kukudi Rasm Case : कुकड़ी कुप्रथा मामले में महिला आयोग ने लिया संज्ञान, पुलिस मुख्यालय ने भी मांगी रिपोर्ट

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Published : May 26, 2022, 11:08 PM IST

kukudi Rasm Case

भीलवाड़ा जिले में कुकुड़ी प्रथा मामले में महिला आयोग ने संज्ञान (Women commission took cognizance in kukudi rasm case) ले लिया है. इसके साथ ही पुलिस मुख्यालय ने भी रिपोर्ट मांगी है. जबकि प्रदेश भर से सामाजिक संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने भी मामले की कड़ी निंदा की है.

जयपुर. भीलवाड़ा जिले में कुकड़ी प्रथा का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इसमें जिस पीड़िता के साथ में दुष्कर्म हुआ उसे ही कुकड़ी प्रथा (virginity tests in Kukari Pratha) के नाम पर दोषी मानकर जातीय पंचायत दंड देने की तैयारी की जा रही है. ईटीवी भारत पर इस खबर को प्रसारित करने के बाद पुलिस प्रशासन की नींद टूटी है. इसके साथ ही महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज (Women commission took cognizance in kukudi rasm case) ने भी मामले का संज्ञान लिया है.

कुकड़ी कुप्रथा मामले में Etv भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. भीलवाड़ा में कुकड़ी कुप्रथा के चलते महिला की निजता और असमत के साथ होने वाली ज्यादती के खिलाफ खबर ईटीवी भारत पर दिखाई जाने के बाद राज्य महिला आयोग ने संज्ञान (Cognizance) लिया है. आयोग ने भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक (Bhilwara Superintendent of Police) से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर 7 दिन में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.

महिला संगठन ने की निंदा...

आयोग ने यह दिए निर्देश
महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कहा है कि भीलवाड़ा में कुकड़ी रसम के बहाने जातीय पंच एक पीड़ित महिला की निजता और अस्मत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं जो कि मानवी और कानूनी दृष्टि से ठीक नहीं है. ऐसी कुप्रथा को लेकर चलने वाले जातीय पंचों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और उसकी विस्तृत रिपोर्ट 7 दिन में महिला आयोग के समक्ष पेश की जाए.

पढ़ें. virginity test of bride: दुष्कर्म पीड़िता को कुकड़ी प्रथा के नाम पर जातीय पंचायत कर रही दंड देने की तैयारी

पुलिस मुख्यालय ने भी मांगी रिपोर्ट
गुरुवार सुबह ही Etv भारत ने दुष्कर्म की पीड़ित महिला के साथ कुकड़ी रस्म के बहाने जातीय पंच आर्थिक दंड तय करने जा रहे थे. इस खबर को Etv भारत ने प्रमुखता के साथ दिखाया और इस मामले में न केवल महिला आयोग बल्कि पुलिस मुख्यालय ने भी संबंधित पुलिस के अधिकारियों से इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

दलित महिला संगठनों ने खोला मोर्चा, कहा महिला अस्मिता का नहीं होने देंगे चीर हरण
दुष्कर्म पीड़िता के साथ जातीय पंचायत की ओर से दिए जाने वाले दंड की खबर ईटीवी भारत पर दिखाए जाने के बाद अब सामाजिक संगठनों ने भी पीड़िता के समर्थन में उतर आए हैं. दलित महिला संगठनों ने कहा कि कुकड़ी कुप्रथा के नाम पर महिलाओं की अस्मिता का चीरहरण नहीं होने देंगे. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीरता से एक्शन ले.

महिला के मानवीय अधिकारों हनन न हो
दलित महिला सामाजिक कार्यकर्ता सुमन देवठिया ने कहा कि ईटीवी भारत के माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली है. यह गंभीर मामला है कि एक महिला के साथ पहले दुष्कर्म होता है और बाद में कुकड़ी प्रथा के नाम पर उसी पीड़ित महिला के साथ अब जातीय पंचायत की ओर से दंड देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इस तरह की घटना महिला के मानवीय अधिकारों का हनन है. यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस महिला के साथ दुष्कर्म होता है, वह पीड़ित है और उसे ही दोषी मानते हुए जातीय पंचायत जो की गैरकानूनी होती है, वह उसे सजा देने की तैयारी कर रही है. मैं सरकार से मांग करती हूं कि इस तरह की पंचायत पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए और जो लोग जातीय पंचायत के नाम पर इस तरह के काम कर रहे हैं उन पर भी पुलिस पाबंद करें. उन्होंने कहा कि यह पहला मामला नहीं है, भीलवाड़ा में इस तरह की कुप्रथाएं लगातार चलन में है . 2019 इसी तरह का एक मामला सामने आया था जिसमें हमने स्थानीय पुलिस की मदद से जातीय पंचायत पर रोक लगाई थी.

