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जयपुर: चूड़ी कारखानों से छुड़वाए गए बाल मजदूरों को ट्रेन से बिहार भेजा

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Published : Sep 23, 2020, 3:06 AM IST

बाल कल्याण समिति के आदेश के बाद 94 बालकों को ट्रेन से बिहार भेजा गया है. ये बच्चे चूड़ी कारखानों से छुड़वाए गए थे. जिन्हें मजदूरी के लिए बिहार से लाया गया था और इनसे 16 से 18 घंटे काम करवाया जाता था और पीटा जाता था. बचपन बचाओ आंदोलन, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, पुलिस और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से इन बच्चों को रेस्क्यू किया गया था.

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चूड़ी कारखानों से छुड़वाए गए बाल मजदूरों को ट्रेन से बिहार भेजा

जयपुर. चूड़ी कारखानों से मुक्त करवाया गए बाल मजदूरों को ट्रेन से बिहार भेजा गया है. अपने घर वापस लौटते समय नन्हे-मुन्ने बच्चों के चेहरों पर खुशी की लहर नजर आई. बचपन बचाओ आंदोलन, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, पुलिस और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से मुक्त करवाये गए कुल 94 बालकों को ट्रेन से बिहार भेजा गया है. बाल कल्याण समिति के आदेश अनुसार 89 बाल श्रमिकों समेत 5 निराश्रित बच्चों को ट्रेन से बिहार भेजा गया है. जिन्हें बिहार सरकार को सुपुर्द किया गया है.

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बाल मजदूरों को बिहार से जयपुर लाकर बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. जिन्हें बचपन बचाओ आंदोलन, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं और पुलिस थानों के सहयोग से मुक्त करवाया गया था. नन्हे-मुन्ने बच्चों से राजधानी जयपुर में लाकर 16 से 18 घंटे काम करवाया जाता था और समय पर भोजन भी नहीं दिया जाता था. बच्चों पर अत्याचार भी किया जाता था. ज्यादातर बच्चों से चूड़ी कारखानों में काम करवाया जाता था.

प्रदेश भर में बाल श्रम के खिलाफ कई स्वयंसेवी संस्थाएं भी काम कर रही हैं, जो ऐसे बच्चों का ध्यान रखती हैं और बाल मजदूरी का पता चलते ही प्रशासन की मदद से उन्हें छुडवाने का प्रयास करती हैं और उनके रहने खाने की व्यवस्था करती हैं. संस्थाएं बच्चों से उनके गांव का पता पूछ कर उनको वापस भी भेजती हैं. सरकार और प्रशासन की ओर से भी लोगों को जागरूक किया जाता है कि बालश्रम एक अपराध है. कोई भी इसे नहीं होने दें. बच्चों को उनका अधिकार दें और सबसे पहला अधिकार शिक्षा है, जो उन्हें मिलनी चाहिए. बच्चे शिक्षित होंगे तो इनका भविष्य उज्जवल होगा. अगर इसी तरह लगातार जारी है पहले से ज्यादा जारी है.

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