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स्मार्ट सिम रोकेगा अलवर में बिजली चोरी, विद्युत निगम मीटरों में लगा रहा सिम...दफ्तर से ही कर्मचारी रख सकेंगे नजर

अलवर में बिजली चोरी रोकने के लिए अब विद्युत निगम बिजली मीटरों में स्मार्ट सिम लगाने का फैसला लिया है. इसकी शुरुआत भी कर दी गई है. ऐसे में मीटर में सिम लगने के बाद यदि बिजली चोरी के लिए कोई छेड़छाड़ की जाती है तो दफ्तर में बैठकर भी अफसर और कर्मचारी उसे चेक कर सकेंगे. इससे बिजली चोरी पर लगाम लग सकेगी.

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स्मार्ट सिम रोकेगा अलवर में बिजली चोरी
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Published : Jul 29, 2021, 10:52 PM IST

अलवर. बिजली चोरी के मामले में अलवर बदनाम है. सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले अलवर, भरतपुर व धौलपुर जिले में सामने आते हैं. ऐसे में बिजली चोरी रोकने के लिए विद्युत निगम ने बिजली मीटरों में स्मार्ट सिम लगाने का फैसला लिया है. मीटर में सिम लगने के बाद बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारी ऑफिस में बैठ कर मीटर में होने वाली प्रत्येक हलचल का पता लगा सकेंगे. शुरुआती तौर पर फिलहाल यह सिम 15 किलो वाट से अधिक बिजली कनेक्शनों के मीटर में लगाए जा रहे हैं.

बिजली विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस सिम के लगने के बाद बिजली निगम के कर्मचारी और अधिकारियों को राहत मिलेगी. इसके साथ ही बिजली मीटर से होने वाली छेड़खानी की घटनाओं में भी कमी आएगी. इसके तहत बिजली निगम के कार्यालय में एक सर्वर लगाया गया है जिससे सभी स्मार्ट सिम जोड़े जाएंगे.

अलवर में करीब 13 हजार ऐसे उपभोक्ता हैं. इनमें से 2400 उपभोक्ताओं के मीटरों में यह सिम लग भी चुके हैं. जबकि अन्य उपभोक्ताओं के मीटर में सिम को लगाने का काम चल रहा है. विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के डीएलएमएस मीटर लगे हुए हैं. उनके मीटर में सीधी चिप लगाई जा रही है. जबकि जिन उपभोक्ताओं के नॉन डीएलएमएस मीटर लगे हैं, उनका पूरा मीटर ही बिजली निगम की तरफ से बदला जा रहा है.

स्मार्ट सिम रोकेगा अलवर में बिजली चोरी

पढ़ें- नहीं बढ़ेगी बिजली की दर, कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज में लग सकता है झटका

इसके लिए उपभोक्ता से कोई चार्ज नहीं वसूला जा रहा है. आगामी एक साल में यह सिम लगने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. मीटरों में सिम लगने के बाद इसमें होने वाली प्रत्येक हलचल की जानकारी बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारियों को हो जाया करेगी. वे अपने ऑफिस में बैठकर इन मीटरों को चैक कर सकेंगे.

जिले में बिजली के हालात

अलवर जिले में पांच लाख डोमेस्टिक बिजली के कनेक्शन हैं. इसके साथ ही सवा लाख कृषि कनेक्शन भी हैं. 48 हजार कॉमर्शियल बिजली के कनेक्शन भी लिए गए हैं जबकि 14 हजार औद्योगिक बिजली के कनेक्शन हैं.

पढ़ें- अलवर : बिजली निगम दे रहा कृषि कनेक्शन, 4179 किसानों ने डिमांड नोटिस जमा कराए

क्या होगा फायदा

विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता राज सिंह यादव ने बताया कि अलवर जिले में उपभोक्ताओं के मीटर में स्मार्ट सिम लगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे कई तरह के फायदे हैं. मीटर में छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी. बिजली चोरी की घटनाओं में कमी आएगी. मीटर में होने वाली प्रत्येक हलचल की जानकारी बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारियों के पास रहेगी. मीटर की रीडिंग लेने के लिए भी मीटर रीडर को उपभोक्ता के घर पर नहीं जाना पड़ेगा. ऑफिस में बैठे कर्मचारी मिनटों की रीडिंग ले सकेंगे.

