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क्या ऐसे बचेगी जिंदगी ? पौधों को बचाने के लिए भी लड़नी पड़ रही 'जंग'

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Published : Aug 10, 2021, 9:07 PM IST

किशनगढ़ के बालापुरा गांव में एक पर्यावरण प्रेमी अपने पिता की ओर से लगाए गए 300 पौधों को बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है. पर्यावरण प्रेमी विष्णु वैष्णव का आरोप है कि गांव के दबंग ग्राम पंचायत से मिलकर उन पौधों को काटने पर आमादा हैं. पौधों को बचाने के लिए संभागीय आयुक्त और कलेक्टर से उसने गुहार लगाई है.

fight for saving tree
पेड़ बचाने की जद्दोजहद...

अजमेर. एक ओर सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की ओर से पर्यावरण को बचाने के लिए अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने को बढ़ावा दिया जा रहा है तो दूसरी ओर सरकारी जमीन पर लगाए गए पौधों को अतिक्रमण बताकर गांव के ही दबंग उन्हें काटने पर आमादा हैं. अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र के बालापुरा गांव से कुछ ऐसी ही खबर सामने आई है.

गांव में तालाब की पाल के समीप लगे 300 पौधों को बचाने के लिए समिति बालाजी मंदिर के पुजारी का पुत्र संघर्ष कर रहा है. मंदिर के पुजारी बालूराम वैष्णव ने अपने अथक प्रयास से सरकारी भूमि पर पौधे लगाए थे. उनका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति प्रेम था, लेकिन गांव के ही चंद लोगों ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बताते हुए प्रशासन को शिकायत कर दी. जिस पर कलेक्टर ने वहां होलिका दहन के लिए स्थान बनाने का निर्देश दे दिया है.

सुनिये क्या कहते हैं पर्यावरण प्रेमी विष्णु वैष्णव...

वहीं, ग्राम पंचायत को पौधों की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा है, लेकिन कुछ लोग होलिका दहन के लिए चयनित किए गए स्थान पर लगे पेड़ों-पौधों को काटने पर उतारू हैं. पुजारी बालूराम वैष्णव के पुत्र विष्णु वैष्णव ने बताया कि जिस भूमि पर 300 पौधे लगे हुए हैं, जो पुष्कर सरकारी नर्सरी से लिए गए थे. उन्होंने बताया कि बालाजी मंदिर के पुजारी और उनके पिता बालूराम वैष्णव ने पौधे लगाए, बल्कि उन पौधों को पालने के लिए मंदिर परिसर में कुआं भी खुदवाया.

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प्रतिदिन वह कुएं से पानी खींच कर पेड़-पौधों को पोषण दे रहे हैं, ताकि यहां वृक्षों की संख्या बढ़े और पर्यावरण को शुद्ध करने में सहायक बन सकें. लेकिन गांव के ही कुछ लोगों को यह नागावार लग रहा है. उन्होंने तहसीलदार को अतिक्रमण होने की शिकायत दी थी, जिस जिस पर तहसीलदार ने मौका निरीक्षण करके पेड़-पौधों की सुरक्षा पंचायत की देखरेख में करने के निर्देश जारी किए थे.

वैष्णु का आरोप है कि ग्राम पंचायत के सरपंच तोफा देवी के साथ मिलकर दबंग लोगों ने तहसीलदार को गुमराह किया और उस 19 बिस्वा भूमि को होलिका दहन के लिए उन्नत करने का प्रस्ताव तहसीलदार को दिया था. तहसीलदार से मिले इस प्रस्ताव पर कलेक्टर ने होलिका दहन के लिए स्थान चिन्हित कर दिया. वैष्णव का आरोप है कि इस आदेश की आड़ में गांव के दबंग लोग उन पेड़ों को काट देना चाहते हैं. अपने पिता के पर्यावरण प्रेम और पौधों की सुरक्षा के लिए पुजारी का बेटा विष्णु वैष्णव प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है. वैष्णव ने पौधों को बचाने के लिए कलेक्टर से भी गुहार लगाई है. कलेक्टर ने मामले की पुनः जांच करवाने का आश्वासन दिया है.

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