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जयपुर : पतंगबाजी के उल्लास में न भूलें इंसानियत...डोर से घायल परिंदों को पहुंचाएं उपचार केंद्र, ये बातें रखें ध्यान..

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Published : Jan 13, 2021, 10:31 PM IST

मकर सक्रांति पर होने वाली पतंगबाजी पक्षियों के लिए जानलेवा बन जाती है. पतंग की डोर में फंसकर पक्षी घायल हो जाते हैं. घायल पक्षियों के इलाज के लिए वन विभाग की ओर से जयपुर में 4 जगहों पर पक्षी उपचार केंद्र बनाये गए हैं.

पतंगबाजी को लेकर वन विभाग की अपील,  वन विभाग पतंगबाजी अपील,  Forest Department Kiteboarding Appeal,  Forest department appeals for kite flying
वन विभाग की अपील सुबह शाम न उड़ाएं पतंग

जयपुर. वन विभाग की ओर से एनजीओ के सहयोग से पक्षियों के उपचार के लिए कैम्प लगाए गए हैं. 13 जनवरी से 15 जनवरी तक के लिए जयपुर शहर में पक्षी उपचार केंद्र बनाए गए हैं. पिछले वर्षों में पक्षियों के उपचार के लिए 50 से अधिक शिविर जयपुर शहर में लगाया जाते थे. लेकिन इस बार बर्ड फ्लू के चलते केवल 4 जगह पर ही शिविर लगाए गए हैं.

पतंगबाजी से घायल परिंदों को दें उपचार, लेकिन ध्यान रखें कुछ बातें...

इंसानों में बर्ड फ्लू फैलने का खतरा रहता है. इसी को देखते हुए कम शिविर लगाए गए हैं और सावधानीपूर्वक पक्षियों को रेस्क्यू करने के लिए निर्देशित किया गया है. पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने आमजन से अपील की है कि किसी को भी कोई घायल पक्षी मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचना दें. खुद की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पक्षी को छायादार स्थान पर रखें और इसके बाद जहां से ब्लड लॉस हो रहा है उस जगह पर एंटीसेप्टिक लगाकर उस ब्लड को रोकने का प्रयास करें.

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घायल पक्षियों को तुरंत खाने पीने की वस्तु नहीं दें. पक्षी का जितना ब्लड कम लॉस होगा, उतनी ही बचने की संभावना ज्यादा होगी. इसके साथ ही सभी जयपुर वासियों से अपील है कि सुबह और शाम को पतंगबाजी नहीं करें. क्योंकि सुबह शाम को ही पक्षियों का स्वच्छंद विचरण रहता है. वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी ने बर्ड फ्लू के चलते मांझे से घायल होने वाले पक्षियों को रेस्क्यू करने के सुरक्षित तरीकों और सावधानियों के बारे में बताया है.

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वन विभाग की अपील सुबह शाम न उड़ाएं पतंग

एनजीओ के स्वयंसेवकों को मांझे से घायल पक्षियों को रेस्क्यू करते समय पीपीई किट, फेस शिल्ड और उचित क्वालिटी के मास्क का प्रयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है. लोगों से अपील की है कि पतंगबाजी में कांच के मांझे का प्रयोग नहीं करें. पक्षियों की अधिक गतिविधि के समय सुबह 6:00 से 8:00 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे तक पतंग नहीं उड़ाएं.

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