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EXCLUSIVE: झगड़े के बाद गहलोत के इस मंत्री ने कहा- ये हमारा अंदरूनी मामला, सुलझा लेंगे

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Published : Jun 3, 2021, 3:12 PM IST

राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में इस वक्त प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री शांति धारीवाल का आपस में भिड़ जाना चर्चा का विषय बना हुआ. इसी मुद्दे पर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात की जहां उन्होंने कहा कि यह हमारे परिवार का मामला है जो कल ही खत्म हो गया.

Hot talk between Govind dotasara and Shanti Dhariwal, राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास

जयपुर. राजस्थान में आज अगर किसी घटना की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है तो वह है गहलोत कैबिनेट में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और मंत्री शांति धारीवाल का आपस में भिड़ जाना. भले ही इस तरह का मामला कांग्रेस पार्टी में इससे पहले नहीं हुआ कि कोई प्रदेश अध्यक्ष इतना नाराज हो जाए कि वह मंत्री की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष से करने की बात कहें, लेकिन राजस्थान की कांग्रेस पार्टी इसे अपने परिवार का मामला तो मान ही रही है इसके साथ ही इसे आंतरिक लोकतंत्र का उदाहरण बता रही है.

प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यह हमारे परिवार का मामला है

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ईटीवी भारत से खास बात करते हुए प्रदेश के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बुधवार रात को कैबिनेट में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और शांति धारीवाल के आपस में भिड़ जाने और खुद उनकी ओर से जयपुर कलेक्टर की शिकायत करने पर अपनी बात रखी. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि चाहे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा हो या फिर मंत्री शांति धारीवाल दोनों में अच्छे संबंध है, लेकिन कई बार ऐसा हो जाता है कि दो दोस्त आपस में बैठते हैं तो हॉट-टॉक हो जाती है. ऐसा ही कल मंत्रिमंडल की बैठक में भी हुआ जिसमें अध्यक्ष अपनी बात रख रहे थे तो शांति धारीवाल अपनी बात रख रहे थे. इसी चर्चा में मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई और हॉट-टॉक हो गई जो मामला अब खत्म हो चुका है.

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि यही आंतरिक लोकतंत्र है कि कांग्रेस के नेता एक दूसरे को बात कहते भी हैं और बात सुनते भी हैं. प्रताप सिंह ने कहा कि धारीवाल उम्र में बड़े हैं और प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं दोनों का अपना-अपना सम्मान है और यह हमारे परिवार का मामला है जो कल ही खत्म हो गया. मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री कलेक्टर के पास जाकर ज्ञापन भी दे सकते हैं और कलेक्टर को ज्ञापन देने के लिए बुलाया भी जा सकता है. इसी बात को समझने के फेर में सारी मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई जो अब दूर हो चुकी है.

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वहीं, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने खुद अपनी ओर से जयपुर कलेक्टर कि जो शिकायत कैबिनेट में मुख्यमंत्री से कि उसे लेकर उन्होंने कहा कि मैंने कैबिनेट में अपनी बात रख दी है और अधिकारियों के कामकाज को लेकर हर मंत्री कैबिनेट में अपनी बात रखता है. लेकिन जो बात कैबिनेट में हुई वह अब मैं सार्वजनिक रूप से डिस्कस नहीं करना चाहता. मैंने अपनी बात रख दी अब मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है कि सरकार इस पर क्या निर्णय लेती है. उन्होंने कहा की कैबिनेट में हेल्दी डिस्कशन हुआ जिसमें मैंने भी यह बात कही कि जयपुर में क्या हो रहा है और मेरे प्रभार वाले जिले उदयपुर में क्या हो रहा है. कैबिनेट में पूरे राजस्थान को लेकर डिस्कशन होता है तो कलेक्टर की भूमिका पर भी डिस्कस होता है और इसी कारण मैंने अपनी बात रखी.

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