कृषि उपज मंडी संशोधन बिल पारित, नाराज भाजपा का सदन से वॉकआउट...विधेयक को बताया काला कानून

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Published : Sep 21, 2022, 6:47 PM IST

कृषि उपज मंडी संशोधन बिल

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को हंगामे के बीच कृषि उपज मंडी संशोधन बिल पारित (Agricultural Produce Market Amendment Bill passed) कर दिया गया. इससे नाराज भाजपा ने सदन से वॉकआउट कर दिया. भाजपा ने इसे काला कानून भी करार दिया है.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में हंगामे के बीच कृषि उपज मंडी संशोधन बिल पारित कर (Agricultural Produce Market Amendment Bill passed) दिया गया. हालांकि इससे (BJP walk out from assembly) नाराज भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया. भाजपा ने इस संशोधन बिल को काला कानून करार दिया है. मौजूदा संशोधन के बाद अब राजस्थान में मंडी क्षेत्र का दायरा बढ़ गया है जिसका भाजपा ने पुरजोर तरीके से विरोध किया है.

बुधवार को सदन में यह बिल चर्चा के लिए रखा गया लेकिन भाजपा के तमाम विधायकों ने इसे किसान विरोधी कानून बताते हुए जनमत जानने के लिए भेजने की मांग की. इस संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और वरिष्ठ विधायक वासुदेव देवनानी समेत अन्य बीजेपी विधायकों ने कहा कि आज देश भर के सभी राज्यों में सर्वाधिक मंडी टैक्स केवल राजस्थान की गहलोत सरकार ही लगा रही है. ऐसे में (BJP called the bill black law) यह काला कानून नहीं है तो आखिर क्या है.

कृषि उपज मंडी संशोधन बिल

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देवनानी ने कहा कि मौजूदा संशोधन से मंडियों में बिचौलियों का शिकंजा बढ़ेगा. अशोक लाहोटी ने कहा कि यह संशोधन छोटे किसानों को मारने वाला है. वहीं राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इस संशोधन के जरिए यूजर चार्जेज में बढ़ोतरी की गई है. उससे सीधे तौर पर किसान प्रभावित होंगे. राजेंद्र राठौड़ ने संशोधन के जरिए धारा 17 (ख) को जोड़ने पर भी आपत्ति जताई है.

संयम लोढ़ा ने कहा- बीजेपी पूरी तरह दिग्भ्रमित
संशोधन बिल पर निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि बीजेपी पूरी तरीके से दिग्भ्रमित है. यही कारण है कि उपराष्ट्रपति के सम्मान में मुख्यमंत्री की ओर से दिए गए रात्रि भोज में 25 परसेंट ही भाजपा विधायक पहुंचे. लोढ़ा ने कहा कि इस कृषि उपज संशोधन बिल को काला कानून करार दे रही है जबकि भाजपा ने केवल किसानों के नाम पर राजनीति की है. किसानों के हितों के लिए कुछ भी नहीं किया है. उन्होंने कहा कि केंद्र तीन काले कृषि कानून लाई लेकिन जब किसानों और कांग्रेस का दबाव पड़ा तो तीनों कृषि बिल वापस ले लिए गए. इस दौरान मंत्री मुरारी लाल मीणा ने सदन में भाजपा विधायकों की ओर से लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि किसानों के हित में ही यह संशोधन लाया गया है.

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बता दें कि इस संशोधन के जरिए राज्य सरकार ने मंडी क्षेत्र का एरिया बढ़ाकर बाहर तक कर दिया है. कोल्ड स्टोरेज का किराया भी बढ़ाया गया है. इसी तरह कृषि मंडियों में अब कृषि उत्पाद के अलावा अन्य उत्पाद भी बेचे जा सकेंगे. बीजेपी का यह भी आरोप था कि इससे किसान प्रभावित होंगे.

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