ETV Bharat / bharat

Rajasthan : सांसद किरोड़ी लाल मीणा का दावा- जल जीवन मिशन में 20 हजार करोड़ा का घोटाला, मंत्री और IAS पर लगाए आरोप

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर राजस्थान की गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप जड़ा है. सांसद मीणा ने केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना में 20 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. साथ ही इसकी शिकायत मंगलवार को सीवीसी में दर्ज कराने की बात कही है.

Rajya Sabha MP Kirodi Lal Meena
राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा
author img

By

Published : Jun 19, 2023, 7:54 PM IST

Updated : Jun 19, 2023, 11:08 PM IST

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा.

जयपुर. राजस्थान में बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव में गहलोत सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रही है. यही वजह है कि लगातार बीजेपी के नेता गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए खुलासे कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत जारी हुई राशि में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि गहलोत सरकार में पीएचडी मंत्री महेश जोशी और सीनियर आईएएस सुबोध अग्रवाल ने मिलकर 20 हजार करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया है.

हर घर नल पहुंचाने में सबसे फिसड्डी : मीणा ने आरोप लगाया कि शाहपुरा की दो कंपनियों को पात्रता नहीं होने के बावजूद फर्जी दस्तावेज पर 1 हजार करोड़ के टेंडर अलॉट किए गए. इस तरह के 40 से ज्यादा टेंडर जारी हुए हैं, जिनमें तकरीबन 20 हजार करोड़ का घोटाला है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बजट 2019 में घोषणा की थी कि शुद्ध जल हर घर तक पहुंचाना है. 'हर घर जल, हर घर नल' स्लोगन वाले जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए केंद्र सरकार ने दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार हर घर नल पहुंचाने में सबसे फिसड्डी है और 20 हजार करोड़ का घोटाला किया गया है.

पढ़ें. Jal Jeevan Mission : केंद्रीय मंत्री शेखावत बोले- जल जीवन मिशन की धीमी गति के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार

दो कंपनियों ने 1000 करोड़ का घोटाला किया : सांसद मीणा ने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन में कई फर्मों को नियम-कायदे तोड़कर कार्य दिए, जिसमें से शाहपुरा की गणपति ट्यूबवेल कंपनी और श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी शाहपुरा को ठेका दिया. आरोप है कि दोनों कंपनियों ने 1000 करोड़ का घोटाला किया है. सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि इस तरह से 40 ज्यादा टेंडरों में 20 हजार करोड़ का खेल हुआ है.

नियम विरुद्ध टेंडर हुए जारी : सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के 48 प्रोजेक्ट में 30 से 40% ज्यादा टेंडर दिए गए हैं, जो नियमानुसार 10% से ज्यादा नहीं दिए जा सकते. सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि जो फर्म ने चाहा वह एसीएस (एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, माइंस एंड पेट्रोलियम डिपार्टमेंट) सुबोध अग्रवाल ने कर दिया, मंत्री की भी इस पर सहमति ले ली गई. फर्जी दस्तावेजों के जरिए हजारों करोड़ के काम दे दिए. मीणा ने कहा कि नियम विरुद्ध टेंडर जारी होने की वजह से जल जीवन मिशन योजना के तहत होने वाले कार्य सही तरीके से नहीं हो रहे हैं. आज भी जिस गति के साथ में हर घर नल लगने चाहिए थे, वह नहीं लगे हैं. इतना ही नहीं घरों में जो पुराने नल लगे हुए थे, उन्हें भी कंपनियों ने इस योजना के तहत जोड़कर फर्जी भुगतान उठा लिया.

सीवीसी और थाने में देंगे शिकायत : सांसद मीणा ने कहा कि हजारों करोड़ के घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री तक जांच की मांग की जा चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री भी अपने चहेते मंत्री और अफसर को बचा रहे हैं. ऐसे में अब मंगलवार को तमाम दस्तावेज के साथ सीवीसी यानी सेंट्रल विजिलेंस कमेटी और थाने में इसकी शिकायत दर्ज करा कर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे. मीणा ने कहा कि पहले राज्य के CVC को शिकायत देंगे, नहीं सुनेगे तो सेंट्रल CVC को तक जाएंगे, इसके बाद ईडी में भी शिकायत दर्ज कराएंगे.

