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CJI Chandrachud On Court : चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ बोले: हम लैंगिक समानता के मजबूत पक्षधर

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Published : Feb 4, 2023, 2:13 PM IST

Updated : Feb 5, 2023, 7:00 AM IST

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को दिल्ली में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जिसमें संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि हमारी अदालत लैंगिक समानता के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरी है.

CJI Chandrachud On Court
चीफ जस्टिस चंद्रचूड़

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आज दिल्ली एक कार्यक्रम को संबोधित किया. एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने शीर्ष और निचली अदालत की भूमिका पर चर्चा की. इस मौके पर उन्होंने जोर देकर कहा कि अदालत के लिए, कोई भी मामला बड़ा या छोटा नहीं होता. हर मामला महत्वपूर्ण होता है क्योंकि नागरिकों की शिकायतों से जुड़े छोटे मामलों में ही संवैधानिक और न्यायशास्त्रीय महत्व के मुद्दे सामने आते हैं.

  • Delhi | Our court has emerged as a strong proponent of gender equality whether it's the interpretation of the law of inheritance or securing entry of women in the armed forces: CJI DY Chandrachud pic.twitter.com/qHXlqOxJhl

    — ANI (@ANI) February 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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ऐसी शिकायतों को दूर करने में अदालत सादे संवैधानिक दायित्वों का पालन करती है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने हाल के दिनों में हुए कुछ पुराने फैसलों को याद करते हुए कहा कि हमारी अदालत लैंगिक समानता के एक मजबूत समर्थक के रूप में उभरी है, चाहे वह विरासत के कानून की व्याख्या हो या सशस्त्र बलों में महिलाओं के प्रवेश को सुरक्षित करना हो. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय ने न्याय तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किया है.

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने साथ ही कहा कि अदालत के लिए कोई मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है और उसके लिए हर मामला महत्वपूर्ण होता है. उन्होंने भारत के उच्चतम न्यायालय की 73वीं वर्षगांठ पर कहा कि हर दिन, उच्चतम न्यायालय के सामने सैकड़ों मामले होते हैं तथा न्यायाधीशों और रजिस्ट्री के कर्मचारी उनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़़ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने पिछले तीन महीनों में 12,471 मामलों का निस्तारण किया. उन्होंने कहा कि अदालत के लिए, कोई मामला बड़ा या छोटा नहीं होता है - हर मामला महत्वपूर्ण होता है.

उन्होंने कहा कि 23 मार्च, 2020 से 30 अक्टूबर, 2022 के बीच शीर्ष अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए 3.37 लाख मामलों की सुनवाई की. उन्होंने कहा कि हमने अपने वीडियो कॉन्फ्रेंस के बुनियादी ढांचे को अद्यतन किया है. हम सुनवाई के 'हाइब्रिड मोड' के लिए तकनीकी बुनियादी ढांचे का उपयोग करना जारी रख रहे हैं, जो देश के किसी भी हिस्से से पक्षों को अदालती कार्यवाही में शामिल होने की सुविधा देता है.

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Last Updated :Feb 5, 2023, 7:00 AM IST
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