अलवर. जिले के आरती बालिका गृह संचालक पर पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई (FIR registered against Aarti Balika Home Operator) है. बालिका गृह संचालक ने बाल कल्याण विभाग में 20 लाख रुपए का फर्जी बिल पेश किया था. जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से आरती बालिका गृह को बंद करने के आदेश दिए गए थे.
अलवर के सोनावा डूंगरी स्थित आरती बालिका गृह के संचालक चेतराम सैनी की तरफ से 20 लाख के फर्जी बिल के वाउचर बाल कल्याण विभाग में पेश किए गए. इस पर संचालक के खिलाफ शिवाजी पार्क थाने में प्रशासन ने मामला दर्ज कराया है. संचालक ने फर्जी बिल पेश कर राज्य सरकार से अनुदान लेने के प्रयास किया. इस पर आयुक्त और संयुक्त शासन सचिव बाल अधिकारिता विभाग जयपुर ने जांच में बालिका गृह के बिल फर्जी पाए. इस पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल अधिकारिता विभाग अलवर को आरती बालिका गृह के सचिव चेतराम सैनी व अन्य दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए. उस आदेश की पालना में सहायक निदेशक बाल अधिकारिता विभाग ने आरती बालिका गृह सोनावा डूंगरी के सचिव चेतराम सैनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने शिवाजी पार्क थाने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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आरती बालिका गृह में 18 साल से कम उम्र की बालिकाएं आवासीय रहती हैं. कुछ समय पहले बालिका गृह को बंद करने के आदेश जारी करते हुए बालिका गृह में मौजूद बालिकाओं को अन्य जगह पर शिफ्ट करने के आदेश दिए गए थे. बालिकाओं पर होने वाले समस्त खर्चे के बिल वाउचर पेश कर राज्य सरकार के समक्ष पेश किए जाते हैं. उसका भुगतान राज्य सरकार बालिका गृह को कर देती है. उन बिल की जांच करने पर पाया गया कि गृह के सचिव व अन्य स्टाफ की ओर से राज्य सरकार को फर्जी बिल पेश किए गए. उन फर्जी बिलों की विभाग की ओर से कमेटी बनाकर जांच की गई. जांच के दौरान फर्म संचालकों ने अपने बयान में कहा कि यह बिल हमारी फर्म की ओर जारी नहीं किए गए. बल्कि फर्जी तरीके से बनाए गए हैं.