उदयपुर. आरपीएससी पेपर लीक मामले को लेकर लगातार कई खुलासे से सामने आ रहे हैं. आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा से पूछताछ में पेपर लीक से जुड़ी कई कहानियां सामने आ रही हैं. वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा पेपर लीक मामले में बाबूलाल कटारा फिलहाल जेल के सलाखों में है, लेकिन अब इस मामले में सामने आया है कि बाबूलाल कटारा ने परीक्षा के दिन से 60 दिन पहले अक्टूबर में ही पेपर लीक कर दिया था.
पेपर लीक की खुल रही गुत्थी : पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटरा ने एसओजी की पूछताछ में कई राज उगले हैं. वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा 24 दिसंबर को होने वाली थी, लेकिन कटारा ने इस परीक्षा का पेपर 60 दिन पहले यानी अक्टूबर में ही लीक कर दिया था. दरअसल, कटारा के पास विशेषज्ञों से पेपर सेट कराने की जिम्मेदारी थी, जिसका उसने गलत फायदा उठाते हुए पेपर लीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. पेपर तैयार होते ही वह सभी सेट की मूल प्रति अपने सरकारी आवास पर ले गया. वहां भांजे विजय से सभी सवाल दूसरे कागज पर लिखवाए. इसके बाद उसने प्रिंटिंग के लिए पेपर कार्यालय में जमा करा दिया.
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कटारा के भांजे ने भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका : पेपर लीक मामले को लेकर आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा के भांजे को भी गिरफ्तार किया गया. कटारा ने अपने भांजे को एक पर्चे पर सवाल लिखवा दिए. विजय के लिखे पर्चे की फोटो शेर सिंह ने मोबाइल में ली थी, जिसके बाद पर्चा कई आरोपियों तक पहुंचा. यह तथ्य चार्जशीट में सामने आए हैं. बता दें कि यह तथ्य एसओजी के चार्जशीट में सामने आए हैं. एसओजी ने कटारा, विजय और गोपाल के खिलाफ गुरुवार को उदयपुर की कोर्ट में चालान पेश किया है.
यहा है पूरा मामला : पिछले साल 24 दिसंबर को आरपीएससी की ओर से वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के सामान्य विज्ञान के पेपर से पहले पुलिस ने उदयपुर जिले में कार्रवाई करते हुए चलती बस में पेपर हल करवाने के मामले का खुलासा किया था. बस से 55 अभ्यर्थियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. यह मामला सामने आने के बाद आरपीएससी ने इस पेपर को आउट मानते हुए सामान्य विज्ञान की परीक्षा निरस्त कर दोबारा परीक्षा आयोजित करवाई थी.