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'चिंतन' के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़ा बदलाव संभव, यहां समझिए मिशन 2023 का Micromanagement

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Published : May 6, 2022, 4:33 PM IST

नव संकल्प शिविर के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़ा (Congress Politics in Rajasthan) बदलाव देखने को मिल सकता है. 'मिशन 2023' के लिए अब कांग्रेस भी भाजपा की तरह 'माइक्रोमैनेजमेंट' कर सकती है. केसी वेणुगोपाल तो कह चुके हैं कि यह 'चिंतन' कांग्रेस के लिए बड़ा गेम चेंजर साबित होगा.

Congress Flag
कांग्रेस का झंडा

जयपुर. 13 से 15 मई तक उदयपुर में होने जा रहे नव संकल्प शिविर के बाद (Big Change Can Happen in Rajasthan Congress) कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े बदलाव नजर आ सकते हैं. यह नव संकल्प शिविर राजस्थान में होने जा रहा है तो फिर इसका सबसे ज्यादा असर भी राजस्थान कांग्रेस पर पड़ेगा. प्रदेश कांग्रेस भी इस शिविर के बाद 'मिशन 2023' की तैयारी में ज्यादा सक्रियता से जुटी नजर आएगी. पार्टी में इसकी प्लानिंग भी बड़े स्तर पर की जा रही है.

चिंतन शिविर के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में एक बड़ा बदलाव यह होने जा रहा है कि पार्टी अब भाजपा को टक्कर देने के लिए माइक्रोमैनेजमेंट की नीति पर फोकस करेगी. भाजपा के मंडल और पन्ना प्रमुख को मात देने के लिए कांग्रेस भी अब सब ब्लॉक बनाने जा रही है. अभी पार्टी संविधान के मुताबिक संगठन की सबसे छोटी इकाई ब्लॉक है, लेकिन प्रदेश में इन ब्लॉक्स को छोटे-छोटे कई ब्लॉक्स में विभाजित कर इनकी कार्यकारिणियां घोषित की जाएंगी. बता दें कि पार्टी नेता भी बयान दे चुके हैं कि (KC Venugopal on Congress Udaipur Meeting) यह नव संकल्प शिविर कांग्रेस के लिए बड़ा गेम चेंजर साबित होगा.

पढ़ें : कांग्रेस पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित होगा चिंतन शिविर: वेणुगोपाल

यहां समझिए प्लानिंग :

  • कांग्रेस संगठन के तहत अभी प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 2 ब्लॉक हैं.
  • यानि अभी प्रदेश में कांग्रेस संगठन 400 ब्लॉक में विभाजित हैं.
  • अब प्रत्येक ब्लॉक को 10-12 सब ब्लॉक में विभाजित करने की पार्टी की प्लानिंग है.
  • इस तरह प्रदेश में पार्टी के अब करीब 4 हजार सब ब्लॉक हो जाएंगे.
  • छोटे स्तर पर इकाई गठित होने से पार्टी को निचले स्तर तक मैनेजमेंट में आसानी होगी.
  • प्रदेश में करीब 52 हजार बूथ हैं.
  • अभी एक ब्लॉक के क्षेत्र में औसतन 130 बूथों की जिम्मेदारी हो रही है.
  • सब ब्लॉक बन जाने के बाद एक सब ब्लॉक के अधीन महज 12-13 बूथ होंगे.

भाजपा की राह पर कांग्रेस अब समझ रही माइक्रोमैनेजमेंट की आवश्यकता : बूथ स्तर तक माइक्रोमैनेजमेंट समय की जरूरत है. भाजपा के बाद कांग्रेस भी अब यह समझ चुकी है और इसी के मद्देनजर छोटे-छोटे ब्लॉक (Nav Sankalp Shivir in Udaipur) बनाने की तैयारी की जा रही है. पहले उदयपुर में होने जा रहे नव संकल्प शिविर में इस पर चर्चा होगी और उसके बाद छोटे स्तर पर ब्लॉक गठित कर दिए जाएंगे. पार्टी को इससे दोहरा फायदा होगा. पहला फायदा यह कि इससे माइक्रोमैनेजमेंट मजबूत होगा और दूसरा यह कि निचले स्तर तक मजबूत टीम तैयार हो पाएगी.

pcc chief dotasra
एक कार्यक्र के दौरान डोटासरा...

दरअसल, अभी ब्लॉक स्तर तक कार्यकारिणी गठित की जाती है, लेकिन अब सब ब्लॉक स्तर पर कार्यकारिणियां होने से संगठन में ज्यादा लोगों को पद मिलेंगे और टीम मजबूत होगी. प्रत्येक सब ब्लॉक में अगर 10 से 11 लोगों की कार्यकारिणी भी मानें तो करीब 40 से 45 हजार लोगों की टीम (Congress Three Day Brainstorming Session in Rajasthan) तैयार होगी. पद मिलने के बाद कार्यकर्ताओं में ज्यादा जोश होगा और वे मिशन 2023 की तैयारियों में ज्यादा उत्साह के साथ जुटेंगे. इससे पहले डिजिटल सदस्यता अभियान के तहत पार्टी बूथ स्तर तक दो-दो एनरोलर बना चुकी है. यानि कांग्रेस अब बूथ स्तर मजबूत है, बस जरूरत कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की है.

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