नाराज G-6 करेगा दिल्ली कूच, वाजिब बोले- कल्ला समेत कई मंत्रियों का रवैया ठीक नहीं...काम तो दूर मिलना भी मुश्किल

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Published : Jul 19, 2022, 3:15 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 3:27 PM IST

MLA Wajib Ali

राजस्थान में कांग्रेस के नाराज विधायक (G-6) अब दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. जयपुर में मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए वाजिब अली ने बड़ा बयान दिया और कहा कि कल्ला समेत (Wajib Ali Targets Minister BD Kalla) कई मंत्रियों का रवैया ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों की समस्याओं को एड्रेस नहीं किया गया तो कांग्रेस को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

जयपुर. 2 दिन पहले सरकार से नाराज चल रहे G-6 विधायकों का प्रतिनिधित्व (Angry Congress MLA in Rajasthan) कर रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने मंत्री शांति धारीवाल का एलाइनमेंट गड़बड़ होने की बात कही थी तो मंगलवार को G-6 के दूसरे विधायक वाजिब अली ने भी सरकार के मंत्रियों को कटघरे में खड़ा किया है. वाजिब अली ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला का नाम लेते हुए कहा कि कल्ला समेत सरकार के कई मंत्री हैं, जिनके डिपार्टमेंट में कोई काम नहीं होते. कई मंत्री तो ऐसे हैं, जिनसे काम कराना तो दूर उनसे जल्दी मिल भी नहीं सकते.

बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक वाजिब अली ने नाराजगी जताते हुए कहा कि मंत्रियों का रवैया ऐसा है जैसे वह जिंदगी भर के लिए मंत्री बन गए हों, लेकिन उन्हें याद रखना होगा कि जनता ने उन्हें मंत्री बनाया है और सरकार ने बड़ी मेहनत की है. सरकार रिपीट होने के लिए अकेले मुख्यमंत्री की मेहनत नहीं होती, बल्कि सबकी बराबर मेहनत होना जरूरी है. वाजिब अली ने कहा कि हम तो मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जो मंत्री ऐसा नहीं कर रहे हैं उन्हें खामियाजा भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि मैं मंत्रियों का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन बहुत से मंत्री हैं जिनके डिपार्टमेंट में बड़ी समस्याएं चल रही हैं. न वो मंत्री जनता के प्रति जवाबदेह हैं न उनसे जल्दी मिला जा सकता है और ना ही वह काम करते हैं.

बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक वाजिब अली ने क्या कहा...

...तो सरकार को भुगतना पड़ेगा खामियाजा : वाजिब अली मंगलवार को विशेष तौर पर मंत्री बीडी कल्ला से नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में बड़ी समस्या है. हमारे यहां उर्दू के टीचर क्रिएट करने थे, लेकिन 3 साल से मेरे लड़ाई लड़ने के बावजूद ऐसा नहीं हो पा रहा. मुख्यमंत्री ने बजट में घोषणा की थी कि 10-20 बच्चे भी अगर उर्दू के होंगे तो उन्हें उर्दू पढ़ाई जाएगी, लेकिन वह हो नहीं पा रहा है. वाजिब अली ने कहा कि हमारे लोगों के ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं, जबकि मंत्री अपने गृह जिलों में ट्रांसफर करवा लेते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे 20-20 साल से 800-1000 किलोमीटर दूर नौकरी कर रहे हैं. पार्टी के कार्यकर्ता उनके परिवार के लोग जो पार्टी के साथ हैं, जिन्होंने कांग्रेस को वोट दिए और मेहनत करके सरकार बनाई, आज उम्मीद रखते हैं कि सरकार से उन्हें राहत मिले, लेकिन वह नहीं हो पा रहा है.

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मदरसा बोर्ड में 25 करोड़ का प्रावधान रखा गया, लेकिन पिछले साल एक भी रुपए खर्च नहीं हुआ. अल्पसंख्यक वर्ग ने तो 99% वोट कांग्रेस को दिए, उसके बाद भी उनके कोई काम नहीं हो रहे हैं. मदरसा पैरा टीचर धरने पर बैठे रहे, अब भी संघर्ष कर रहे हैं. हमने उनसे वादा किया था (Wajib Ali Targets Minister BD Kalla) कि उनका नियमितीकरण करेंगे, लेकिन उनको भी राहत नहीं दे पाए. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह बड़ी समस्याएं हैं और वक्त रहते हमने इन्हें एड्रेस नहीं किया तो बहुत बड़ा खामियाजा पूरी सरकार को भुगतना पड़ेगा.

प्रदेश के मुखिया के साथ ही कांग्रेस आलाकमान को भी जल्द ही देंगे दिल्ली जाकर फीडबैक : राज्यसभा चुनाव के समय बसपा से कांग्रेस में आए विधायक राजेंद्र गुढ़ा, वाजिद अली, लाखन मीणा और संदीप यादव के साथ ही कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जताते हुए G-6 बनाया. जिसने ब्यूरोक्रेसी से शिकायत के साथ ही मंत्रियों की कार्यशैली और मंत्रिमंडल के जल्द पुनर्गठन जैसी मांगें सरकार से राज्यसभा चुनाव के समय रखी थी. लेकिन आज भी उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं.

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विधायक वाजिब अली ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी के हालात वही हैं, उनमें कोई बदलाव नहीं आया है. पता नहीं किस मानसिकता के लोग ब्यूरोक्रेसी में बैठे हैं और वह क्या एजेंडा लेकर चल रहे हैं. मेरे यहां खेल स्टेडियम की घोषणा 3 साल पहले हुई, लेकिन आज भी काम शुरू नहीं हो सका. हम जनता से किए गए वादे धरातल पर नहीं लेकर आएंगे तो हमें घोषणाओं का कोई लाभ नहीं होगा. वाजिब ने कहा कि जो कुछ खामियां चल रही हैं, उसका फीडबैक हम प्रदेश के मुखिया के साथ ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं तक भी पहुंचाना चाहते हैं. वाजिब अली ने कहा कि पार्टी के सिपाही और शुभचिंतक के तौर पर हम अपनी बात सही प्लेटफार्म पर दिल्ली जाकर रखेंगे, क्योंकि दिल्ली के नेताओं को भी पता होना चाहिए कि प्रदेश में सरकार जो इतना मेहनत कर रही है, उसमें क्या परेशानियां हैं और उन में क्या बदलाव और क्या चीजें सुधारने की जरूरत है.

Last Updated :Jul 19, 2022, 3:27 PM IST
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