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जनप्रतिनिधियों की बाड़ेबंदी की परंपरा गलत, इसके लिए बीजेपी है जिम्मेदार - डॉ चंद्रभान

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Published : Jun 7, 2022, 11:58 PM IST

बीसूका के उपाध्यक्ष और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान मंगलवार को अजमेर पहुंचे. उन्होंने बीसूका के तहत 11 सूत्री और 15 मद में कार्य की प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की बाड़ेबंदी की पंरपरा गलत (tradition of fencing of public representatives is wrong) है. उन्होंने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार बताया है.

Dr Chandrabhan Singh called tradition barricade of public representatives wrong
डॉ. चंद्रभान सिंह

अजमेर. बीसूका उपाध्यक्ष और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ चंद्रभान सिंह मंगलवार को अजमेर पहुंचे. जहां उन्होंने बीसूका के तहत कार्य की प्रगति की समीक्षा की. इसके दौरान उन्होंने कहा बाड़ेबंदी की परंपरा गलत (tradition of fencing of public representatives is wrong) है. इसके लिए बीजेपी जिम्मेदार है. बीजेपी ने प्रलोभन देकर सरकार गिराने की कोशिश की थी. इस बार हरियाणा के एक उद्योगपति को राज्यसभा का टिकट देकर बीजेपी ने खरीद फरोख्त की स्थिति खड़ी कर दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव तो चुनाव है, हर राजनैतिक पार्टी चुनाव जीतने के लिए रणनीति बनाती है.

ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ चंद्रभान ने कई मुद्दों पर बातचीत की. बातचीत में कांग्रेस सरकार की बाड़ेबंदी के सवाल पर डॉ चंद्रभान ने कहा कि बड़ेबंदी की परंपरा गलत है यह बंद होनी चाहिए. बाड़ेबंदी के लिए बीजेपी जिम्मेदार है. बाड़ेबंदी की बात करने वाली बीजेपी खुद अपने विधायकों की बाड़ेबंदी कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में विधायकों की संख्या निर्भर करती है. विधायकों की संख्या बल के अनुसार स्थिति साफ है कि कांग्रेस के 3 उम्मीदवार जीतने की स्थिति में है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हरियाणा के उद्योगपति सुभाष चंद्रा को टिकट देकर विधायकों की खरीद-फरोख्त की स्थिति उत्पन्न कर दी है. जिससे भय का वातावरण बना है.

डॉ. चंद्रभान सिंह का जनप्रतिनिधियों की बाड़ेबंदी पर बयान

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उन्होंने आगे कहा कि चुनाव तो चुनाव हैं हर राजनीतिक दल को चुनाव की रणनीति बनानी पड़ती है. विधायकों की सुरक्षा करनी पड़ती है. उन्होंने कहा बीजेपी प्रलोभन देकर वातावरण खराब करेगी. पहले भी सरकार को गिराने का प्रयास बीजेपी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में 41 सीटें ऐसी हैं जहां निर्विरोध चुनाव जीतकर गए. यहां भी आम सहमति से निर्विरोध चुनाव जीत पर राज्यसभा में उम्मीदवारों को भेजा जा सकता था. डॉ चंद्रभान ने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के 3 उम्मीदवार चुनाव जीतेंगे. वहीं बीजेपी के एक उम्मीदवार को भी सफलता नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि बाड़ेबंदी चिंता और शर्म की बात है कि जनप्रतिनिधियों को बाड़ेबंदी में रखना होता है. यह मजबूरी की स्थिति है. इसको लेकर सभी दलों को सोचना चाहिए. बाड़े बंदी की स्थिति बीजेपी ने खड़ी की है.

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एक माह में कमेटियों का होगा गठन: डॉ चंद्रभान सिंह ने कहा कि संगठन को मजबूत करने की आवश्यकता है. हाल ही में उदयपुर में तीन दिवसीय चिंतन शिविर हुआ है. वहीं एक और 2 जून को जयपुर में कांग्रेस की कार्यशाला भी हुई है. मेरा मानना है कि संगठन की सभी स्तर की कमेटियों का गठन जल्द होना चाहिए. पार्टी ने संगठन के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर रखी है. आगामी एक माह में बूथ, ब्लॉक और जिला स्तर की कमेटियों का गठन होगा. वहीं प्रदेश कमेटी और एआईसीसी का चुनाव की सितंबर तक होगा. उन्होंने कहा कमेटियां नहीं बनने से संगठन का कार्य करने में दिक्कत आती है. प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर को लेकर गंभीर है उम्मीद है, आम सहमति से चुनाव होंगे.

