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गांवां री सरकार: चुनाव की तारीख बदलते ही अलवर में सरपंच प्रत्याशियों का बिगड़ी गणित

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Published : Jan 14, 2020, 2:58 PM IST

सरकार ने पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास को हटा दिया है, लेकिन चुनाव प्रक्रिया अटक चुकी है. इससे सरपंच पद के प्रत्याशियों की दौड़ दोगुनी हो गई है. प्रत्याशियों को मतदाताओं से लगातार संपर्क बनाकर रखना पड़ रहा है. ऐसे में कई तरह की दिक्कतें सामने आने लगी हैं.

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अलवर पंचायत चुनावों का बिगड़ा खेल

अलवर. राज्य सरकार ने पंचायत पद के लिए शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास होने की वैधता हटा दी है, लेकिन अलवर में 17 जनवरी को जिन पंचायत क्षेत्रों में चुनाव होने थे. वो चुनाव अटक चुके हैं.

अलवर में पंचायत चुनाव का बिगड़ा खेल...

अलवर की बात करें तो 261 ग्राम पंचायतों के चुनाव अलवर में अटके हैं. पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी. चुनाव की तारीख आगे बढ़ने से प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि प्रत्याशियों को तारीख आगे बढ़ने के कारण लगातार मतदाताओं से संपर्क बना कर रखना पड़ रहा है. इसे चुनाव खर्च सहित अन्य चीजों में भी बढ़ोतरी हो रही है. तारीख के आगे बढ़ने से चुनाव का गणित भी बिगड़ने की संभावना हो गई है.

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बता दें कि शहर में 1500 के दावेदार हैं, जिले में 16 में से 8 पंचायत समितियों के चुनाव तारीख में बदलाव होने से प्रभावित हुए हैं. पहले चरण में बानसूर में 42 नीमराणा में 29 ग्राम पंचायतों के चुनाव अटक गए हैं. इन दोनों जगहों पर पहले चरण में 71 ग्राम पंचायतों में चुनाव होने थे. दूसरे चरण में मुंडावर में 46 कोटकासिम में 26 राजगढ़ में तीसरे थानागाजी में 38 पंचायतों में चुनाव प्रभावित हो गए हैं. इसी तरह से तीसरे चरण में लक्ष्मणगढ़ में 28 पंचायतों में चुनाव अटक गए हैं. 261 ग्राम पंचायतों के चुनाव के दावेदार चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव के तारीखों में बदलाव होने से बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं.

Intro:अलवर
सरकार ने पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास को हटा दिया है। लेकिन चुनाव प्रक्रिया अटक चुकी है। इससे सरपंच पद के प्रत्याशियों की दौड़ दोगुनी हो गई है। प्रत्याशियों को मतदाताओं से लगातार संपर्क बनाकर रखना पड़ रहा है। ऐसे में कई तरह की दिक्कतें सामने आने लगी है।


Body:राज्य सरकार ने पंचायत पद के लिए शैक्षणिक योग्यता आठवीं पास होने की वैधता हटा दी है। लेकिन अलवर में 17 जनवरी को जिन पंचायत क्षेत्रों में चुनाव होने थे, वो चुनाव अटक चुके हैं। अलवर जिले की बात करें तो 261 ग्राम पंचायतों के चुनाव अलवर में अटके हैं। पहले चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी। चुनाव की तारीख आगे बढ़ने से प्रत्याशियों की परेशानी बढ़ गई है। क्योंकि प्रत्याशियों को तारीख आगे बढ़ने के कारण लगातार मतदाताओं से संपर्क बना कर रखना पड़ रहा है। इसे चुनाव खर्च सहित अन्य चीजों में भी बढ़ोतरी हो रही है। तारीख के आगे बढ़ने से चुनाव का गणित भी बिगड़ने की संभावना हो गई है।


Conclusion:अलवर की बात करें तो अलवर में 1500 सरपंच दावेदार हैं। जिले में 16 में से 8 पंचायत समितियों के चुनाव तारीख में बदलाव होने से प्रभावित हुए हैं। पहले चरण में बानसूर में 42 नीमराणा में 29 ग्राम पंचायतों के चुनाव अटक गए हैं। इन दोनों जगहों पर पहले चरण में 71 ग्राम पंचायतों में चुनाव होने थे। दूसरे चरण में मुंडावर में 46 कोटकासिम में 26 राजगढ़ में तीसरे थानागाजी में 38 पंचायतों में चुनाव प्रभावित हो गए हैं। इसी तरह से तीसरे चरण में लक्ष्मणगढ़ में 28 पंचायतों में चुनाव अटक गए हैं। 261 ग्राम पंचायतों के चुनाव के दावेदार चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव के तारीखों में बदलाव होने से बड़ी संख्या में प्रत्याशियों ने अपने कार्यालय बंद कर दिए हैं।
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