पढ़ें. राज्यसभा सांसद ने IT डिपार्टमेंट में 5000 करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप, कहा- सीएम और उनके रिश्तेदार के खिलाफ ED में जाएंगे

मीणा ने की ये मांग :

  1. सारे प्रकरण की जांच CBI को सौंपी जाए, जिसमें ACS सुबोध अग्रवाल, वित्त विभाग के अधिकारियों और PHED के संबंधित मुख्य अभियंताओं की भूमिका की जांच हो, क्योंकि इनके कृत्यों के कारण योजनाओं में विलंब हुआ है. आरोप है कि सुबोध अग्रवाल ने जिन दरों का अनुमोदन करके वित्त विभाग को भेजा, उनको वित्त विभाग ने 30 प्रतिशत ऊंचा पाया. इसका मतलब सुबोध अग्रवाल, पीएचईडी के अधिकारी और वित्त विभाग से पीएचईडी में नियुक्त वित सलाहकार सभी भ्रष्ट हैं और ये सभी बिना पीएचईडी मंत्री की शह के इतनी हिम्मत नहीं कर सकते.
  2. पीएचईडी मंत्री की भूमिका की जांच हो, साथ ही मंत्री महेश जोशी से इस्तीफा लिया जाए.
  3. सरकार सुनिश्चित करें कि इन्हीं योजनाओं के लिए भविष्य में होने वाली निविदाओं में पूल न होने पाए. ऐसी सूचना मिली है कि इन्हीं निविदाओं की दरों में अब 25 प्रतिशत ऊपर का दर विश्लेषण तैयार करवाया जा रहा है जो 4 माह पहले तय की गई. 10 प्रतिशत ऊपर से 15 प्रतिशत ज्यादा है.
  4. जल जीवन मिशन में 50 प्रतिशत पैसा केंद्र का है, इसलिए सीबीआई जांच होनी चाहिए.

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा.

जयपुर. राजस्थान में बीजेपी इस बार विधानसभा चुनाव में गहलोत सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रही है. यही वजह है कि लगातार बीजेपी के नेता गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए खुलासे कर रहे हैं. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत जारी हुई राशि में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उन्होंने दावा किया है कि गहलोत सरकार में पीएचडी मंत्री महेश जोशी और सीनियर आईएएस सुबोध अग्रवाल ने मिलकर 20 हजार करोड़ से अधिक का भ्रष्टाचार किया है.

हर घर नल पहुंचाने में सबसे फिसड्डी : मीणा ने आरोप लगाया कि शाहपुरा की दो कंपनियों को पात्रता नहीं होने के बावजूद फर्जी दस्तावेज पर 1 हजार करोड़ के टेंडर अलॉट किए गए. इस तरह के 40 से ज्यादा टेंडर जारी हुए हैं, जिनमें तकरीबन 20 हजार करोड़ का घोटाला है. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बजट 2019 में घोषणा की थी कि शुद्ध जल हर घर तक पहुंचाना है. 'हर घर जल, हर घर नल' स्लोगन वाले जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए केंद्र सरकार ने दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार हर घर नल पहुंचाने में सबसे फिसड्डी है और 20 हजार करोड़ का घोटाला किया गया है.

पढ़ें. Jal Jeevan Mission : केंद्रीय मंत्री शेखावत बोले- जल जीवन मिशन की धीमी गति के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार

दो कंपनियों ने 1000 करोड़ का घोटाला किया : सांसद मीणा ने कहा कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने जल जीवन मिशन में कई फर्मों को नियम-कायदे तोड़कर कार्य दिए, जिसमें से शाहपुरा की गणपति ट्यूबवेल कंपनी और श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी शाहपुरा को ठेका दिया. आरोप है कि दोनों कंपनियों ने 1000 करोड़ का घोटाला किया है. सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि इस तरह से 40 ज्यादा टेंडरों में 20 हजार करोड़ का खेल हुआ है.