रसेप्शन बदलेगी कांग्रेस: उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान में एक बार कांग्रेस एक बार बीजेपी की सरकार आने का परसेप्शन रहा है. लेकिन इस बार कांग्रेस परसेप्शन बदलेगी. कांग्रेस सरकार की परफॉर्मेंस, जनहित के फैसले, जन कल्याणकारी योजनाएं और अच्छे बजट से लग रहा है कि कांग्रेस सरकार दोबारा रिपीट करेगी. उन्होंने कहा कि हर वर्ग सरकार की योजनाओं और बजट की तारीफ करता है. आमजन सरकार के कामकाज से संतुष्ट है. सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखा है. वहीं आमजन को महंगाई से राहत भी दिलाई है.

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चुनाव से पहले सीएम चहेरा घोषित करना गलत पारंपरा: उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित करना गलत परंपरा है. जिस पार्टी को बहुमत मिला है, उसके विधायक मिलकर सीएम चुनते हैं. वहीं लोकसभा में भी जिस पार्टी को बहुमत मिला है उसके सांसद मिलकर पीएम चुनते है. यही स्वस्थ परंपरा है. उन्होंने कहा कि मुझे याद है कि बीजेपी ने एक बार हिमाचल प्रदेश में प्रेम कुमार तोमर को सीएम चेहरा घोषित कर उम्मीदवार खड़ा किया था. वह खुद ही विधायक का चुनाव हार गए. उसके बाद उन्हें सरकार बनाने का क्या नैतिक अधिकार था. कई बार ऐसी परिस्थितियां भी पैदा हो जाती है. एक व्यक्ति की हार जीत से पार्टी का पूरा फैसला नहीं होना चाहिए. पहले ही सीएम और पीएम का चेहरा घोषित कर दिया जाएगा तो फिर विधायक और सांसदों के विशेषाधिकार का क्या होगा.

बीजेपी के पास नहीं है मुद्दे: उन्होंने कहा कहा कि बीजेपी धरना प्रदर्शन कर रही है, लेकिन बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि देश में वर्तमान में तीन मुख्य मुद्दे है. इनमें महंगाई , बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का मुद्दा है. इन मुद्दों के आधार पर ही नरेंद्र मोदी सरकार में आए थे. देश में महंगाई, बेरोजगारी और न ही भ्रष्टाचार घट रहा है. बावजूद इसके बीजेपी कह रही है कि 8 वर्षों में मोदी सरकार सफल रही है. इन मुद्दों पर बीजेपी को कभी मैंने धरना प्रदर्शन और आंदोलन करते हुए नहीं देखा. बुनियादी मुद्दों पर धरना प्रदर्शन किया जाए तो उसे आमजन को राहत भी मिलती है. बीजेपी का तो केवल 1 सूत्रीय कार्यक्रम है कि कांग्रेस सरकार जानी चाहिए और बीजेपी की सरकार आनी चाहिए. प्रदेश में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सहित बीजेपी के अन्य नेताओं के बयान नकारात्मक आते हैं. मुझे नहीं लगता कि जनता बीजेपी को चुनेगी.

इस उन्होंने बीसूका की बैठक के बारे में बताते हुए कहा कि बीसूका के तहत केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वंचित और गरीब तबके के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए बीस सूत्रीय कार्यक्रम चलाए जाते हैं. हर जिले के प्रशासन को लक्ष्य दिया गया है. उसके आधार पर ही रैंकिंग तय की जाती है. बीसूका कार्यक्रम के तहत अजमेर ने 80 फीसदी लक्ष्य हासिल किया है. प्रशासन को और मेहनत करने की जरूरत है. बैठक में अधिकारियों ने आश्वस्त किया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 90 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करेंगे.

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