ETV Bharat / bharat

Rajasthan Crisis: सोनिया ने गहलोत को नहीं दिया मिलने का समय !

author img

By

Published : Sep 28, 2022, 4:14 PM IST

Updated : Sep 28, 2022, 4:29 PM IST

सोनिया और गहलोत
सोनिया और गहलोत

राजस्थान कांग्रेस में उठा-पटक की स्थिति बनी हुई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने नई दिल्ली पहुंच रहे हैं, लेकिन सोनिया गांधी ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया है. पढ़िए इस पर हमारे वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की विशेष रिपोर्ट...

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) दिल्ली पहुंच रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें समय नहीं दिया है. इस बात की जानकारी पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बुधवार को दी है. एआईसीसी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि पार्टी अध्यक्ष द्वारा गहलोत को कोई नियुक्ति नहीं दी गई है. वहीं गहलोत खेमे के अनुसार, मुख्यमंत्री अगले कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में अपनी उम्मीदवारी पर लगाए गए प्रश्न चिह्न का समाधान खोजने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं.

हालांकि, थोड़ी देर पहले कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बयान दिया है कि राजस्थान संकट का समाधान एक दो दिन में ढूंढ लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम प्रजातंत्र में विश्वास करते हैं और हमारे यहां पर सबकुछ प्रजातांत्रिक तरीके से चर्चा होती है.

  • Kerala | No drama in Rajasthan. Everything will be clear in a day or two. Media may see this as a drama but at least you are discussing the INC president election... we are doing it in a very democratic manner, it will end in two days smoothly: Congress leader, KC Venugopal pic.twitter.com/eqizeMyOWB

    — ANI (@ANI) September 28, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

गौरतलब है कि सोनिया गांधी ने गहलोत को पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुना था, लेकिन उनके समर्थक विधायकों का विद्रोह, जो रविवार को उनकी जानकारी के बिना नहीं होता, अब अनुभवी नेता के साफ-सुथरे करियर पर एक धब्बे के रूप में देखा जा रहा है. एआईसीसी के वरिष्ठ पदाधिकारी ने इस बात का संकेत देते हुए कहा कि कांग्रेस प्रमुख शीर्ष पद के लिए गहलोत के प्रतिस्थापन की पहचान करने की कोशिश कर रहे थे. सोनिया गांधी देश भर के वरिष्ठ नेताओं के साथ विचार-विमर्श कर रही हैं, कि गतिरोध कैसे समाप्त किया जाए. वह जल्द ही एक निर्णय लेगीं.

सूत्रों के मुताबिक, सोनिया के करीबी एके एंटनी और अंबिका सोनिया को सेवा में लगाया गया है और वे विचार-विमर्श की सुविधा दे रहे हैं, ताकि अगले कांग्रेस अध्यक्ष के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितंबर से पहले एक समाधान को अंतिम रूप दिया जा सके. इससे पहले कि सोनिया गांधी अपनी राय कायम करें, पूरी कांग्रेस ने प्रतीक्षा करो और देखो का तरीका अपनाया है और महत्वपूर्ण मामले में कोई अनुमान लगाने से परहेज कर रही है. जिस पर सोनिया गांधी का आशीर्वाद होगा, वही अगला कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा.

पढ़ें: उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे : शिवसेना पर किसका कितना हक, जानिए दावे की हकीकत

एआईसीसी महासचिव जेपी अग्रवाल ने बताया कि चलिए एक-दो दिन इंतजार करते हैं. उनके द्वारा चुना गया व्यक्ति अंतिम तिथि पर नामांकन दाखिल कर सकता है. पार्टी के शीर्ष पद के लिए गहलोत की उम्मीदवारी पर मंडरा रहे बादल राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहने की उनकी इच्छा से संबंधित हैं और उनका मानना है कि अगर उन्हें संवैधानिक पद छोड़ना पड़े, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उनकी पसंद का व्यक्ति स्थापित किया जाए. एआईसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गहलोत खेमे के विधायकों द्वारा विद्रोह के मुद्दे को संबोधित किया गया है.

उनके तीन करीबी सहयोगियों को गंभीर अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस दिया गया है. उन्हें 10 दिनों में जवाब देना होगा. सोनिया गांधी द्वारा शुरू की गई दिग्गजों के साथ व्यस्त बातचीत के पीछे का कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि 'लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के लिए खिड़की छोटी है.' सूत्रों के अनुसार नामांकन के लिए कम समय में गहलोत खेमे में भी बेचैनी पैदा हो गई है, जिससे मुख्यमंत्री को पार्टी अध्यक्ष को अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए दिल्ली भागना पड़ा.

छत्तीसगढ़ के मंत्री टीएस सिंह देव ने पहले ही गहलोत की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर सीएम अपने विधायकों को नियंत्रित करने में सक्षम नहीं थे, तो वह राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का प्रबंधन कैसे करेंगे. पुराने समय के लोगों ने नोट किया कि गहलोत को सोनिया गांधी ने पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुना था क्योंकि उन्हें गांधी परिवार का विश्वासपात्र माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों में स्थिति नाटकीय रूप से बदल गई थी.

एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब संबंध इतने करीबी होते हैं, तो दोनों तरफ उम्मीदें अधिक होती हैं. एक छोटी सी गलतफहमी भी एक दरार पैदा कर सकती है. दिल्ली रवाना होने से पहले गहलोत ने एक अहम घटनाक्रम में राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र से फोन पर बात की.

Last Updated :Sep 28, 2022, 4:29 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.