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Rajasthan : जयपुर में पिछले दो दिन में सूर्य किरण एरोबेटिक टीम ने दिखाया आसमान में शौर्य, पायलट ने साझा किए अनुभव

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 17, 2023, 7:09 PM IST

राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारतीय वायु सेना की ओर से आयोजित सूर्य किरण एयर शो में एयरफोर्स के विमानों ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. दो दिन लगातार एयर शो के दौरान मिले अनुभव को विमान पायलट्स ने साझा किए. वहीं, रविवार को मौसम खराब होने के कारण एयर शो नहीं हो सका.

Air Show By Indian Air Force
Air Show By Indian Air Force

जयपुर के जल महल पर सूर्य किरण एयर शो का आयोजन.

जयपुर. राजस्थान की राजधानी जयपुर के जल महल पर भारतीय वायु सेना की ओर से आयोजित एयर शो में सूर्य किरण एरोबेटिक टीम ने आसमान में जमकर शौर्य का प्रदर्शन किया. इस बीच सूर्य किरण एरोबेटिक टीम के सदस्यों ने जयपुरवासियों की ओर से मिले प्यार और सम्मान के लिए आभार जताया. साथ ही उन्होंने अपने अनुभव भी साझा किए. जयपुर में तीन दिवसीय एयर शो में दो दिन तक शो का आयोजन किया गया, जबकि रविवार को मौसम खराब होने के कारण एयर शो नहीं हो सका.

देश के युवाओं को प्रेरित करना उद्देश्य : सूर्य किरण एरोबेटिक टीम के सदस्यों ने मीडिया से मुखातिब होते हुए अनुभव साझा किए. टीम लीडर जीएस ढिल्लों ने बताया कि एयर शो का मुख्य उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना है, ताकि देश के युवा ज्यादा से ज्यादा एयर फोर्स ज्वॉइन करें और दुनिया को देश की ताकत दिखाएं. जब फाइटर प्लेन को रनवे से रन किया जाता है, तो 6 से 7000 फीट की ऊंचाई तक ले जाया जाता है.

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15 साल बाद एयर शो करने का मौका : उन्होंने बताया कि जल महल के आसपास पहाड़ होने के कारण फाइटर प्लेन को जमीन से 1000 फीट की ऊंचाई तक रखा गया. अगर पहाड़ नहीं होते तो इससे भी नीचे लाया जा सकता है. टीम लीडर ने बताया कि जयपुर में करीब 15 साल बाद एयर शो करने का मौका मिला है. सभी पायलटों ने फाइटर प्लेन से हवाई करतब किया. जयपुर के लोगों का प्यार देखकर बहुत अच्छा लगा.

सूर्य किरण क्यों रखा नाम : टीम लीडर जीएस ढिल्लो ने बताया कि युवाओं को मोटिवेट करने के लिए शो का आयोजन किया गया है. युवाओं को चाहिए कि वह भी डिफेंस ज्वॉइन करें. टीम का नाम सूर्य किरण होने के सवाल पर उन्होंने बताया कि हम एक साथ आते हैं और फिर सूर्य की किरणों की तरह फैल जाते हैं, इसलिए टीम का नाम सूर्य किरण एरोबेटिक रखा गया. बहुत प्रैक्टिस के बाद इस तरह के करतब सीखने को मिलते हैं. एक पायलट को कंप्लीट रेडी होने में करीब 6 से 8 महीने का समय लग जाता है. ट्रेनिंग के बाद पोस्टिंग मिलती है. यह भी सिखाया जाता है कि क्या सेफ है और क्या चीज अनसेफ है.

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आसमान में करतब दिखाना चैलेंजिंग : सूर्य किरण एरोबेटिक टीम के सदस्य अंकित वशिष्ठ ने बताया कि आसमान में इस तरह के एरोबेटिक करतब दिखाना काफी चैलेंजिंग होता है. कई सालों की प्रैक्टिस से बाद हम लोग इतनी आसानी से आसमान में करतब दिखा पा रहे हैं. उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि हमेशा मेहनत करते रहो. अगर डिफेंस में जाने का मौका मिलता है तो आप अपने देश की रक्षा कर सकते हैं. दूसरे लोगों को भी मोटिवेट कर सकते हैं.

देशभक्ति है, तो जेंडर का कोई रोल नहीं : महिला पायलट कंवल संधू ने बताया कि आसमान में प्लेन फ्लाइंग करना काफी यादगार रहा. 6 महीने कड़ी मेहनत करने के बाद टीम अब भारत के हर भाग में अपने एरोबेटिक्स का प्रदर्शन करेंगी. हमारा उद्देश्य है कि देश के युवाओं को प्रेरणा दे सकें ताकि वो भारतीय वायु सेना और अन्य डिफेंस कोर्सेज ज्वॉइन करें. उन्होंने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि एक बार आपने यूनिफॉर्म पहन ली तो फिर कोई अंतर नहीं रहता कि आप महिला हैं या पुरुष. आप देश की सेवा दिल से कर रहे हैं और आपके अंदर देशभक्ति है तो जेंडर का कोई रोल नहीं रहता. आप सिर्फ एक सोल्जर हैं और अपनी ड्यूटी करते हैं. बता दें कि जयपुर में तीन दिन के लिए एयर शो का आयोजन रखा गया. पहले और दूसरे दिन एयर शो का आयोजन हुआ, जबकि रविवार को मौसम खराब होने के कारण शो का आयोजन नहीं हो सका.

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