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Railway Tickets : तत्काल, प्रीमियम तत्काल बुकिंग से 500 करोड़ रुपये से अधिक हुई कमाई

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Published : Jan 2, 2022, 7:49 PM IST

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रेलवे कॉन्सेप्ट फोटो

तत्काल टिकट बुकिंग से भारतीय रेलवे (Railways tatkal ticket charge) की होने वाली कमाई 2019-20 के मुकाबले 2020-21 में कम हुई. कोरोना महामारी के कारण ट्रेन संचालन में कमी के बाद साल 2020-21 में तत्काल, प्रीमियम तत्काल टिकटों (premium Tatkal tickets) से रेलवे ने 500 करोड़ रुपये से अधिक कमाये. रेलवे ने डायनामिक किराया प्रणाली (indian railways dynamic fare) से भी 500 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की है.

नई दिल्ली : रेलवे ने साल 2020-21 के दौरान तत्काल टिकट शुल्क (Railways tatkal ticket charge) से 403 करोड़ रुपये कमाए हैं. रेलवे को प्रीमियम तत्काल टिकट प्रणाली से अतिरिक्त 119 करोड़ रुपये की कमाई हुई है. इसके अलावा 'डायनामिक' किराया प्रणाली (indian railways dynamic fare system) से 511 करोड़ रुपये की आय हुई है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते वर्ष 2020-21 के अधिकांश समय में अधिकांश संचालन निलंबित रहा. यह जानकारी सूचना के अधिकार (आरटीआई) जवाब से मिली है.

मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्रशेखर गौर द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में, रेलवे ने कहा कि उसने वित्तीय वर्ष 2021-22 में सितंबर तक 'डायनामिक' किराये से 240 करोड़ रुपये, तत्काल टिकट से 353 करोड़ रुपये और प्रीमियम तत्काल शुल्क से 89 करोड़ रुपये कमाए.

वित्तीय वर्ष 2019-20 में, जब ट्रेन संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं था, रेलवे ने 'डायनामिक' किराए से 1,313 करोड़ रुपये, तत्काल टिकट से 1,669 करोड़ रुपये और प्रीमियम तत्काल टिकट से 603 करोड़ रुपये कमाए.

क्या है डायनामिक फेयर

बता दें कि रेलवे में 'डायनामिक' किराया प्रणाली (indian railways dynamic fare system) वह प्रणाली है जिसमें किराया मांग के मुताबिक तय होता है. यह किराया प्रणाली राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी ट्रेनों में लागू है. इन तीनों श्रेणियों के यात्री आमतौर पर अंतिम समय में यात्रा करने वाले होते हैं जो प्रीमियम शुल्क का भुगतान करके इन सेवाओं का लाभ उठाते हैं.

रेल मंत्रालय का यह आंकड़ा रेलवे संबंधी संसद की स्थायी समिति की टिप्पणी के एक महीने बाद आया है. समिति ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि तत्काल टिकट पर लगाए गए शुल्क ‘‘कुछ अनुचित’’ हैं और विशेष रूप से उन यात्रियों पर बड़ा बोझ डालते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और अपने परिजनों एवं रिश्तेदारों से मिलने के लिए तत्काल यात्रा करने के लिए मजबूर होते हैं.

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समिति की इच्छा थी कि मंत्रालय यात्रा की गई दूरी के लिए आनुपातिक किराए के वास्ते उपाय करे.

(पीटीआई-भाषा)

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