PMT फर्जीवाड़ा मामले में 2 डॉक्टरों को 4 साल की सजा, जगपाल सिंह और दुष्यंत भदोरिया को भेजा जेल
ग्वालियर। सीबीआई की विशेष अदालत ने फर्जी तरीके से पीएमटी परीक्षा पास (pmt forgery case) करके ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले पूर्व छात्र एवं कानपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व छात्र को चार-चार साल की सजा से दंडित किया है. उन पर लगभग 26 हजार रुपए से ज्यादा का अर्थदंड भी लगाया गया है. खास बात यह है कि यह मामला एसआईटी एवं सीबीआई जांच में उजागर नहीं हुआ था. सिर्फ मुखबिर की सूचना पर इस मामले की जांच पड़ताल की गई. जिसमें उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले जगपाल सिंह ने कानपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान बिचौलिए के माध्यम से भिंड के रहने वाले दुष्यंत सिंह भदोरिया के स्थान पर जबलपुर में परीक्षा दी थी. अमूमन ग्वालियर चंबल संभाग के छात्र सेंटर के रुप में ग्वालियर को ही चुनते हैं, लेकिन इस मामले में 2010 में सोची समझी साजिश के तहत फर्जीवाड़ा किया गया था और उसी के तहत मोटी रकम लेने के बाद जगपाल सिंह मूल परीक्षार्थी दुष्यंत सिंह भदोरिया के स्थान पर जबलपुर में परीक्षा देने गया था. इस परीक्षा में दुष्यंत को उत्तीर्ण घोषित किया गया था, लेकिन एक गोपनीय शिकायत पर इस मामले की जांच शुरू की गई. दुष्यंत की ओएमआर शीट एवं प्रश्नपत्र को व्यापम से और आवंटन पत्र तथा शपथ पत्र को मेडिकल कॉलेज से हासिल किया गया था. दस्तावेजों में पता लगा था कि दोनों ही स्थानों पर अलग-अलग हैंडराइटिंग थी. बाद में जगपाल सिंह की हैंडराइटिंग से ओएमआर शीट मिलाई गई. जहां उसकी राइटिंग मैच कर गई. इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में दुष्यंत सिंह भदोरिया और जगपाल सिंह को 4-4 साल की सजा से दंडित किया है(2 doctors sentenced to 4 years) और उन्हें न्यायालय के निर्देश पर जेल रवाना कर दिया गया है. यह मामला पीएमटी परीक्षा 2010 से जुड़ा हुआ है.