अलवर. बिजली चोरी के मामले में अलवर बदनाम है. सबसे ज्यादा बिजली चोरी के मामले अलवर, भरतपुर व धौलपुर जिले में सामने आते हैं. ऐसे में बिजली चोरी रोकने के लिए विद्युत निगम ने बिजली मीटरों में स्मार्ट सिम लगाने का फैसला लिया है. मीटर में सिम लगने के बाद बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारी ऑफिस में बैठ कर मीटर में होने वाली प्रत्येक हलचल का पता लगा सकेंगे. शुरुआती तौर पर फिलहाल यह सिम 15 किलो वाट से अधिक बिजली कनेक्शनों के मीटर में लगाए जा रहे हैं.

बिजली विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इस सिम के लगने के बाद बिजली निगम के कर्मचारी और अधिकारियों को राहत मिलेगी. इसके साथ ही बिजली मीटर से होने वाली छेड़खानी की घटनाओं में भी कमी आएगी. इसके तहत बिजली निगम के कार्यालय में एक सर्वर लगाया गया है जिससे सभी स्मार्ट सिम जोड़े जाएंगे.

अलवर में करीब 13 हजार ऐसे उपभोक्ता हैं. इनमें से 2400 उपभोक्ताओं के मीटरों में यह सिम लग भी चुके हैं. जबकि अन्य उपभोक्ताओं के मीटर में सिम को लगाने का काम चल रहा है. विद्युत निगम के अधिकारियों ने बताया कि जिन उपभोक्ताओं के डीएलएमएस मीटर लगे हुए हैं. उनके मीटर में सीधी चिप लगाई जा रही है. जबकि जिन उपभोक्ताओं के नॉन डीएलएमएस मीटर लगे हैं, उनका पूरा मीटर ही बिजली निगम की तरफ से बदला जा रहा है.

स्मार्ट सिम रोकेगा अलवर में बिजली चोरी

पढ़ें- नहीं बढ़ेगी बिजली की दर, कॉमर्शियल उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज में लग सकता है झटका

इसके लिए उपभोक्ता से कोई चार्ज नहीं वसूला जा रहा है. आगामी एक साल में यह सिम लगने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. मीटरों में सिम लगने के बाद इसमें होने वाली प्रत्येक हलचल की जानकारी बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारियों को हो जाया करेगी. वे अपने ऑफिस में बैठकर इन मीटरों को चैक कर सकेंगे.

जिले में बिजली के हालात

अलवर जिले में पांच लाख डोमेस्टिक बिजली के कनेक्शन हैं. इसके साथ ही सवा लाख कृषि कनेक्शन भी हैं. 48 हजार कॉमर्शियल बिजली के कनेक्शन भी लिए गए हैं जबकि 14 हजार औद्योगिक बिजली के कनेक्शन हैं.

पढ़ें- अलवर : बिजली निगम दे रहा कृषि कनेक्शन, 4179 किसानों ने डिमांड नोटिस जमा कराए

क्या होगा फायदा

विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता राज सिंह यादव ने बताया कि अलवर जिले में उपभोक्ताओं के मीटर में स्मार्ट सिम लगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इससे कई तरह के फायदे हैं. मीटर में छेड़छाड़ नहीं हो सकेगी. बिजली चोरी की घटनाओं में कमी आएगी. मीटर में होने वाली प्रत्येक हलचल की जानकारी बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारियों के पास रहेगी. मीटर की रीडिंग लेने के लिए भी मीटर रीडर को उपभोक्ता के घर पर नहीं जाना पड़ेगा. ऑफिस में बैठे कर्मचारी मिनटों की रीडिंग ले सकेंगे.

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