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पराग ही नहीं, इन अमेरिकी कंपनियों के भी बॉस भारतीय हैं

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Published : Nov 30, 2021, 12:15 PM IST

Updated : Nov 30, 2021, 8:07 PM IST

अमेरिका की कई बड़ी- बड़ी कंपनियों की बागडोर भारतीय ही संभाल रहे हैं. इनमें से Twitter के सीईओ पराग अग्रवाल भी शामिल हो गए हैं. गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, आईबीएम और क्लाउड कंप्युटिंग कंपनी के सीईओ भी भारतीय मूल के ही व्यक्ति हैं.

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इन अमेरिकी कंपनियों के बॉस, भारतीय ही है

नई दिल्ली: दुनिया की कई दिग्गज टेक कंपनियों की बागडोर भारतीय मूल के व्यक्ति के पास है. इस सूची में अब पराग अग्रवाल का भी नाम जुड़ गया है. पराग अग्रवाल ट्विटर के सीईओ बनाए गए हैं. इससे पहले गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और एडोब जैसी कंपनियों का जिम्मा भी भारतीय ही संभाल रहे हैं. आइए एक नजर डालते हैं.

ट्विटर (Twitter)

Twitter के को- फाउंडर फाउंडर जैक डोर्सी ने सोमवार को सीईओ पद से त्यागपत्र दे दिया. उनके स्थान पर अब नये सीईओ की नियुक्ति भारतीय मूल के पराग अग्रवाल की हुई है. पराग ने आईआईटी मुंबई से पढ़ाई की है. 2010 में उन्होंने ट्विटर ज्वाइन किया था.

गूगल (Google)-सुंदर पिचाई

विश्व की प्रतिष्ठित कंपनियों में से एक गूगल के सीईओ भारतीय ही हैं. उनका नाम सुंदर पिचाई है. पिचाई आईआईटियन हैं. उन्होंने मद्रास से बीटेक की डिग्री ली है. पिचाई ने वर्ष 2004 में गूगल के साथ काम करना शुरू किया था. वर्ष 2019 में पिचाई को गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का सीईओ बना दिया गया है.

सुंदर पिचाई का जन्म तमिलनाडु के मदुरै में हुआ. उन्होंने अपनी पढ़ाई आईआईटी खड़गपुर से की है. उसके बाद उन्होंने वारटन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया है. उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से भी डिग्री प्राप्त की है. गूगल के सीईओ बनने से पहले पिचाई गूगल इंटरनेट बिजनेस में प्रॉडक्ट एंड इंजीनियरिंग इंचार्ज थे. जिस दिन जीमेल लॉन्च किया गया था, उसी दिन पिचाई ने गूगल में ज्वाइन किया था. यह साल था 2004. गूगल क्रोम को पिचाई ने ही विकसित किया है. उन्होंने गूगल टूलबार को भी डेवलप करने में बड़ी भूमिका निभाई है. पिचाई ने एक बार कहा था कि उन्होंने पहली बार कंप्यूटर खड़गपुर में देखा था. उन्होंने मैटलर्जिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी. पिचाई को क्रिकेट खेलना भी काफी पसंद है. वह अपनी स्कूल टीम के कैप्टन भी थे. गूगल से पहले पिचाई मैकिन्से एंड कंपनी में कंसल्टेंट थे.

सॉफ्टवेयर की सबसे बड़ी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट

इस प्रतिष्ठित कंपनी के सीईओ भी भारतीय ही हैं. हैदराबाद में पैदा हुए सत्या नडेला माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ 1992 में बने. नडेला 1992 में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े. उन्होंने विंडो सर्वर, डेवलपर्स टूल जैसे कई उत्पादों का नेतृत्व किया. उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग का मास्टर माना जाता है. उन्हें क्लाउड गुरु भी कहा जाता है. कहा जाता है कि माइक्रोसॉफ्ट की एक बैठक में उन्होंने ही क्लाउड कंप्यूटिंग का सुझाव दिया था. उन्होंने ऑनलाइन सर्विसेज, बिजनेस डिवीजन और बिजनेस सोल्युसंस में भी बड़ी भूमिका निभाई है. माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सेवा का नाम अजूर है. अजूर को विकसित करने में सत्य नडेला महत्वपूर्ण रहे हैं. वह माइक्रोसॉफ्ट के इतिहास में तीसरे सीईओ रहे हैं. उनसे पहले बिल गेट्स और स्टीव बामर इसके सीईओ रह चुके थे. नडेला ने बेगमपेट के हैदराबाद पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की है. उन्होंने विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी से एमएस किया. एमबीए की डिग्री उन्होंने शिकागो से ली है.