नियम विरुद्ध टेंडर हुए जारी : सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया कि जल जीवन मिशन के 48 प्रोजेक्ट में 30 से 40% ज्यादा टेंडर दिए गए हैं, जो नियमानुसार 10% से ज्यादा नहीं दिए जा सकते. सांसद मीणा ने आरोप लगाया कि जो फर्म ने चाहा वह एसीएस (एडिशनल चीफ सेक्रेटरी, माइंस एंड पेट्रोलियम डिपार्टमेंट) सुबोध अग्रवाल ने कर दिया, मंत्री की भी इस पर सहमति ले ली गई. फर्जी दस्तावेजों के जरिए हजारों करोड़ के काम दे दिए. मीणा ने कहा कि नियम विरुद्ध टेंडर जारी होने की वजह से जल जीवन मिशन योजना के तहत होने वाले कार्य सही तरीके से नहीं हो रहे हैं. आज भी जिस गति के साथ में हर घर नल लगने चाहिए थे, वह नहीं लगे हैं. इतना ही नहीं घरों में जो पुराने नल लगे हुए थे, उन्हें भी कंपनियों ने इस योजना के तहत जोड़कर फर्जी भुगतान उठा लिया.

सीवीसी और थाने में देंगे शिकायत : सांसद मीणा ने कहा कि हजारों करोड़ के घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री तक जांच की मांग की जा चुकी है, लेकिन मुख्यमंत्री भी अपने चहेते मंत्री और अफसर को बचा रहे हैं. ऐसे में अब मंगलवार को तमाम दस्तावेज के साथ सीवीसी यानी सेंट्रल विजिलेंस कमेटी और थाने में इसकी शिकायत दर्ज करा कर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे. मीणा ने कहा कि पहले राज्य के CVC को शिकायत देंगे, नहीं सुनेगे तो सेंट्रल CVC को तक जाएंगे, इसके बाद ईडी में भी शिकायत दर्ज कराएंगे.

पढ़ें. राज्यसभा सांसद ने IT डिपार्टमेंट में 5000 करोड़ के घोटाले का लगाया आरोप, कहा- सीएम और उनके रिश्तेदार के खिलाफ ED में जाएंगे

मीणा ने की ये मांग :

  1. सारे प्रकरण की जांच CBI को सौंपी जाए, जिसमें ACS सुबोध अग्रवाल, वित्त विभाग के अधिकारियों और PHED के संबंधित मुख्य अभियंताओं की भूमिका की जांच हो, क्योंकि इनके कृत्यों के कारण योजनाओं में विलंब हुआ है. आरोप है कि सुबोध अग्रवाल ने जिन दरों का अनुमोदन करके वित्त विभाग को भेजा, उनको वित्त विभाग ने 30 प्रतिशत ऊंचा पाया. इसका मतलब सुबोध अग्रवाल, पीएचईडी के अधिकारी और वित्त विभाग से पीएचईडी में नियुक्त वित सलाहकार सभी भ्रष्ट हैं और ये सभी बिना पीएचईडी मंत्री की शह के इतनी हिम्मत नहीं कर सकते.
  2. पीएचईडी मंत्री की भूमिका की जांच हो, साथ ही मंत्री महेश जोशी से इस्तीफा लिया जाए.
  3. सरकार सुनिश्चित करें कि इन्हीं योजनाओं के लिए भविष्य में होने वाली निविदाओं में पूल न होने पाए. ऐसी सूचना मिली है कि इन्हीं निविदाओं की दरों में अब 25 प्रतिशत ऊपर का दर विश्लेषण तैयार करवाया जा रहा है जो 4 माह पहले तय की गई. 10 प्रतिशत ऊपर से 15 प्रतिशत ज्यादा है.
  4. जल जीवन मिशन में 50 प्रतिशत पैसा केंद्र का है, इसलिए सीबीआई जांच होनी चाहिए.
Last Updated : Jun 19, 2023, 11:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.