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जल जीवन मिशन : नल से जल पाने की रेस में पिछड़ा राजस्थान....गोवा, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार और पांडिचेरी के हर घर में पहुंचा नल से जल

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Published : Jul 14, 2021, 7:34 PM IST

जल जीवन मिशन
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बिहार, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों में जल जीवन मिशन के तहत तेजी से काम हो रहा है. जबकि राजस्थान इस योजना में खासा पीछे है. राजस्थान में महल 8.52 प्रतिशत ही काम हुआ है.

अलवर. जल जीवन मिशन योजना के तहत देश के सभी घरों में नल से पानी सप्लाई करने की योजना केंद्र सरकार ने शुरू की. इस योजना के तहत गोवा, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार व पांडिचेरी में 100 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. जबकि बिहार, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा सहित अन्य राज्यों में तेजी से काम चल रहा है. राजस्थान इस योजना में खासा पीछे है. राजस्थान में महल 8.52 प्रतिशत काम हुआ है. जबकि प्रदेश में 20 प्रतिशत घरों में नल से पानी पहुंचता है.

देशभर में 18 करोड़ 94 लाख 41 हजार 93 घर हैं. 15 अगस्त 2019 तक देश में 3 करोड़ 23 हजार 62 हजार 838 घरों में नल से पानी पहुंचता था. केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन योजना शुरू की. इसके तहत 50 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करनी है. इस योजना के तहत छोटे-छोटे गांव तक पाइप लाइन से पानी सप्लाई होना है. इस योजना के तहत अब तक करीब एक करोड़ कनेक्शन हो चुके हैं. 17 प्रतिशत की संख्या बढ़कर अब 23 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है. तेजी से पूरे देश में काम चल रहा है.

जल जीवन मिशन राजस्थान में क्यों पिछड़ा

सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक गोवा, तेलंगाना, अंडमान-निकोबार, आइसलैंड और पांडिचेरी में इस योजना के तहत 100 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. गोवा में 2 लाख 63 हजार 013 घरों में नल से कनेक्शन हो चुके हैं. तेलंगाना में 54 लाख 6 हजार 70 कनेक्शन हो चुके हैं. अंडमान निकोबार में 62 हजार 37 कनेक्शन हो चुके हैं. जबकि पांडिचेरी में 1 लाख 14 हजार 908 कनेक्शन हो चुके हैं. इसके अलावा दीव-दमन में 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. हरियाणा में 95 प्रतिशत, बिहार में 84 प्रतिशत और गुजरात में 84 प्रतिशत काम हुआ है.

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राजस्थान में अभी तक केवल 8.52 प्रतिशत काम हुआ है. 8 लाख 62 हजार 910 घरों में पानी के कनेक्शन किए गए हैं. राजस्थान में काम शुरू होने से पहले ही कई तरह की अनियमितताएं सामने आ चुकी हैं. प्रदेश की राजधानी जयपुर में बिना टेंडर के ठेकेदार द्वारा काम शुरू करने के मामले भी सामने आए. जिसके बाद कई जिलों में विभाग के उच्च अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए. अलवर की बात करें तो अलवर में टेंडर प्रक्रिया शुरू हुई है. करीब 700 करोड़ के काम मंजूर हो चुके हैं. प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के चलते इस योजना में कम रुचि देखने को मिल रही है.

इस योजना के तहत राजस्थान में 45 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार, 45 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 10 प्रतिशत राशि ग्राम समिति की तरफ से वहन की जाएगी. हालांकि राज्य सरकार का कहना है कि समिति द्वारा लगने वाला पैसा कुछ साल बाद वापस कर दिया जाएगा.

राजस्थान के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पानी की कमी है. जिसके चलते लाइन डालने व बोरिंग करने में खासी दिक्कत हो रही है. जबकि बिहार, उत्तर प्रदेश, गोवा, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में पानी का स्तर ऊंचा है. ऐसे में एवं पानी की लाइन डालने व कनेक्शन करने में कम समय लग रहा है. इसलिए राजस्थान अन्य राज्य से पीछे चल रहा है.

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अलवर जिले में कुल 2018 गांव हैं. इनमें से 1600 गांव में पाइप लाइन से पानी सप्लाई किया जाएगा. क्योंकि करीब 400 से अधिक गांव में भूमिगत जल पीने योग्य नहीं है या उपलब्ध नहीं है. 814 गांव की स्कीम मंजूर हो चुकी है. इनमें से 807 करोड रुपए मंजूर किए गए हैं. 554 गांव के लिए टेंडर लग चुके हैं व 170 गांव में काम शुरू हो चुका है. अलवर जिले में एक लाख 95 हजार पानी के कनेक्शन इसके तहत किए जाएंगे.

राजस्थान में कुल एक करोड़ 1 करोड़ एक लाख 32 हजार 274 घर हैं. इनमें से अभी तक 11 लाख 74 हजार 133 घरों में पानी के कनेक्शन पहले से थे. इस योजना के तहत करीब 8 लाख से अधिक कनेक्शन अब तक हो चुके हैं. अब 20 लाख 37 हजार 582 घरों में नलों से पानी पहुंच रहा है. जिले के 37 हजार 646 गांव में काम शुरू हो चुका है. 582 गांव में 100 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. 5095 गांव में काम चल रहा है. जबकि 2707 गांव का प्लान अभी प्रोसेस में है.

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