एडोब (Adobe)

सॉफ्टवेयर की प्रतिष्ठित कंपनी एडोब के सीईओ शांतनु नारायण हैं. शांतनु नारायण ने हैदराबाद से पढ़ाई की है. उनकी मां अमेरिका में लेक्चरर रह चुकी हैं. उनके पिता प्लास्टिक कंपनी चलाते थे. शांतनु ने उस्मानिया यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक्स से डिग्री ली है. उसके बाद वह कैलिफोर्निया चले गए. बर्कले से एमबीए की डिग्री ली. उन्होंने ओहायो से कंप्यूटर साइंस में पीजी किया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एप्पल कंपनी से जुड़ कर की थी. उसके बाद वह सिलिकॉन ग्राफिक्स और पिक्ट्रा इंक के सह-संस्थापक बने. नारायण ने 1998 में एडोब में वैश्विक उत्पाद शोध के लिए सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के तौर पर प्रवेश किया. बाद में कंपनी ने उन्हें वाइस प्रेसिडेंट बना दिया. 12 नवंबर 2007 से वह एडोब के सीईओ हैं.

रघु रघुरामन, VMware, Cloud computing company

इसी साल अप्रैल में रघु रघुरामन VMware, Cloud computing company के सीईओ बने. वह 2003 से इस कंपनी से जुड़े हैं. रघु रघुराम 2003 में वीएमवेयर में शामिल हुए थे. इससे पहले वह एओएल कंपनी में थे. रघुराम ने आईआईटी मुंबई से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीजी किया है. उन्होंने व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए की डिग्री ली है.

अरविंद कृष्णा

अरविंद कृष्णा इंटरनेशनल बिजनेस मशीन यानी आईबीएम के सीईओ हैं. उन्होंने देहरादून और कानपुर से पढ़ाई की है. इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में आईआईटी कानपुर से बीटेक किया. उसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस से पीएचडी किया. अरविंद ने 1990 में आईबीएम ज्वाइन किया था. आईबीएम कंपनी की शुरुआत 1911 में हुई थी. इस समय यह कंपनी 170 देशों में अपना कारोबार कर रही है. आपको बता दें कि इस कंपनी में लगभग पौने चार लाख लोग काम करते हैं. अरविंद जब आईबीएम के सीईओ बने थे, तब कंपनी ने एक बायन जारी कर उनकी प्रशंसा की थी. कंपनी ने कहा था कि अरविंद ने पिछले एक दशक से ज्यादा वक्त में टेक्नोलॉजी, विजन और बिजनेस के मामले में अपनी काबिलियत साबित की है. हम मानते हैं कि वो अगली पीढ़ी के हिसाब से टेक्नोलॉजी तैयार करने में अहम किरदार निभाएंगे. आईबीएम के सीईओ बनने से पहले अरिवंद रोमेटी के सीईओ थे. रोमेटी ने टेक्नोलॉजी फ्रंट पर काम तो किया, लेकिन उसकी मार्केट कैप बहुत अधिक अच्छी नहीं रही.

नीरज एस शाह

वह वेफेयर इंक कंपनी के सीईओ हैं. यह एक ई-कॉमर्स कंपनी है. यह मुख्य रूप से फर्नीचर और घरेलू सामान बेचती है. इस कंपनी की स्थापना 2002 में हुई थी.

निकेश अरोड़ा पालो

निकेश अरोड़ा पालो अल्टो नेटवर्क के सीईओ हैं. यह कंपनी साइबर सिक्योरिटी सेवा प्रदान करती है. इससे पहले पालो सॉफ्ट बैंक और गूगल में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

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Last Updated :Nov 30, 2021, 8:07 PM IST
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