भरतपुर. राजस्थान सरकार ने साधु-संतों के विरोध प्रदर्शन और एक संत के आत्मदाह के प्रयास के बाद जिले की सीकरी और पहाड़ी तहसील की 749.44 हेक्टेयर सिवायचक भूमि को वन क्षेत्र घोषित कर दिया (Sikari and Pahadi declared forest area) है. शुक्रवार को पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता कर इस मामले में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने दोनों कार्यकाल में इस क्षेत्र को वन क्षेत्र घोषित करने के लिए नोटिफिकेशन निकालने की पूरी कार्रवाई की. लेकिन भाजपा ने अपने 5 साल के कार्यकाल में कमेटी बनाने के अलावा कुछ नहीं किया.
मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि भाजपा के कुछ तथाकथित नेता साधु विजयदास के देहावसान की भ्रामक सूचनाएं सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं. बाबा विजयदास का दिल्ली के अस्पताल में उपचार चल रहा है और उनके देहावसान की सूचनाएं झूठी हैं. हालांकि उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. मंत्री ने कहा कि वर्ष 2009 और वर्तमान कार्यकाल में कांग्रेस सरकार ने वन क्षेत्र घोषित करने के नोटिफिकेशन निकलने की सभी कार्रवाई की. लेकिन भाजपा ने अपने 5 साल के कार्यकाल में कमेटी गठित करने के अलावा कुछ नहीं किया.
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मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि हमारी सरकार ने साधु-संतों को 15 दिन में वन क्षेत्र घोषित करने का वादा किया था, लेकिन 2 दिन के अंदर ही हमने उनकी मांग को पूरा कर नोटिफिकेशन जारी करा दिया है. मंत्री ने कहा कि आज पर्यटन विभाग की टीम यहां आएगी और उक्त क्षेत्र का सर्वे कर तय करेगी कि कहां पर वृक्षारोपण होना है और कहां-कहां पर सौंदर्यीकरण कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि हो सकता है इस पूरे मामले को लेकर माइनिंग लॉबी कोर्ट जा सकती है. लेकिन हमने पहले ही तहसीलदार के माध्यम से हाईकोर्ट में कैबिनेट लगाने को निर्देशित कर दिया है. मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि जिले में लॉ एंड ऑर्डर खराब नहीं हो, यह हमारी पहली प्राथमिकता है. कुछ खुराफाती तत्व यह प्रयास कर रहे हैं. इसके लिए मैंने प्रशासन को निर्देशित कर दिया है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.
भाजपा की 5 सदस्य कमेटी के भरतपुर आने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि कोई भी पार्टी हो, नेता हो यदि माहौल खराब करने की कोशिश की, तो उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी भी की जाएगी. किसी भी हालत में शांति भंग नहीं होने देंगे. रीट परीक्षार्थियों की सुरक्षा का सवाल है. संयुक्त शासन सचिव विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि सीकरी के 7 राजस्व ग्रामों की 662. 25 हेक्टेयर सिवायचक भूमि और तहसील पहाड़ी के दो राजस्व गांव की 87.19 हेक्टेयर सिवायचक भूमि यानी कुल मिलाकर 749.44 हेक्टेयर भूमि को सघन वृक्षारोपण के लिए वन विभाग को हस्तांतरित किया गया है.