बीजेपी ने मतदान के दौरान कांग्रेस सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से लोकतंत्र की हत्या और बीजेपी प्रत्याशी हिमांशु ढलैत का ही फर्जी वोट डलवा दिए जाने का आरोप लगाया.
हैरिटेज निगम के वार्ड 57 और 97 में चार-चार प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे. वार्ड 57 में जहां बीजेपी ने हिमांशु ढलैत तो कांग्रेस ने महेश तंबोली पर दांव खेला. इसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश वर्मा और घनश्याम ने भी ताल ठोकी. उधर, वार्ड संख्या 9 में कांग्रेस ने सुनीता और बीजेपी ने प्रेम देवी को मैदान में उतारा. इसके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवार लीला देवी और भारती सिसोदिया ने भी अपना भाग्य आजमाया है. इन दोनों वार्डों की मतगणना 23 दिसंबर को होगी.
इससे पहले सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी जीत के दावे करते हुए दिखे. चूकि एक ही साल के भीतर ही इन वार्डों ने अपना पार्षद खो दिया था. ऐसे में क्षेत्रीय लोगों को अभी भी विकास का इंतजार है. निगम के चुनाव में सड़क, सीवर और सफाई अहम मुद्दे होते हैं, जिसे लेकर बीजेपी प्रत्याशी हिमांशु ढलैत ने कहा कि उनके पिता यहां से पार्षद थे, जिनका 2 महीने बाद ही निधन हो गया था. तब से कांग्रेस बोर्ड ने इस वार्ड की ओर देखना तक उचित नहीं समझा. हालांकि, अब उनके जीतने के बाद यहां सड़क सीवर और सफाई की व्यवस्थाओं को प्राथमिकता पर दुरुस्त किया जाएगा. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी महेश तंबोली ने कहा कि स्थानीय विधायक अमीन कागजी ने क्षेत्र में काफी विकास किए हैं. इन्हीं विकास कार्यों के दम पर उन्होंने अपनी जीत के दावे किए. इसके साथ ही निर्दलीय उम्मीदवार घनश्याम ने भी अपनी जीत का दावा किया.
आपको बता दें कि पिछले साल नवंबर 2020 में हुए चुनाव में इन दोनों वार्डों में एक पर कांग्रेस और एक पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में वार्ड 57 से बीजेपी के महेन्द्र ढलैत जीते थे. इसी साल अप्रैल में महेन्द्र ढलैत का एक रोड एक्सीडेंट में निधन हो गया था. अब उनकी जगह बीजेपी ने उनके बेटे हिमांशु ढलैत को टिकट देकर मैदान में उतारा. इसी तरह आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में के वार्ड 97 से माया देवी कांग्रेस से जीतकर आई थी. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में मई में उनका निधन हो गया था. मायादेवी के निधन के बाद उनके पति फूलचंद ने दूसरी शादी कर ली थी, जिसके बाद कांग्रेस ने उनकी दूसरी पत्नी सुनीता को मैदान में उतारा.