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3 करोड़ रुपए खर्च कर बदल दी गौशाला की तस्वीर, अपना घर आश्रम ने विकसित की कई सुविधाएं

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Published : Sep 24, 2022, 2:24 PM IST

अपना घर आश्रम के संस्थापक ने करीब ढाई महीने पहले नगर निगम की इकरण गौशाला का गोद लिया था. ढाई महीनों में ही आश्रम संचालक ने 3 करोड़ रुपए लगाकर गौशाला की तस्वीर बदल दी (Apna Ghar Ashram developed Gaushala) है. साथ ही अपना घर आश्रम के गोद लेने के बाद गौशाला में गायों की मृत्युदर में काफी कमी आई है.

Apna Ghar Ashram Bharatpur
अपना घर आश्रम गौशाला

भरतपुर. भरतपुर जिले के नगर निगम इकरण गौशाला से एक समय हर दिन गायों की मरने और अव्यवस्थाओं की खबरें सामने आती थी. लेकिन मौजूदा समय में गौशाला की सूरत बदल गई है. गौशाला की सूरत बदलने में अपना घर आश्रम संस्था की अहम भूमिका रही है. अपना घर आश्रम ने ढाई महीने पहले नगर निगम गौशाला को गोद लिया और गौशाला में तीन करोड़ रुपए निवेश कर गौशाला में कई सुविधाएं (Apna Ghar Ashram developed Gaushala) विकसित कर दी. जिसके बाद अब इस गौशाला में गायों की मृत्युदर में कमी आने के साथ ही नवजात बछड़े-बछड़ी भी गौशाला में नजर आने लगे हैं.

घट गई मृतुदर: आश्रम संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि पहले गौशाला में हर दिन करीब 15 गायों की मौत होती थी. गौशाला को अपनी देखरेख में लेने से पहले 1 जनवरी 2022 से 6 मई 2022 तक गौशाला में करीब 1800 गायों की मौत हुई थी. जबकि 7 मई से अब तक महज 270 गाय मरी हैं. यानी गायों की मृत्युदर घटकर बहुत कम हो गई है. आने वाले समय में यह मृत्युदर और कम हो जाएगी. डॉ भारद्वाज ने बताया कि पहले गौशाला में एक भी बछड़ा-बछड़ी नजर नहीं आते थे. उन्हें या तो श्वान घायल कर मार देते या वह भूख प्यास से मर जाते थे. लेकिन बीते करीब ढाई माह के दौरान 44 बछड़ों ने जन्म लिया और वो जीवित भी हैं.

आश्रम संस्थापक डॉ बीएम भारद्वाज का बयान

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अलग अलग शेड तैयार: डॉ बी एम भारद्वाज ने बताया कि गौशाला में 7 शेड का काम चल रहा है, जिनमें से 4 शेड बनकर तैयार हो गए हैं. इनमें गंभीर गायों के लिए अलग शेड, नंदी के लिए अलग, कुपोषित गायों के लिए अलग और छोटे गोवंश के लिए अलग अलग शेड तैयार किए गए हैं. जिससे गायों की देखभाल अच्छे से की जा सके.

ऐसे कर रहे देखभाल

  • गौशाला में गायों के लिए अलग अलग सेक्शन तैयार किए गए हैं
  • सभी सेक्शन में गोपालक के साथ ही इंचार्ज, सुपरवाइजर तैनात हैं
  • कंप्यूटर में हर दिन की बीमा, स्वस्थ, मृत गाय और जन्म लेने वाले बछड़ों का डाटा अपडेट किया जा रहा है
  • 24 घंटे पानी के लिए जेनरेटर लगाया गया है.
  • गोबर उठाने के लिए लोडर, ट्रैक्टर ट्रॉली की व्यवस्था की गई है.

सरकारी चिकित्सक कर रहे उपचार: डॉ बीएम भारद्वाज ने बताया कि गौशाला की गायों के उपचार के लिए पशुपालन विभाग से भी मदद मिल रही है. पशुपालन विभाग की ओर से हर दिन चिकित्सक और अन्य स्टाफ गौशाला आकर बीमार गायों का उपचार करते हैं. साथ ही वैक्सीनेशन आदि की व्यवस्था भी करते हैं. उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम में गायों को गर्मी से बचाने के लिए गौ अभिषेक घाट तैयार की जा रहा है. इसमें टिन शेड लगाने का काम बचा है. इसमें फव्वारे से गायों को नहलाने की व्यवस्था रहेगी. साथ ही पूरे परिसर में गहन वृक्षारोपण किया जाएगा.

गौशाला में 1300 गायें हैं: गौरतलब है कि नगर निगम की गौशाला का अपना घर आश्रम ने 6 मई 2022 को देखभाल का जिम्मा संभाला. फिलहाल यहां करीब 1300 के आसपास गाय और नंदी हैं. पहले उचित देखभाल और पर्याप्त चारे की व्यवस्था के अभाव में गायों की हालत दयनीय थी और हर दिन करीब 15-16 गायों की मौत हो जाती थी. लेकिन जब से अपना घर आश्रम ने यहां की व्यवस्था संभाली है तब से यहां के हालात बहुत बेहतर हो गए है.

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