जयपुर. राजस्थान में रिश्वतखोरों को गिरफ्तार करने के लिए और रिश्वत पर लगाम लगाने के लिए एसीबी ने ताबड़तोड़ कार्रवाई की हैं. आमजन का भी राजस्थान एसीबी के प्रति विश्वास काफी बढ़ा है. जिसके चलते एसीबी मुख्यालय को विभिन्न माध्यमों से भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों की सूचना प्राप्त हो रही है. देखिये ये रिपोर्ट...
कई मामले ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें एसीबी ने स्वयं सर्विलांस के आधार पर रिश्वत लेने वाले और रिश्वत देने वाले दोनों व्यक्तियों को दबोचा है. राजस्थान में जिस भी व्यक्ति ने रिश्वत की मांग की उसे एसीबी ने बिल्कुल नहीं बख्शा. एसीबी ने कार्रवाई करते हुए आईएएस, आईपीएस, आरएएस, आरपीएस और विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को दबोचा. राजस्थान में ऐसा कोई भी विभाग नहीं, जहां रिश्वतखोर एसीबी की नजरों से बच सका हो. रिश्वत की मांग करने वाले व्यक्ति की शिकायत मिलते ही एसीबी ने तुरंत शिकायत का सत्यापन किया और फिर रिश्वतखोर को दबोच लिया.
डीजी एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि 1064 हेल्पलाइन नंबर और व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर प्राप्त होने वाली शिकायतों पर तुरंत एक्शन लेते हुए एसीबी ने वर्ष 2021 के शुरुआती तीन महीनों में 102 ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसके साथ ही प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत 110 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इस दौरान कार्रवाई करते हुए रिश्वत की मांग करने वाले तकरीबन 150 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिनमें 1 आईएएस, 1 आईपीएस, 5 आरएएस और 3 आरपीएस अधिकारी शामिल हैं.
इसके साथ ही एसीबी ने अपने ही विभाग के एक रिश्वतखोर डीएसपी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का प्रकरण भी दर्ज किया. एसीबी की टीम का हर एक सदस्य अपने कार्य को लेकर काफी डेडीकेटेड है और छुट्टी के दिन भी यदि रिश्वत मांगे जाने की कोई सूचना एसीबी को मिली तो उस दिन भी कार्रवाई को अंजाम दिया. डीजी एसीबी बीएल सोनी ने आमजन से अपील भी की है कि वह अपनी मेहनत की कमाई को रिश्वत के रूप में न दें और रिश्वत की मांग करने वाला व्यक्ति चाहे राज्य सरकार का हो या केंद्र सरकार का हो, उसकी सूचना तुरंत एसीबी को दें.
एसीबी आपके द्वार अभियान
डीजी एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि आमजन की ओर से हेल्पलाइन 1064 और व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों के आधार पर ही यह पता चलता है कि किस विभाग में कौन लोग रिश्वत की मांग कर रहे हैं. हालांकि हेल्पलाइन पर आने वाली हर शिकायत को ट्रैप में नहीं बदला जा सकता. लेकिन एसीबी को यह जानकारी अवश्य मिल जाती है कि किस विभाग में किस तरह से रिश्वत का खेल चल रहा है. हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायत जब स्पष्ट होती है तो एसीबी आपके द्वार के तहत शिकायत करने वाले परिवादी के घर पर एसीबी के अधिकारी पहुंचते हैं. उसके बाद प्रकरण में सत्यापन करने की प्रक्रिया और रिश्वत की मांग करने वाले व्यक्ति को ट्रैप करने की प्रक्रिया परिवादी के साथ मिलकर पूरी की जाती है. वहीं एसीबी के व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर जो शिकायत ऑडियो और वीडियो क्लिप के रूप में प्राप्त होती है उसके आधार पर भी एसीबी टीम परिवादी के पास पहुंच रिश्वत की मांग करने वाले भ्रष्ट व्यक्ति को रंगे हाथों गिरफ्तार करती है.
परिवादी का काम करवाती है एसीबी
डीजी एसीबी बीएल सोनी ने बताया कि रिश्वतखोर अधिकारी और कर्मचारी को गिरफ्तार करवाने वाले और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू करने वाले परिवादी का जायज काम एसीबी करवाती है. परिवादी के काम को पूरा करवाने के लिए राज्य सरकार से समन्वय कर रुक हुआ काम पूरा करवाया जाता है. इसके लिए बकायदा राज्य सरकार की तरफ से एक परिपत्र जारी किया गया है जिसके तहत हर माह प्रिंसिपल सेक्रेट्री होम से एसीबी के अधिकारियों की बैठक होती है.
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जिसमें परिवादी के रुके हुए जायज काम को पूरा कराने के लिए निर्देश दिए जाते हैं और जल्द से जल्द परिवादी के लंबित कार्य को पूरा करवाया जाता है. डीजी एसीबी बीएल सोनी ने आमजन का आभार प्रकट करते हुए उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि रिश्वत की मांग करने वाले व्यक्ति के खिलाफ जो भी शिकायत प्राप्त होगी उस पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा. रिश्वत की मांग करने वाला अधिकारी किसी भी पद पर आसीन हो और किसी भी विभाग से संबंध रखता हो उसे बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा.
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