अलवर. बिजली चोरी के मामले में अलवर बदनाम है. सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले अलवर, भरतपुर व धौलपुर जिले में सामने आते हैं. ऐसे में बिजली चोरी रोकने के लिए विद्युत निगम ने बिजली मीटरों में स्मार्ट सिम लगाने का फैसला लिया है. मीटर में सिम लगने के बाद बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारी ऑफिस में बैठ कर मीटर में होने वाली प्रत्येक हलचल का पता लगा सकेंगे. शुरुआती तौर पर फिलहाल यह सिम 15 किलो वाट से अधिक बिजली कनेक्शनों के मीटर में लगाए जा रहे हैं.
बिजली विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस सिम के लगने के बाद बिजली निगम के कर्मचारी और अधिकारियों को राहत मिलेगी. इसके साथ ही बिजली मीटर से होने वाली छेड़खानी की घटनाओं में भी कमी आएगी. इसके तहत बिजली निगम के कार्यालय में एक सर्वर लगाया गया है जिससे सभी स्मार्ट सिम जोड़े जाएंगे.
अलवर में करीब 13 हजार ऐसे उपभोक्ता हैं. इनमें से 2400 उपभोक्ताओं के मीटरों में यह सिम लग भी चुके हैं. जबकि अन्य उपभोक्ताओं के मीटर में सिम को लगाने का काम चल रहा है. विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के डीएलएमएस मीटर लगे हुए हैं. उनके मीटर में सीधी चिप लगाई जा रही है. जबकि जिन उपभोक्ताओं के नॉन डीएलएमएस मीटर लगे हैं, उनका पूरा मीटर ही बिजली निगम की तरफ से बदला जा रहा है.
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इसके लिए उपभोक्ता से कोई चार्ज नहीं वसूला जा रहा है. आगामी एक साल में यह सिम लगने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. मीटरों में सिम लगने के बाद इसमें होने वाली प्रत्येक हलचल की जानकारी बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारियों को हो जाया करेगी. वे अपने ऑफिस में बैठकर इन मीटरों को चैक कर सकेंगे.
जिले में बिजली के हालात
अलवर जिले में पांच लाख डोमेस्टिक बिजली के कनेक्शन हैं. इसके साथ ही सवा लाख कृषि कनेक्शन भी हैं. 48 हजार कॉमर्शियल बिजली के कनेक्शन भी लिए गए हैं जबकि 14 हजार औद्योगिक बिजली के कनेक्शन हैं.
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क्या होगा फायदा
विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता राज सिंह यादव ने बताया कि अलवर जिले में उपभोक्ताओं के मीटर में स्मार्ट सिम लगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे कई तरह के फायदे हैं. मीटर में छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी. बिजली चोरी की घटनाओं में कमी आएगी. मीटर में होने वाली प्रत्येक हलचल की जानकारी बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारियों के पास रहेगी. मीटर की रीडिंग लेने के लिए भी मीटर रीडर को उपभोक्ता के घर पर नहीं जाना पड़ेगा. ऑफिस में बैठे कर्मचारी मिनटों की रीडिंग ले सकेंगे.