जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को नाथद्वारा मंदिर (संशोधन) विधेयक 2022 और श्री सांवलिया जी मंदिर (संशोधन) विधेयक 2022 पर हो रही बहस में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हिस्सा लिया. इस दौरान सदन में एक-दूसरे को नास्तिक और आस्तिक कहने के साथ ही मंत्री रामलाल जाट और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया. वहीं, इस बीच भाजपा और कांग्रेस के विधायक सदन में ही जय श्रीराम के नारे लगाने लगे. दरअसल, राजेंद्र राठौड़ ने सदन में बोलते हुए मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की और कहा कि प्रदेश में मंदिर की जमीन पर भू माफियाओं की नजर है. यहां पुजारियों पर अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
गिनाई खौफ की दास्तांः राठौड़ ने कहा कि सपोटरा में बाबूलाल वैष्णव को पेट्रोल डालकर जला दिया गया तो जयपुर के मुरलीपुरा में लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी गिर्राज को खुदकुशी करनी पड़ी. इसी तरह राजसमंद के देवगढ़ में नवरत्न लाल को पेट्रोल बम से उड़ा दिया गया. राठौड़ ने कहा ये हालत वाकई चिंताजनक है, क्योंकि सरकार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. इस बीच जब राठौड़ दोनों मंदिरों के बिलों के इतर बोलने लगे तो उन्हें पहले सभापति ने रोका और फिर मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि आप जो ज्ञान दे रहे हैं, वो किसी और दिन काम में लेना. फिलहाल नाथद्वारा और सांवलिया मंदिर के बारे में चर्चा कीजिए.
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मंत्री पर राठौड़ का प्रहारः वहीं, मंत्री ममता भूपेश की टिप्पणी पर राजेंद्र राठौड़ ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की खूबसूरती है कि हम जो भी बोलते हैं, वो रिकॉर्ड में जाता है. आपने यह बोलकर इन मंदिरों और पंडितों का जो विरोध किया है. उसे मैं निकलवाकर आपकी विधानसभा क्षेत्र सिकराय के गली-कूचे में लोगों को सुनाऊंगा और बताऊंगा कि आपका असली चेहरा क्या है. इस पर मंत्री बीडी किल्ला खड़े हुए और कहा कि मंत्री ममता भूपेश ने विरोध नहीं किया है. हालांकि, अभी कल्ला गहमागहमी को शांत करा ही रहे थे कि इतने में एक बार फिर मंत्री ममता भूपेश उठ खड़ी हुई. उन्होंने कहा कि चर्चा जिन मंदिरों की चल रही है उनके बारे में बात कीजिए, क्योंकि यह महत्वपूर्ण बिल है और आप जैसे विद्वान व्यक्ति से यह उम्मीद करते हैं कि आप उन मंदिरों के बारे में भी कुछ बोलेंगे.
चला आरोप-प्रत्यारोप का दौरः इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि वो हर साल सांवलिया सेठ और नाथद्वारा मंदिर जाते हैं. वो उनकी तरह नास्तिक नहीं हैं. वो तो एक आस्तिक व्यक्ति हैं. उनकी इस टिप्पणी पर मंत्री ममता भूपेश ने आपत्ति जताई और कहा कि वो मेहंदीपुर बालाजी का तिलक अपने सिर पर लगा कर आई हैं. उन्हें वो नास्तिक कैसे कह सकते हैं. अभी मंत्री बोल ही रही थी कि इतने में राजेंद्र राठौड़ ने फिर अपनी बात दोहराई और उन्हें एक बार फिर नास्तिक कह दिया.
सदन में हुआ हनुमान चालीसा का पाठः इस पर मंत्री ने कहा कि वो राजेंद्र राठौड़ जैसे आस्तिक होने का दिखावा नहीं करती हैं. इस पर उपनेता प्रतिपक्ष ने सदन में माफी मांगते हुए कहा कि अगर मंत्री हनुमान चालीसा पढ़कर सुना दें तो वो मान जाएंगे कि वो आस्तिक हैं. जिसके बाद राजेंद्र राठौड़ ने खुद सदन में हनुमान चालीसा पढ़नी शुरू कर दी. इस पर मंत्री रामलाल जाट भी सदन में हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे.
राठौड़ ने सरकार से की ये अपीलः सदन में इसके बाद कुछ देर शांति रही और राठौड़ ने फिर बोलना शुरू किया. उन्होंने कहा कि मंदिर माफी की जमीन के बारे में जो परिपत्र भाजपा ने 12 सितंबर, 2018 को जारी किया था, उसमें मंदिर की मूर्ति को माइनर और पुजारी को सब टेनेट के रूप में उल्लेखित किया गया था. उस परिपत्र के आधार पर काम करना चाहिए और सरकार को मंदिर की जमीन को बचाना चाहिए. इस प्रकार के एक्ट लाने से या जय सियाराम कहने से आप राम भक्त नहीं होंगे. आप रामसेतु तोड़ने वाले लोग हैं. आप तो भगवान राम की आस्था पर सवाल करने वाले लोग हैं. इस पर सदन में दोनों पक्षों की ओर से जय सियाराम के नारे लगने लगे.
सदन में जमकर हुई बहसः वहीं, इस दौरान मंत्री बीडी कल्ला खड़े हुए और उन्होंने उपनेता प्रतिपक्ष से कहा कि धर्म की परिभाषा आप बता दो कि हिंदू किसे कहते हैं. इस पर कांग्रेस विधायक रफीक खान ने कहा कि कल्लाजी से टक्कर ले कर बताओ पता लग जाएगा तो विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि अब रफीक खान भी यह बताने लगे हैं कि हिंदू किसे कहते हैं. हिंदू भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिंदू है. यह कोई धर्म नहीं है, यह तो अपने आप में एक जीवन शैली है.