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महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर प्रियंका के Tweet के बाद सीएम गहलोत ने कही ये बात

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Published : Feb 26, 2021, 5:56 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 6:36 PM IST

प्रियंका गांधी के ट्वीट के बाद सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार महिलाओं, बालिकाओं और समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में पूरी तत्परता और संवेदनशीलता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में महिला अपराधों में पैंडेंसी रेट सिर्फ 8.7 प्रतिशत है. यह देश में सबसे कम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 32.4 प्रतिशत है.

bout the safety of women and girls in rajasthan
सीएम गहलोत ने कही ये बात

जयपुर. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर प्रदेश में महिलाओं, बालिकाओं को लेकर गहलोत सरकार का धन्यवाद किया तो सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर आंकड़े पेश किए. दरअसल, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कोई भी राजनीतिक व्यवस्था महिलाओं के प्रति संवेदनशील हुए बिना प्रगति नहीं कर सकती. भरतपुर मामले में संज्ञान लेकर शीघ्रता से न्यायोचित कार्रवाई करने के लिए @ashokgehlot51 का बहुत धन्यवाद.

  • हमारी सरकार महिलाओं और बालिकाओं एवं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में पुलिस पूरी तत्परता एवं संवेदनशीलता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार सभी मामलों में निष्पक्ष, विस्तृत एवं त्वरित जाँच कर न्याय सुनिश्चित कर रही है।
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    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 26, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

प्रियंका के ट्वीट के बाद सीएम गहलोत में भी एक के बाद ट्वीट कर प्रदेश सरकार की सुरक्षा का विवरण दिया. सीएम गहलोत ने ट्वीट कर कहा हमारी सरकार महिलाओं, बालिकाओं समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामलों में पूरी तत्परता और संवेदनशीलता से कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार सभी मामलों में निष्पक्ष, विस्तृत एवं त्वरित जांच कर न्याय सुनिश्चित कर रही है.

पढ़ें : भरतपुर दुष्कर्म मामला : जल्द कार्रवाई करने पर प्रियंका गांधी ने जताया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार

सरकार ने पुलिस थानों में FIR दर्ज करना अनिवार्य किया है. महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए हर जिले में महिला अपराध अनुसंधान इकाइयां बनाई हैं. DySP लेवल के नोडल ऑफिसर नियुक्त किए हैं, जिससे दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों में औसत अनुसंधान समय घटकर 126 दिन रह गया है. यह वर्ष 2017-18 में 274 दिन था.

  • सरकार ने पुलिस थानों में FIR दर्ज करना अनिवार्य किया है। महिलाओं के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने के लिये हर जिले में महिला अपराध अनुसंधान इकाईयां बनायी हैं
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हीनियस क्राइम के मामलों की मॉनिटरिंग के लिए आईजी रेंज स्तर पर हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट का गठन किया है. कोई लीगल रास्ता निकालकर अपराधी बच ना सके, इस हेतु यूनिट में एक लीगल अधिकारी की नियुक्ति की है. इन कदमों की बदौलत बदलाव आया. प्रदेश में महिला अपराधों में पैंडेंसी रेट सिर्फ 8.7 प्रतिशत है. यह देश में सबसे कम है, जबकि राष्ट्रीय औसत 32.4 प्रतिशत है.

Last Updated :Feb 26, 2021, 6:36 PM IST
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