आप प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने की गुर्जर नेता विजय बैंसला से मुलाकात...राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज

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Published : May 14, 2022, 8:31 PM IST

Vinay Mishra met Gujjar leader Vijay Bainsla

आम आदमी पार्टी के राजस्थान प्रभारी विनय मिश्रा ने गुर्जर नेता विजय बैंसला से जयपुर में उनके निजी आवास पर (Vinay Mishra met Gujjar leader Vijay Bainsla) मुलाकात की. इससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।

जयपुर. दिल्ली और पंजाब के बाद अब आम आदमी पार्टी राजस्थान में भी अपनी जड़ें मजबूत करने में लगे हैं. आम आदमी पार्टी ने अब राजस्थान में अलग-अलग अभियानों के जरिए लोगों को पार्टी से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. इसी बीच आज आप के प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैंसला (Vinay Mishra met Gujjar leader Vijay Bainsla) से मुलाकात की. विनय मिश्रा और विजय बैंसला की इस अचानक मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

एक घंटे की मुलाकात: विजय बैंसला से आप प्रभारी विनय मिश्रा की मुलाकात करीब एक घंटे से अधिक हुई. यह मुलाकात ऐसे वक्त हुई जब आम आदमी पार्टी राजस्थान में पार्टी का विस्तार कर रही है. बैंसला और मिश्रा के बीच हुई इस मुलाकात के बाद यह मायने निकाले जा रहे थे. आने वाले चुनाव में आम आदमी पार्टी विजय बैंसला को अपने साथ जोड़ कर पूर्वी राजस्थान के साथ साथ गुर्जर समाज के बड़े वोट बैंक को साधने की कवायद कर सकते हैं.

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कौन हैं विजय बैंसला: विजय बैंसला गुर्जर आरक्षण के अगुवा रहे गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे हैं. पिछले कुछ सालों से विजय बैंसला अपने पिता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के साथ सामाजिक मुद्दों को लेकर सक्रिय रहे हैं. लगातार जिस तरह से विजय बैंसला गुर्जर आरक्षण के मुद्दों को लेकर सरकार से दो-दो हाथ करते रहे हैं. आम आदमी पार्टी विजय बैसला के जरिए प्रदेश में गुर्जर समाज के वोट बैंक को जोड़ने की कोशिश करेगी.

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गुर्जर वोटर 5 फीसदी : वैसे तो गुर्जर समुदाय को भाजपा का वोट बैंक माना जाता है क्योंकि उनकी कट्टर विरोधी मीणा परंपरागत रूप से कांग्रेस की समर्थक हैं. हालांकि पिछले चुनाव के वक्त कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट थे. पायलट गुर्जर समाज से आते हैं. ऐसे में 2018 के चुनाव में गुर्जरों का वोट भाजपा और कांग्रेस में आधा-आधा बंट रहा है. चुनाव के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बनाया था जिसके बाद से गुर्जर समाज कांग्रेस से नाराज है.

गुर्जर बहुल आबादी वाले जिले: करौली, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक, भरतपुर, दौसा, कोटा, धौलपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, झुंझनू, अजमेर ऐसे जिले हैं जो गुर्जर बहुल क्षेत्र हैं. राजनीतिक आंकड़ों को देखते हैं तो
30 से 40 सीटों पर गुर्जर वोटरों का प्रभाव दिखता है.

कर्नल बैंसला लड़ चुके हैं चुनाव: दरअसल गुर्जर आंदोलन के अगुवा रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला बीजेपी के बैनर पर टोंक, सवाई माधोपुर लोकसभा सीट से सांसद का चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें उस चुनाव में बहुत कम मार्जिन से ही सही लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से विजय बैंसला सक्रिय भूमिका में हैं उससे ऐसा लगता है कि आने वाले चुनाव में विजय बैंसला भी चुनावी पारी खेल सकते हैं.

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