भिवाड़ी (अलवर). भिवाड़ी के चोपानकी थाना क्षेत्र के अंतर्गत झिवाणा गांव निवासी रत्तीराम जाटव ने बेटे हरीश जाटव के मॉब लिंचिंग मामले में न्याय नहीं मिलने पर गुरुवार शाम जहर खाकर आत्महत्या कर लिया था. जिसके बाद परिजनों ने मृतक के शव को उठाने से साफ इनकार कर दिया. उनका कहना है कि जबतक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वो अपना धरना जारी रखेंगे.
बता दें कि पुलिस की कार्यशैली से परेशान रत्तीराम जाटव को बेटे के हत्यारों से धमकियां मिल रही थी. लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई करने के बजाय इस मामले को एक्सीडेंट का रूप देने में जुटी हुई थी. जिससे परेशान होकर रत्तीराम जाटव ने आत्महत्या कर लिया. घटना के बाद मृतक के परिजन और दलित समाज में रोष है. शुक्रवार सुबह दलित समाज के सैकड़ों लोग और मृतक के परिजन टपूकड़ा अस्पताल में जमा हो गए. मृतक के बेटे की पत्नी रेखा जाटव को सरकारी नौकरी देने, मॉब लिंचिंग के आरोपियों की गिरफ्तारी और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर समाज के लोग अस्पताल में धरने पर बैठ गए. इस दौरान पुलिस और प्रशासन के खिलाफ जमकर हंगामा किया. इस दौरान पुलिसकर्मियों से तीखी नोकझोंक भी हुई.
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दलित समाज का आरोप है कि पुलिस की मिली भगत से हरीश जाटव मॉब लिंचिंग में रतिराम जाटव को न्याय नहीं मिला. इसलिए बेटे को न्याय नहीं दिला पाने से और आरोपियों की धमकी से परेशान होकर रतिराम ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया. फिलहाल तनाव की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस फोर्स मौके पर तैनात कर दिेए गए हैं. बड़ी संख्या में लोगों का अस्पताल के बाहर धरना जारी हैं.