जयपुर. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ ने बुधवार को लोकसभा में आयुष तथा इंटिग्रेशन ऑफ आयुष विद नेशनल प्रोग्राम फाॅर प्रवीशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज एंड स्ट्रोक (एनपीसीडीसीएस) कार्यक्रम से संबंधित सवाल पूछे. उन्होंने एनपीसीडीसीएस प्रोग्राम का ब्यौरा पूछा तथा हसके लिए आवंटित की गई धनराशि से संबंधित जानकारी मांगी.
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा पूछे गए सवालों का स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डाॅ. हर्षवर्धन ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि आयुष मंत्रालय ने स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से अपनी 3 अनुसंधान संगठनों केन्द्रीय आयुर्वेदिय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (सीसीआरयूएम), और केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) के माध्यम से स्वास्थ्य संवधन, गैर संचारी रोगों की रोकथाम और प्रबंधन अथवा जीवनशैली संबंधी विकारों के लिए राष्ट्रीय कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और आधात की रोकथाम और नियंत्रण कार्यक्रम (एनपीसीडीसीएस) भीलवाड़ा (राजस्थान), सुरेन्द्र नगर (गुजरात), गया (बिहार), दार्जलिंग (पश्चिम बंगाल), कृष्णा (आन्ध्र प्रदेश), संबलपुर (ओडिशा), नासिक (महाराष्ट्र), और लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) जिलों में लागू किया है.
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कार्यक्रम के उद्देश्य व्यवहारगत परिवर्तन के माध्यम से जनसमूह का स्वास्थ्य संगठन, गैर-संचारी रोगों के शीघ्र निदान के जरिए रोगों की रोकथाम, गैर संचारी रोगों के भार और उनके जोखिम कारकों में कमी, केवल आयुष उपचार के जरिए अथवा मानक परिचर्या के रूप में एनसीडी का शीघ्र प्रबंधन है. वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के लिए सीसीआरएस से 12.83 करोड़, सीसीआरएच से 3.91 करोड़ तथा सीसीआरयूएम द्वारा 2.99 करोड़ की राशि आवंटित की गई है.
साथ ही बताया कि राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में कुल 23 केन्द्र हैं. लोगों के बीच सामान्य कैंसर (स्तन, ग्रीवा और मुख) के लिए स्थिति अनुसार जांच स्वास्थ्य सुविधाओं के विभिन्न स्तरों पर की जाती है. आगे के उपचार के लिए उच्च केंद्रों को भेजा जाता है. आहार और जीवनशैली परिवर्तन की सलाह के बाद उपचार किया जाता है. होम्योपैथी के अंतर्गत जांच के दौरान अस्थायी रूप से निदान प्राप्त 63 रोगियों को सीएचसी भेजा गया. इनमें से 12 रोगियों को केन्द्रों में समेकित परिचया दी गई.
मंत्री हर्षवर्धन ने बताया कि इन केन्द्रों में स्टाफ की कुल संख्या 550 है. एनपीसीडीसीएस कार्यक्रम के तहत कार्यरत कर्मचारियों के लिए अनुसंधान परिषदों द्वारा रिसर्च एसोसिएट के लिए बीएएमएस/एमडी (होम्योपैथी)/एमडी (यूनानी)/बीयूएमएस, वरिष्ठ परामर्शदाता के लिए एमडी (आयुर्वेद) और नियुक्ति की तारीख पर 65 वर्ष तक की आयु, योग अनुदेशक/थेरेपिस्ट के लिए योग में डिग्री/एमए (योग)/एमएससी (योग) और 30 वर्ष तक की आयु, डाटा एंट्री ऑपरेटर/कार्यालय सहायक के लिए कम्प्यूटर पाठ्यक्रम में प्रमाणपत्र सहित 12 वीं उत्तीर्ण अथवा समतुल्य और नियुक्ति की तारीख पर 27 वर्ष तक की आयु तथा मल्टी टास्किंग स्टाफ के लिए मैट्रिक उत्तीर्ण अथवा समतुल्य और नियुक्ति की तारीख पर 30 वर्ष तक की आयु आदि वांछित अहर्ताएं हैं.