जाती रीतिरिवाज के नाम पर परंपरा दुर्भाग्य पूर्ण
सुमन देवठिया ने कहा कि भीलवाड़ा पहले ही रिती रिवाज और परंपराओं और कुप्रथा लेकर काफी बदनाम रहा है. हालांकि राजस्थान के भीलवाड़ा ही नहीं बल्कि अन्य जिलों में भी इस तरह की कुप्रथाओं के मामले सामने आते हैं, लेकिन भीलवाड़ा डायन प्रथा, आटा साटा, नाता प्रथा और कुकड़ी प्रथा को लेकर काफी सुर्खियों में रहा है. इस तरह की कुप्रथाएं सीधे तौर पर महिलाओं के अधिकारों का हनन करती हैं. इन कुप्रथाओं को रोकना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं पर गंभीरता के साथ ले और इन पर सख्त कार्रवाई करें.

महिला संगठन ने की निंदा...

बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि कानून होने के बाद भी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं
इस प्रकार की कुप्रथाएं आज भी चल रहीं हैं और समाज में महिलाओं को इस तरह की प्रथाओं का सामना करना पड़ रहा है. देवठिया ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वो इस तरह की कुप्रथाओं के खिलाफ कानूनी जागरूकता भी लाए ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं नहीं हों. महिला किसी भी समुदाय की हो, लेकिन इस तरह की कुप्रथाओं के नाम पर प्रताड़ित नहीं होनी चाहिए . इस तरह से महिलाओं के साथ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न दुर्भाग्यपूर्ण है.

पुलिस भी आई अलर्ट मोड पर
भीलवाड़ा जिले के सुभाष नगर थाना क्षेत्र की रहने वाली सांसी समाज की एक यवती के साथ एक युवक ने दुष्कर्म किया और उसे किसी को नहीं बताने को लेकर धमकाया गया. इस घटना का खुलासा तब हुआ जब कुछ दिन पहले ही उस युवती की शादी के बाद समाज में प्रचलित कुकड़ी कुप्रथा के तहत वह खरी नहीं उतर सकी. इस बारे में जब पीड़ित परिजनों ने पूछा तब उसने अपने साथ हुई घटना के बारे में बताया. जब इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने खबर को प्रमुखता से दिखाया तो खबर का बड़ा असर देखने को मिला मामले को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को राउंडअप कर लिया है. वहीं होने वाली जातीय पंचायत को लेकर भी पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई है.

आरोपी को लिया गया हिरासत में
पुलिस अधीक्षक आदर्श सिधु ने कहा कि 23 मई 2022 को पीड़िता के परिजनों की ओर से सुभाष नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है कि लगभग 7-8 माह पूर्व एक युवक की ओर से पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया जाता है. इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए युवती का मेडिकल करवा कर बयान दर्ज करवा दिया है. पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी को भी राउंडअप कर लिया है और जांच कर रही है.

कुकड़ी कुप्रथा के सवाल पर एसपी सिधु ने कहा कि इस समाज में कुकुड़ी प्रथा है जिसमें महिला का वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है. जब युवती की कुकड़ी प्रथा के तहत रस्म की जाती है और उसमें वह खरी नहीं उतर पाती है तो समाज वाले आरोप लगाते हैं कि उसका पहले किसी से अवैध संबंध रहा है. इसके बाद युवती ने अपने परिजनों को आपबीती बताई तो पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया गया. इसके बाद पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है.

ऐसी प्रथा समाज में नहीं होनी चाहिए. शिक्षित समाज को इस कुप्रथा को बंद करनी चाहिए. वहीं जातीय पंचायत को लेकर पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने कहा कि मांडल थाना क्षेत्र के भादू गांव में होने वाली जातीय पंचायत को नहीं होने दिया जाएगा. कानूनी कार्रवाई कर इस जातीय पंचायत को नहीं होने देंगे. जातीय पंचायत कानूनी रूप से इनलीगल है. न्याय सिर्फ न्यायालय में ही होता है इसे रोकने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

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